भोपाल। रायसेन का रहने वाला 3 साल का लाव्यांश कुशवाहा बचपन से सुन नहीं सकता था. डॉक्टर एसपी दुबे ने बताया कि कॉकेलियर इंप्लांट सर्जरी से उनका बच्चा सामान्य बच्चों की तरह सुन और बोल सकेगा. इसके बाद इन्होंने कागजी कार्रवाई करने के बाद बच्चे का ऑपरेशन करवाया, लेकिन ऑपरेशन जिस दिन सफल हुआ. उस दिन लाव्यांश का जन्मदिन था. जिसे अस्पताल में डॉक्टरों के साथ मनाया गया.
बच्चे का कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी: डॉक्टर एसपी दुबे ने बताया कि "साढ़े छह लाख रुपए लागत का यह इलाज मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना से बिलकुल मुफ्त में होता है. इनके पिताजी जब बच्चे को लेकर आए. उसके बाद उन्होंने जिला अस्पताल से संपर्क किया. आज बच्चे के तीसरे जन्मदिन पर दिव्य एडवांस्ड ईएनटी क्लिनिक में उसकी कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी की गई. मध्यप्रदेश में करीब बीस ऐसे सेंटर है, जहां मुख्य बाल श्रवण योजना के तहत कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी बिलकुल मुफ्त होती है. अब तक प्रदेश के लगभग दो हजार जन्मजात बच्चे इसका लाभ ले चुके है. इस बारे में जागरूकता बढ़ाई जाए, ताकि पैदा होते ही बच्चों के सुनने की जांच हो. एक साल की उम्र तक यह सर्जरी हो जाए. जितनी कम उम्र में सर्जरी होगी. भाषा का विकास उतना अच्छा होगा."
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कॉकेलियर इंप्लांट की खासियत: डॉक्टर दुबे ने बताया कि "कॉकेलियर इंप्लांट एक छोटी सी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होती है. जिसे उन मरीजों के कान में फिट किया जाता है जो सुन नहीं सकते. यह सर्जरी के माध्यम से फिट किया जाता है. लाव्यांश को भी सर्जरी के माध्यम से अभी इसे फिट किया गया है, लेकिन लगभग एक महीने बाद जब जिसके टांके खुलेंगे. उसके बाद ही इसको सुनाई देगा. जहां तक इसके बोलने का सवाल है तो सुनने और बोलने की क्षमता धीरे-धीरे थैरेपी के माध्यम से होगी."