रायसेन। सिलवानी में चना उपार्जन केंद्र पर किसानों के साथ अवैध वसूली और अव्यवस्थाओं के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. जिसके बाद रायसेन कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने मामले को अपने संज्ञान में लिया, और शनिवार को कृषि उपज मंडी में बनाए गए चना खरीदी उपार्जन केंद्र के साथ ही कई उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण किया. इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को किसानों की व्यवस्थाओं को लेकर दिशा निर्देश दिए ताकि किसानों को उपज बेचने में कोई परेशानी न हो.
चना खरीदी के उपार्जन केंद्रों में लगातार अव्यवस्थाओं के मामले सामने आ रहे थे. जिसके बाद रायसेन कलेक्टर ने खुद सिलवानी के कृषि उपज मंडी और चना खरीदी उपार्जन केंद्र पर पहुंचकर निरीक्षण किया. साथ ही किसानों से चने की फसल मे उपार्जन केंद्रों पर आ रही परेशानी को लेकर चर्चा करते हुए कृषि उपज मंडी समिति को किसानों के चने की उपज में ज्यादा मात्रा में आ रहे तेवड़ा को छानने के लिए 6 छन्ने लगाने के निर्देश दिए. ताकि किसान अपने चने की उपज को साफ करके उपार्जन केंद्रों पर बेच सके.
रायसेन कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने बताया कि पिछले साल चने के साथ 2 प्रतिशत तेवड़ा की छूट दी गई थी जो इस बार नहीं दी गई है. किसानों के चने की उपज में तेवड़ा काफी ज्यादा मात्रा मे आ रहा है. जिसे उपज केंद्रों में नहीं बेचा जा सकता, इसके साथ ही उन्होंने बताया कि किसानों के लिए ठंडे पानी की व्यवस्था के साथ-साथ खुले उपार्जन केंद्रों पर टेंट की व्यवस्था की गई है.
ब्लॉक के अंदर करीब 252 गांव आते हैं जहां रजिस्टर्ड किसान करीब 35 हजार हैं, साल 2020 में करीब 15 हजार एकड़ में किसानों ने चने की बोवनी की थी. जिसमे लगभग 2 लाख क्विंटल से अधिक की चने की पैदावार हुई है. जिसमें से अभी तक सिर्फ किसानों के करीब 4 हजार क्विंटल की ही तौल हो पाई है.