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एक तरफ पहाड़, दूसरी ओर मौत की खाईं, फिर भी 'जख्मी' सड़क से यात्रा कर रही आवाम

रायसेन जिले में भारी बारिश के चलते स्टेट हाइवे-44 पर पड़ने वाले जमुनिया घाटी सड़क मार्ग की हालत खस्ता हो गई है. जिससे गंभीर हादसा होने की आशंका बनी रहती है.

जमुनिया घाटी सड़क मार्ग
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Published : Sep 10, 2019, 1:32 PM IST

रायसेन। पूरा प्रदेश भारी बारिश के चलते बेहाल है, बारिश के चलते ज्यादातर इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गये हैं. गैरतगंज-सिलवानी को जोड़ने वाली एक मात्र सड़क भी बारिश में बह गई है. इसके बावजूद लोग जोखिम उठाकर टूटी सड़क से अपनी मंजिल तक का सफर तय कर रहे हैं. जिससे किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है.

जमुनिया घाटी सड़क मार्ग की हालत खस्ता

सिलवानी से महज पांच किलोमीटर की दूरी से ही जमुनिया घाटी शुरू हो जाती है. इस घाटी की लंबाई लगभग 6 किलोमीटर है. जिसके एक तरफ पहाड़ हैं तो दूसरी ओर गहरी खाई. जिसके बीच से ये सड़क गुजरती है, जो बारिश में कहीं अंदर से खोखली हो चुकी है तो कहीं टूटी हुई सड़क साफ नजर आ रही है. ऐसे में कोई वाहन इस गड्ढे में गिरता है तो उस वाहन के जरिए यात्रा करने वालों के बचने की गुंजाइश न के बराबर रहेगी.
प्रशासन ने कुछ साल पहले खाई की ओर लगभग 5 फीट की दीवार बनाई थी. प्रशासन ने दीवार का निर्माण तो करा दिया, लेकिन रख-रखाव कराना भूल गया. जिसके चलते बारिश के साथ दीवार का हिस्सा भी बह गया. आलम ये है कि अगर किसी वाहन चालक से थोड़ी सी चूक हो गई तो वह सीधे खाई में जा गिरेगा. इतना ही नहीं पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से बारिश के चलते रोड पर बड़े-बड़े पत्थर भी बिखरे हैं. जिससे रात में वाहन चालकों के साथ दुर्घटना हो सकती है.

वहीं प्रशासन क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत कराने की बजाय मिट्टी की बोरियों का घेरा बनाकर जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहा है. इस मामले में सिलवानी एसडीएम संजय उपाध्याय ने बताया कि अधिकारियों को आदेश दिये गये हैं. जल्द ही समस्या का समाधान किया जायेगा.

रायसेन। पूरा प्रदेश भारी बारिश के चलते बेहाल है, बारिश के चलते ज्यादातर इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गये हैं. गैरतगंज-सिलवानी को जोड़ने वाली एक मात्र सड़क भी बारिश में बह गई है. इसके बावजूद लोग जोखिम उठाकर टूटी सड़क से अपनी मंजिल तक का सफर तय कर रहे हैं. जिससे किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है.

जमुनिया घाटी सड़क मार्ग की हालत खस्ता

सिलवानी से महज पांच किलोमीटर की दूरी से ही जमुनिया घाटी शुरू हो जाती है. इस घाटी की लंबाई लगभग 6 किलोमीटर है. जिसके एक तरफ पहाड़ हैं तो दूसरी ओर गहरी खाई. जिसके बीच से ये सड़क गुजरती है, जो बारिश में कहीं अंदर से खोखली हो चुकी है तो कहीं टूटी हुई सड़क साफ नजर आ रही है. ऐसे में कोई वाहन इस गड्ढे में गिरता है तो उस वाहन के जरिए यात्रा करने वालों के बचने की गुंजाइश न के बराबर रहेगी.
प्रशासन ने कुछ साल पहले खाई की ओर लगभग 5 फीट की दीवार बनाई थी. प्रशासन ने दीवार का निर्माण तो करा दिया, लेकिन रख-रखाव कराना भूल गया. जिसके चलते बारिश के साथ दीवार का हिस्सा भी बह गया. आलम ये है कि अगर किसी वाहन चालक से थोड़ी सी चूक हो गई तो वह सीधे खाई में जा गिरेगा. इतना ही नहीं पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से बारिश के चलते रोड पर बड़े-बड़े पत्थर भी बिखरे हैं. जिससे रात में वाहन चालकों के साथ दुर्घटना हो सकती है.

वहीं प्रशासन क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत कराने की बजाय मिट्टी की बोरियों का घेरा बनाकर जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहा है. इस मामले में सिलवानी एसडीएम संजय उपाध्याय ने बताया कि अधिकारियों को आदेश दिये गये हैं. जल्द ही समस्या का समाधान किया जायेगा.

Intro:जमुनिया घाटी पर कटाव से हो रही परेशानी 
खाई की तरफ से सडक वही 
कभी भी हो सकता है बडा हादसा 

गैरतगंज से सिलवानी आने के लिए एक मात्र रास्ता हैे जिस पर सिलवानी से महज ५ किमी की दूरी से ही जमुनिया घाटी शुरू हो जाती हे जिसमें की इस पूरे घाट की लम्बाई लगभग ५ से ६ किमी की होगी । जिसमें एक तरफ पहाड हेै तो दूसरी ओर एक बहुत गहरी खाई है । जिसमें अगर कोई वाहन गिर जाय तो शायद ही उसमें किसी के बचने की कोई गुनजाइस हो सके । ऐसे में प्रशासन के द्वारा कुछ वर्ष पहले इसके पहाडी क्षेत्र की ओर नालियो का निमार्ण तो कराया और खाई की ओर लगभग ५ फिट की दीवार जो कि पत्थर की बनाई गई । लेकिन विभाग ने कभी भी इसको रिपेयर कराने की नही सोची । 
खाई की ओर कट रही सडक 
इस पूरी घाटी में उपर के पानी के अधिक बहाव के कारण ही खाई की और लगभग चार से पॉच जगहो पर सडक पूरी तरह से कट चुकि है और एक जगह तो लगभग ५ से 6 फिट का पूरा हिस्सा ही पानी के बहाव के साथ खाई में जा चुका हेै जिससे कि सडक पर अगर रात में कोई क्रसिंग करता हैे तो उसका वाहन सीधे खाई में ही गिरेगा । जिससे की कोई वडा हादसा होने से कोई इंकार नही कर सकता है ।
सडक किनारे पडे पत्थर 
इस पूरे घाट पर कई जगह पर किनारे ही पत्थर पडे हुए हे रात्रि में जब दो वाहनो में घाटी पर क्रास्रिग होती हैे वह अचानक से दिखाई देते हे जिससे की कई वार तो कई वाहन टकराने से बचे है । वही लोगो ने इन पत्थरो को सडक से हटाने की मॉग ही की है । 
    
                                                                          Body:जमुनिया घाटी पर कटाव से हो रही परेशानी 
खाई की तरफ से सडक वही 
कभी भी हो सकता है बडा हादसा 

गैरतगंज से सिलवानी आने के लिए एक मात्र रास्ता हैे जिस पर सिलवानी से महज ५ किमी की दूरी से ही जमुनिया घाटी शुरू हो जाती हे जिसमें की इस पूरे घाट की लम्बाई लगभग ५ से ६ किमी की होगी । जिसमें एक तरफ पहाड हेै तो दूसरी ओर एक बहुत गहरी खाई है । जिसमें अगर कोई वाहन गिर जाय तो शायद ही उसमें किसी के बचने की कोई गुनजाइस हो सके । ऐसे में प्रशासन के द्वारा कुछ वर्ष पहले इसके पहाडी क्षेत्र की ओर नालियो का निमार्ण तो कराया और खाई की ओर लगभग ५ फिट की दीवार जो कि पत्थर की बनाई गई । लेकिन विभाग ने कभी भी इसको रिपेयर कराने की नही सोची । 
खाई की ओर कट रही सडक 
इस पूरी घाटी में उपर के पानी के अधिक बहाव के कारण ही खाई की और लगभग चार से पॉच जगहो पर सडक पूरी तरह से कट चुकि है और एक जगह तो लगभग ५ से 6 फिट का पूरा हिस्सा ही पानी के बहाव के साथ खाई में जा चुका हेै जिससे कि सडक पर अगर रात में कोई क्रसिंग करता हैे तो उसका वाहन सीधे खाई में ही गिरेगा । जिससे की कोई वडा हादसा होने से कोई इंकार नही कर सकता है ।
सडक किनारे पडे पत्थर 
इस पूरे घाट पर कई जगह पर किनारे ही पत्थर पडे हुए हे रात्रि में जब दो वाहनो में घाटी पर क्रास्रिग होती हैे वह अचानक से दिखाई देते हे जिससे की कई वार तो कई वाहन टकराने से बचे है । वही लोगो ने इन पत्थरो को सडक से हटाने की मॉग ही की है । 
      कईवार वारिस में वाहन चलाते समय घाटी पर अचानक से पत्थर आ चुके हे जिससे डर तो वना रहता है कि कही कोई पत्थर हमारी गाडी से न टकरा जाय ।
      गैरतगंज स्टेट हाईवे 44 जमुनिया घाटी की सड़क की साईडे क्षतिग्रस्त  होने के कारण आए दिन सड़क दुर्घटनाये हो रही है सड़क की साइड में बड़ी-बड़ी खाई बन जाने के कारण वाहन चालकों को भी आवा गमन में परेशानी उठानी पड़ गई है मुख्य मार्ग की स्थिति बद से बदतर है एमपीआरडीसी के द्वारा इस मार्ग पर सड़कों की साइडों में पेचवर्क  भरवाने का प्रयास नहीं किया जा रहा है जिसका खामियाजा वाहन चालको को उठाना पड़ रहा है क्षतिग्रस्त सड़कों पर एमपीआरडीसी विभाग के द्वारा सिर्फ खानापूर्ति के लिए क्षतिग्रस्त सड़कों की साइड में मिट्टी से भरकर वोरिया रख दी गई है जिससे कोई बड़ी दुर्घटना ना हो लेकिन क्षतिग्रस्त हो चुकी ,सड़कों की साइडों में बड़ी बड़ी खाई है बन गई है। लेकिन फिर भी अधिकारी ध्यान नही दे रहे हैं ।
                                                                          बाइट = संजय उपाध्याय एसडीएम सिलवानी Conclusion:
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