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कोरोना संकट के बीच कुछ इस तरह मनाया गया रक्षाबंधन का त्योहार

भाई- बहन का त्योहार रक्षाबंधन पन्ना जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस मौके पर बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना की, तो वहीं भाइयों ने उन्हें विभिन्न उपहार और आशीर्वाद दिए.

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Published : Aug 3, 2020, 5:21 PM IST

Rakshabandhan celebrated through social media
सोशल मीडिया के जरिए मनाया गया रक्षाबंधन

पन्ना। पवई नगर पंचायत में भाई- बहन का त्योहार रक्षाबंधन हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया. कोरोना संकट के बावजूद भाई- बहनों ने इस त्योहार की रस्में निभाने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया. लोगों ने व्हाट्सएप और वीडियो कॉल के माध्यम से त्योहार की शुभकामनाएं और बधाई प्रेषित की. बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर अपनी रक्षा का वचन लिया, तो वहीं भाइयों ने भी बहनों को आशीर्वाद सहित विभिन्न उपहार दिए. वैसे तो इस त्योहार को लेकर सड़कों और बाजारों में काफी चहल- पहल रहती थी, मगर इस बार कोरोना महामारी के चलते बाजार की रौनक फीकी रही.

रक्षाबंधन के साथ- साथ सावन का अंतिम सोमवार होने के चलते हनुमान भाटे, कलेही मंदिर परिसर और जगदीश स्वामी मंदिर के अतिरिक्त प्रमुख शिवालयों में भक्तों ने दर्शन कर पूजा-अर्चना की. बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी ने इस त्योहार को अपने-अपने तरीके से मनाया. जहां बच्चों ने विभिन्न खिलौनों की आकृति वाले राखी बंधवाई, तो वहीं दूसरी ओर युवा और बुजुर्गों की कलाई पर क्लासिकल और फैंसी राखियां नजर आईं. रक्षाबंधन का पर्व भारत की संस्कृति, मानवीय मूल्यों को उजागर करने सहित अनेक आध्यात्मिक रहस्यों को प्रकाशित करने वाला पावन त्योहार है, जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है.

पन्ना। पवई नगर पंचायत में भाई- बहन का त्योहार रक्षाबंधन हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया. कोरोना संकट के बावजूद भाई- बहनों ने इस त्योहार की रस्में निभाने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया. लोगों ने व्हाट्सएप और वीडियो कॉल के माध्यम से त्योहार की शुभकामनाएं और बधाई प्रेषित की. बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर अपनी रक्षा का वचन लिया, तो वहीं भाइयों ने भी बहनों को आशीर्वाद सहित विभिन्न उपहार दिए. वैसे तो इस त्योहार को लेकर सड़कों और बाजारों में काफी चहल- पहल रहती थी, मगर इस बार कोरोना महामारी के चलते बाजार की रौनक फीकी रही.

रक्षाबंधन के साथ- साथ सावन का अंतिम सोमवार होने के चलते हनुमान भाटे, कलेही मंदिर परिसर और जगदीश स्वामी मंदिर के अतिरिक्त प्रमुख शिवालयों में भक्तों ने दर्शन कर पूजा-अर्चना की. बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी ने इस त्योहार को अपने-अपने तरीके से मनाया. जहां बच्चों ने विभिन्न खिलौनों की आकृति वाले राखी बंधवाई, तो वहीं दूसरी ओर युवा और बुजुर्गों की कलाई पर क्लासिकल और फैंसी राखियां नजर आईं. रक्षाबंधन का पर्व भारत की संस्कृति, मानवीय मूल्यों को उजागर करने सहित अनेक आध्यात्मिक रहस्यों को प्रकाशित करने वाला पावन त्योहार है, जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है.

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