पन्ना: राज्य सरकार ने नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. बुधवार को नगर पालिका निगम के महापौर और नगर पालिका, नगर परिषद के अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की कार्यवाही की जा रही है. प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव अगले साल होने वाले हैं. इसे लेकर नए सिरे से पदों का आरक्षण किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 14 नगर निगम, 96 नगर पालिका और 249 नगर परिषद हैं. शासन ने प्रदेश की 27 नई नगर परिषद में अनुविभागीय अधिकारी या तहसीलदार को प्रशासक नियुक्त कर दिया है. ये अधिकारी अमले की नियुक्ति से लेकर सभी महत्वपूर्ण कार्य संपादित कराएंगे.
नवगठित नगर परिषद गुनौर का आरक्षण
गौरतलब है कि नगरीय निकाय प्रशासन द्वारा आरक्षण प्रक्रिया को लेकर नवगठित नगर परिषद गुनौर के आरक्षण की प्रक्रिया अध्यक्ष पद के लिए संपन्न होनी है. जिसमें विगत दिनों जिला प्रशासन द्वारा गुनौर नगर परिषद के 15 वार्डो का आरक्षण पूर्ण किया जा चुका है. उसी के आधार पर एक वर्ग कह रहा है कि जिले में जो आरक्षण प्रक्रिया नगरीय निकाय प्रशासन द्वारा की जानी है. अब देखना होगा कि बुधवार को नगर परिषद गुनौर का आरक्ष आरक्षित होता है या फिर अनुसूचित जाति और फिर अन्य पिछड़ा वर्ग को जाता है.
अभी तक नहीं हो सका नगर परिषद गुनौर के कार्यालय का संचालन
नवगठित नगर परिषद गुनौर का चुनाव कुछ ही दिनों बाद होना है. चुनावी तैयारियां हो चुकी हैं. सूबे की सरकार बीते 2 वर्ष पहले से नगर परिषद गुनौर का टैक्स वसूल रही है. लेकिन उस जनता के टैक्स से किसी प्रकार का लाभ नहीं मिल पा रहा है. गौरतलब है कि गुनौर में नालियां की हालत, सड़कें, कूड़े के ढ़ेर बीमारियों को आमंत्रण दे रहे हैं.
अव्यवस्थाओं से जूझ रही नगर परिषद गुनौर
नवगठित नगर परिषद गुनौर को 3 ग्राम पंचायत से जोड़कर बनाया गया है. लेकिन अभी तक नगर परिषद गुनौर का कार्यालय और सीएमओ सहित अन्य कर्मचारी ना होने से लोगों को नगर परिषद का लाभ नहीं मिल पा रहा है. लोग पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं. ग्राम पंचायत द्वारा कुछ जगहों पर नल जल योजना तो बिछाई गई है. लेकिन नल के पाइपों को जंग मार चुका है. क्योंकि इन पाइपलाइनों से पानी सप्लाई न में होने के कारण योजना बंद पड़ी हुई है.