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सरकार बदलते ही बदले पन्ना जिला प्रशासन के स्वर, मीटिंग में भी नहीं पूछे जा रहे कांग्रेस विधायक

प्रदेश में सरकार बदलते ही पन्ना जिला प्रशासन के भी स्वर बदल गए. हाल ही में कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान 2 बार मीटिंग का आयोजन किया. इस दौरान पन्ना कलेक्टर ने गुनौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक को बुलाना तक उचित नहीं समझा ना ही सूचना दी.

MLA Shiv Dayal Bagri
विधायक शिवदयाल बागरी
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Published : May 28, 2020, 12:30 AM IST

पन्ना। बीजेपी के गढ़ मानी जाने वाली विधानसभा सीट में 12 साल के वनवास के बाद कांग्रेस के इकलौते विधायक के रूप में शिवदयाल बागरी की वापसी हुई और कांग्रेस की मध्यप्रदेश में ताजपोशी हुई, तो जिला प्रशासन ही नहीं पन्ना जिले की भाजपा की कमान को कांग्रेसी विधायक ने विराम लगा दिया था.

विराम ऐसा वैसा नहीं, जिले के कलेक्टर को अगर नियमानुसार कार्रवाई के लिए विधायक ने कह दिया तो सीएम द्वारा कहा गया शब्द माना जाता था, मगर राजनीति का उसूल ही कुछ ऐसा होता है कि कांग्रेस के तख्तापलट के बाद भाजपा में फिर शिवराज सरकार की वापसी क्या हुई, पन्ना के इकलौते कांग्रेसी विधायक शिवदयाल बागरी गुनौर को पन्ना जिला प्रशासन ने जिले की महत्वपूर्ण नीतियों, मीटिंग आदि में ही उनको बुलाना ही उचित नहीं समझा.

हाल ही में कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान 2 बार मीटिंग का आयोजन किया. इस दौरान पन्ना कलेक्टर ने गुनौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक को बुलाना तक उचित नहीं समझा ना ही सूचना दी. इस संबंध में विधायक खेमे से भी यह बात प्रमाणित की गई.

जबकि बीजेपी के छोटे स्तर के नेताओं को जिला प्रशासन द्वारा मीटिंग में बुलाया गया और सम्मान भी किया गया. इस प्रकार की प्रशासनिक कार्य प्रणाली एवं कार्यशैली से गुन्नौर क्षेत्र के विधायक ही नहीं जनता काफी नाराज और दुखी है.

जनप्रतिनिधि की पूछ परख सत्ता जाने के उपरांत इस तरह से अगर होती रही. तो प्रशासनिक उपेक्षा का दंश जनप्रतिनिधि के लिए कितना असहनीय होता है, यह बात करने से पता चलता है. मगर समय समय का फेर, बस समय की ही देर है.

पन्ना। बीजेपी के गढ़ मानी जाने वाली विधानसभा सीट में 12 साल के वनवास के बाद कांग्रेस के इकलौते विधायक के रूप में शिवदयाल बागरी की वापसी हुई और कांग्रेस की मध्यप्रदेश में ताजपोशी हुई, तो जिला प्रशासन ही नहीं पन्ना जिले की भाजपा की कमान को कांग्रेसी विधायक ने विराम लगा दिया था.

विराम ऐसा वैसा नहीं, जिले के कलेक्टर को अगर नियमानुसार कार्रवाई के लिए विधायक ने कह दिया तो सीएम द्वारा कहा गया शब्द माना जाता था, मगर राजनीति का उसूल ही कुछ ऐसा होता है कि कांग्रेस के तख्तापलट के बाद भाजपा में फिर शिवराज सरकार की वापसी क्या हुई, पन्ना के इकलौते कांग्रेसी विधायक शिवदयाल बागरी गुनौर को पन्ना जिला प्रशासन ने जिले की महत्वपूर्ण नीतियों, मीटिंग आदि में ही उनको बुलाना ही उचित नहीं समझा.

हाल ही में कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान 2 बार मीटिंग का आयोजन किया. इस दौरान पन्ना कलेक्टर ने गुनौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक को बुलाना तक उचित नहीं समझा ना ही सूचना दी. इस संबंध में विधायक खेमे से भी यह बात प्रमाणित की गई.

जबकि बीजेपी के छोटे स्तर के नेताओं को जिला प्रशासन द्वारा मीटिंग में बुलाया गया और सम्मान भी किया गया. इस प्रकार की प्रशासनिक कार्य प्रणाली एवं कार्यशैली से गुन्नौर क्षेत्र के विधायक ही नहीं जनता काफी नाराज और दुखी है.

जनप्रतिनिधि की पूछ परख सत्ता जाने के उपरांत इस तरह से अगर होती रही. तो प्रशासनिक उपेक्षा का दंश जनप्रतिनिधि के लिए कितना असहनीय होता है, यह बात करने से पता चलता है. मगर समय समय का फेर, बस समय की ही देर है.

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