ETV Bharat / state

लापरवाही की हद : तेंदोनी नदी पर बना बैराज मॉनिटरिंग में ढिलाई के चलते टूटा

रायसेन जिले के सिलवानी में तेंदोनी नदी पर बना बैराज क्षतिग्रस्त हो गया है. इस बैराज को जल संसाधन विभाग द्वारा दो करोड़ की लागत से बनाया गया था.

Barrage damaged
क्षतिग्रस्त बैराज
author img

By

Published : Oct 11, 2020, 3:28 PM IST

Updated : Oct 11, 2020, 6:27 PM IST

रायसेन। सिलवानी तहसील के पठा गांव से लगकर बहने वाली तेंदोनी नदी पर जल संसाधन विभाग द्वारा करीब 8 साल पहले बैराज का निर्माण कार्य कराया गया था. इस निर्माण में 2 करोड़ रुपए की राशि का लगाई गई थी, जिससे किसानों को फसल की सिचाईं के लिए गर्मी के मौसम में पर्याप्त पानी की उपलब्धता हो सके. लेकिन निर्माण के दौरान लापरवाही और अधिकारियों द्वारा नियमित मानींटरिंग ना किए जाने से बैराज क्षतिग्रस्त हो गया.

लापरवाही की भेंट चढ़ा बैराज

बरसात के पानी में यह बैराज दो हिस्सों में बंट गया. साथ ही बैराज कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गया. निर्माण ऐजेंसी द्वारा बैराज निर्माण में नदी के बड़े पत्थर और नदी की काली रेत का बड़ी मात्रा में उपयोग किया गया. करीब तीन सौ मीटर का बैराज पूर्ण रुप से खस्ताहाल हो गया है. आलम यह है कि बैराज के नीचे बड़ी-बड़ी सुरंगे बन गई है, जिससे बैराज किसी भी समय धराशाई हो सकता है.

इसके चलते करीब 15 गांव की 16 हजार आबादी प्रभावित हो रही है. बच्चों को भी स्कूल जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. 8 सालों में ही पुल घटिया निर्माण की भेट चढ़ गया. पुल के नीचे के हिस्से को बैराज का स्वरुप देकर नदी के पानी को रोकने के लिए गेट का निर्माण भी कराया गया था, जिससे गेट में दरवाजे लगाकर पानी को रोका जा सके.

रायसेन। सिलवानी तहसील के पठा गांव से लगकर बहने वाली तेंदोनी नदी पर जल संसाधन विभाग द्वारा करीब 8 साल पहले बैराज का निर्माण कार्य कराया गया था. इस निर्माण में 2 करोड़ रुपए की राशि का लगाई गई थी, जिससे किसानों को फसल की सिचाईं के लिए गर्मी के मौसम में पर्याप्त पानी की उपलब्धता हो सके. लेकिन निर्माण के दौरान लापरवाही और अधिकारियों द्वारा नियमित मानींटरिंग ना किए जाने से बैराज क्षतिग्रस्त हो गया.

लापरवाही की भेंट चढ़ा बैराज

बरसात के पानी में यह बैराज दो हिस्सों में बंट गया. साथ ही बैराज कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गया. निर्माण ऐजेंसी द्वारा बैराज निर्माण में नदी के बड़े पत्थर और नदी की काली रेत का बड़ी मात्रा में उपयोग किया गया. करीब तीन सौ मीटर का बैराज पूर्ण रुप से खस्ताहाल हो गया है. आलम यह है कि बैराज के नीचे बड़ी-बड़ी सुरंगे बन गई है, जिससे बैराज किसी भी समय धराशाई हो सकता है.

इसके चलते करीब 15 गांव की 16 हजार आबादी प्रभावित हो रही है. बच्चों को भी स्कूल जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. 8 सालों में ही पुल घटिया निर्माण की भेट चढ़ गया. पुल के नीचे के हिस्से को बैराज का स्वरुप देकर नदी के पानी को रोकने के लिए गेट का निर्माण भी कराया गया था, जिससे गेट में दरवाजे लगाकर पानी को रोका जा सके.

Last Updated : Oct 11, 2020, 6:27 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.