पन्ना। मध्यप्रदेश के कई जिले में जोरदार बारिश होने से बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं लेकिन पन्ना जिले में कम बारिश होने से सूखे की स्थिति बन रही है. मानसून की दस्तक को लगभग डेढ़ माह हो रहे हैं, लेकिन पन्ना में बहुत कम बारिश हुई है. शहर की प्यास बुझाने वाले तीनों पुराने बड़े तालाब अभी तक खाली हैं.
जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश का पन्ना जिला हीरा, झीलों और मंदिरों के साथ-साथ तालाबों के लिए जाना जाता है. इस शहर में प्रचीन तालाब हैं, जिनका निर्माण पन्ना राजघराने के राजाओं ने अपनी जनता के लिए पानी की व्यवस्था करने के लिए करवाया था. पन्ना शहर में तीन बड़े तालाब है, जिसमें शहर के बीचोंबीच धरम सागर तालाब है, इसके साथ शहर से महज कुछ ही दूरी पर लोकपाल सागर व नृपत सागर तालाब है, यह तीनों तालाब की शहर की सवा लाख पब्लिक की जलापूर्ति करते हैं.
पन्ना शहर में तालाबों के अलावा कोई जलापूर्ति करने का विकल्प ही नहीं है, क्योंकि यहां पर न तो कोई बड़ा डेम है और न ही कोई नदी या नहर बल्कि केन नदी पन्ना से 20 किलोमीटर दूर से निकलती है, जिसका पानी पन्ना आना संभव नहीं है, इसलिये पन्ना शहर की पानी की पूर्ति तालाबों के भरोसे ही है, लेकिन इस वर्ष पन्ना जिले बारिश कम होने की वजह से पन्ना दो बड़े तालाब लोकपाल सागर व धरम सागर खाली है. अभी इस समय इन तालाबों में जलभराव का 20 प्रतिशत भी पानी नही भरा है, जबकि नृपत सागर कुछ संतोषजनक भर गया है.
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पन्ना शहर के तालाबों की वर्तमान हालातों को देखकर अनुमान यही लगाया जा रहा है कि अगर बारिश के हालात इसी तरह बने रहे तो आगामी समय में पन्ना शहर को भीषण जल संकट का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन अभी बारिश के दो माह बाकी हैं, इसलिए उम्मीद है कि अच्छी बारिश हो जाएगी, जिससे शहर के तालाब भर सकते हैं.