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कोरोना काल में आर्थिक संकट के बाद मूर्तिकारों को दीपावली से उम्मीद

रायसेन जिले के मिट्टी कारीगर दीपावली पूजन के लिए लक्ष्मी जी की मूर्ति की तैयारी में लगे हुए हैं. मूर्तिकारों को दीपावली से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि पहले ही कोरोना काल में मूर्तिकारों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था.

Clay craftsman expecting from diwali
मूर्ति कारों को अब दिवाली से उम्मीद
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Published : Nov 8, 2020, 2:56 PM IST

रायसेन। कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन ने पहले ही लोगों को आर्थिक संकट में डाल दिया है. मूर्ति कारों को गणेश उत्सव और दुर्गा उत्सव में काफी नुकसान उठाना पड़ा. जहां अब यह मूर्ति कारों को दीपावली पर होने वाली लक्ष्मी पूजा से उम्मीद है.

दीपावली के कुछ ही दिन बचे हुए हैं. जिले के मिट्टी कारीगर कुम्हार लक्ष्मी जी की मूर्तियां बनाने में लगे हुए हैं. कुम्हारों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से गणेश उत्सव का सीजन घाटे में गया. दुर्गा उत्सव में भी जो बड़ी मूर्तियां में प्रॉफिट होता था वह मूर्तियां बनी नहीं, जिससे काफी नुकसान उठाना पड़ा है. मिट्टी कारीगरों को गणेश उत्सव और दुर्गा उत्सव में नुकसान होने के बाद अब लक्ष्मी जी से काफी उम्मीदें हैं. क्षेत्र के मूर्तिकार लक्ष्मी जी की मूर्ति की तैयारी में लगे हुए हैं.

यह भी पढ़ें:- इस बार शनि पुष्य नक्षत्र होगा लाभकारी, 17 साल बाद दीपावली पर बन रहा सर्वार्थ सिद्धि योग

मूर्तिकारों को दीपावली से उम्मीद

हिंदू धर्म में मूर्ति पूजा का बड़ा महत्व है. लगभग सभी त्योहारों में मूर्तियों की पूजा की जाती है. लेकिन गणेश चतुर्थी और नवदुर्गा ऐसे त्योहार हैं, जिसमें भक्त पांडालों में बड़ी-बड़ी मूर्तियां रखकर पूजा पाठ करते हैं. इन्हीं त्योहारों में मूर्तियां बनाकर कलाकार अपना गुजर बसर करते हैं. उनका परिवार का पालन पोषण मूर्ति बनाकर ही चलता है. लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने बड़े पंडाल रखने पर प्रतिबंध लगाया हुआ था. जिसके चलते ये कलाकार पिछले छह महीनों से बेरोजगार बैठे हुए थे. वहीं अब दीपावली में लक्ष्मी पूजन के लिए लोग लक्ष्मी जी की मूर्ति खरीदते हैं. जिसके लिए मूर्ति कार लक्ष्मी जी की मूर्तियां बनाने में लगे हैं. मूर्ति कारों को अब दीपावली से उम्मीदें हैं क्योंकि पहले ही गणेश चतुर्थी और नवदुर्गा में उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा था.

रायसेन। कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन ने पहले ही लोगों को आर्थिक संकट में डाल दिया है. मूर्ति कारों को गणेश उत्सव और दुर्गा उत्सव में काफी नुकसान उठाना पड़ा. जहां अब यह मूर्ति कारों को दीपावली पर होने वाली लक्ष्मी पूजा से उम्मीद है.

दीपावली के कुछ ही दिन बचे हुए हैं. जिले के मिट्टी कारीगर कुम्हार लक्ष्मी जी की मूर्तियां बनाने में लगे हुए हैं. कुम्हारों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से गणेश उत्सव का सीजन घाटे में गया. दुर्गा उत्सव में भी जो बड़ी मूर्तियां में प्रॉफिट होता था वह मूर्तियां बनी नहीं, जिससे काफी नुकसान उठाना पड़ा है. मिट्टी कारीगरों को गणेश उत्सव और दुर्गा उत्सव में नुकसान होने के बाद अब लक्ष्मी जी से काफी उम्मीदें हैं. क्षेत्र के मूर्तिकार लक्ष्मी जी की मूर्ति की तैयारी में लगे हुए हैं.

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मूर्तिकारों को दीपावली से उम्मीद

हिंदू धर्म में मूर्ति पूजा का बड़ा महत्व है. लगभग सभी त्योहारों में मूर्तियों की पूजा की जाती है. लेकिन गणेश चतुर्थी और नवदुर्गा ऐसे त्योहार हैं, जिसमें भक्त पांडालों में बड़ी-बड़ी मूर्तियां रखकर पूजा पाठ करते हैं. इन्हीं त्योहारों में मूर्तियां बनाकर कलाकार अपना गुजर बसर करते हैं. उनका परिवार का पालन पोषण मूर्ति बनाकर ही चलता है. लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने बड़े पंडाल रखने पर प्रतिबंध लगाया हुआ था. जिसके चलते ये कलाकार पिछले छह महीनों से बेरोजगार बैठे हुए थे. वहीं अब दीपावली में लक्ष्मी पूजन के लिए लोग लक्ष्मी जी की मूर्ति खरीदते हैं. जिसके लिए मूर्ति कार लक्ष्मी जी की मूर्तियां बनाने में लगे हैं. मूर्ति कारों को अब दीपावली से उम्मीदें हैं क्योंकि पहले ही गणेश चतुर्थी और नवदुर्गा में उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा था.

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