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पन्ना: मजदूरों का रोजगार की तलाश में महानगरों की तरफ पलायन शुरू - workers are not getting work under mgnrega

पन्ना जिले से प्रवासी मजदूरों का रोजगार की तलाश में महानगरों के लिए पलायन शुरू हो गया है. पन्ना जिले से रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग अपनी रोजी रोटी की खोज में जिले से बाहर पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं. पन्ना में मनरेगा के तहत काम देने का वादा सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है.

Escapes like metros
रोजगार की तलाश में मजदूरों का पलायन शुरू
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Published : Aug 19, 2020, 7:40 PM IST

Updated : Aug 19, 2020, 8:24 PM IST

पन्ना। एक ओर प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. तो वहीं दूसरी तरफ पन्ना जिले से प्रवासी मजदूरों का रोजगार की तलाश में महानगरों के लिए पलायन शुरू हो गया है. पन्ना जिले से रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग अपनी रोजी रोटी की खोज में जिले से बाहर पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं. पन्ना में मनरेगा के तहत काम देने का वादा सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है.

महानगरों की तरह पलायन

प्रवासी मजदूरों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा के तहत प्रदेश के सभी जिलों में सरकार के द्वारा राशि देने की बात कही गई थी. लेकिन पन्ना जिला प्रशासन प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम देने में विफल साबित होती दिखाई दे रही है, क्योंकि इन दिनों रोजाना पन्ना जिले से सैकड़ों की संख्या में मजदूरों का पलायन हो रहा है.

मजदूर गांव से महानगरों के लिए रोजगार की तलाश में जा रहे हैं. क्योंकि गांव में रहकर उन्हें कोई रोजगार की व्यवस्था नहीं है. जिससे उनके परिवार के पालन पोषण में समस्याएं आने लगी थी. इसलिए मजदूर फिर से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं.

लंबे समय से पलायन पर काम कर रहे एनजीओ संचालक राहुल निगम ने बताया कि प्रवासी मजदूरों में कई लोगों के पास अच्छी हुनर भी हैं. जिससे उनको उनके हिसाब से जिले में काम नहीं मिल पा रहा है. इसलिए लोग बाहर जाने को मजबूर हैं. इसके साथ ही जो मजदूर हैं उन्हें मनरेगा के तहत काम नहीं दिया जा रहा है. इसलिए लोग पलायन कर रहे हैं.

वहीं इस मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष रविराज यादव ने कहा कि इसके लिए जिला पंचायत में पदस्थ अधिकारी जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को गांव में काम उपलब्ध नहीं करा पाना अधिकारियों की नाकामी है. जिसके लिए वह क्षेत्रीय सांसद व कैबनेट मंत्री से बात करेंगे.

पन्ना। एक ओर प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. तो वहीं दूसरी तरफ पन्ना जिले से प्रवासी मजदूरों का रोजगार की तलाश में महानगरों के लिए पलायन शुरू हो गया है. पन्ना जिले से रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग अपनी रोजी रोटी की खोज में जिले से बाहर पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं. पन्ना में मनरेगा के तहत काम देने का वादा सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है.

महानगरों की तरह पलायन

प्रवासी मजदूरों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा के तहत प्रदेश के सभी जिलों में सरकार के द्वारा राशि देने की बात कही गई थी. लेकिन पन्ना जिला प्रशासन प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम देने में विफल साबित होती दिखाई दे रही है, क्योंकि इन दिनों रोजाना पन्ना जिले से सैकड़ों की संख्या में मजदूरों का पलायन हो रहा है.

मजदूर गांव से महानगरों के लिए रोजगार की तलाश में जा रहे हैं. क्योंकि गांव में रहकर उन्हें कोई रोजगार की व्यवस्था नहीं है. जिससे उनके परिवार के पालन पोषण में समस्याएं आने लगी थी. इसलिए मजदूर फिर से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं.

लंबे समय से पलायन पर काम कर रहे एनजीओ संचालक राहुल निगम ने बताया कि प्रवासी मजदूरों में कई लोगों के पास अच्छी हुनर भी हैं. जिससे उनको उनके हिसाब से जिले में काम नहीं मिल पा रहा है. इसलिए लोग बाहर जाने को मजबूर हैं. इसके साथ ही जो मजदूर हैं उन्हें मनरेगा के तहत काम नहीं दिया जा रहा है. इसलिए लोग पलायन कर रहे हैं.

वहीं इस मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष रविराज यादव ने कहा कि इसके लिए जिला पंचायत में पदस्थ अधिकारी जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को गांव में काम उपलब्ध नहीं करा पाना अधिकारियों की नाकामी है. जिसके लिए वह क्षेत्रीय सांसद व कैबनेट मंत्री से बात करेंगे.

Last Updated : Aug 19, 2020, 8:24 PM IST
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