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प्रदेश के पांचों टाइगर रिजर्व में पन्ना की रेस्क्यू टीम सबसे बेहतर, मिला पहला स्थान

पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम कार्यकुशलता के मामले में सबसे बेहतर है. कान्हा टाइगर रिजर्व में 23 से 25 नवंबर तक आयोजित कार्यशाला में प्रदेश के पांचों टाइगर रिजर्व, सभी सेंचुरी व वन मंडलों के रेस्क्यू स्क्वायड शामिल हुए. कार्यशाला में सभी ने अपना प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम को प्रथम स्थान मिला है.

Panna Tiger Reserve's Rescue Team gets first place
पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम को मिला पहला स्थान
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Published : Nov 27, 2020, 9:21 PM IST

पन्ना। काफी विवादों और लगातार हो रही बाघों की मौत के बाद पन्ना टाइगर रिजर्व से एक अच्छी खबर आई है. पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम कार्यकुशलता के मामले में सबसे बेहतर साबित हुई है. यहीं वजह है कि पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम को प्रदेश स्तरीय प्रेजेंटेशन में पहला स्थान मिला है. इसमें वन विहार भोपाल को दूसरा और पेंच व संजय टाइगर रिजर्व को संयुक्त रूप से तीसरा स्थान मिला है. दरअसल, कान्हा टाइगर रिजर्व में 23 से 25 नवंबर तक आयोजित कार्यशाला में प्रदेश के पांचों टाइगर रिजर्व, सभी सेंचुरी व वन मंडलों के रेस्क्यू स्क्वायड शामिल हुए थे. कार्यशाला में सभी ने अपना प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम को पहला स्थान मिला है.

पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम को मिला पहला स्थान

पन्ना टाइगर रिजर्व ने दुनिया में बनाई अपनी नई पहचान

पन्ना टाइगर रिजर्व साल 2009 में बाघ विहीन हो गया था. जिसके बाद बाघ पुनर्स्थापना शुरू की गई. यहां बाघों को फिर से आबाद करने के लिए बाघ पुनर्स्थापना योजना के तहत कान्हा व बांधवगढ़ से दो बाघिन और पेंच टाइगर रिजर्व से एक नर बाघ लाया गया था. तत्कालीन क्षेत्र संचालक आर श्रीनिवास मूर्ति के नेतृत्व में पूरी टीम ने पन्ना टाइगर रिजर्व के के खोए हुए गौरव को पुन: हासिल करने के लिए जुनून और जज्बे के साथ प्रयास किया. बाघ पुनर्स्थापना योजना को मिली शानदार कामयाबी के कारण पन्ना टाइगर रिजर्व ने देश और दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है.

10 साल में 150 से भी अधिक रेस्क्यू

इस कामयाबी में पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता व उनकी टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा. इस टीम ने बीते 10 साल में 150 से भी अधिक रेस्क्यू ऑपरेशन सहित 65 बार बाघ व बाघिनों का सफल रेडियो कॉलर किया है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. इतने कम समय में देश में कहीं भी फ्री रेजिंग बाघों को ट्रेंकुलाइज कर उन्हें रेडियो कॉलर करने का कार्य नहीं हुआ. इस लिहाज से भी पन्ना टाइगर रिजर्व की टीम न सिर्फ प्रदेश बल्कि देश भर में अव्वल है.

दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी पन्ना टाइगर रिजर्व में

पन्ना टाइगर रिजर्व की उम्र दराज हथिनी जो 100 वर्ष की उम्र को पार कर चुकी है, लिहाजा यह दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी है. उसे पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉक्टर संजीव कुमार गुप्ता व उनकी टीम ने दो बार मौत के मुंह में जाने से बचाया है. यही वजह है कि पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम को प्रथम स्थान मिला है.

पन्ना। काफी विवादों और लगातार हो रही बाघों की मौत के बाद पन्ना टाइगर रिजर्व से एक अच्छी खबर आई है. पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम कार्यकुशलता के मामले में सबसे बेहतर साबित हुई है. यहीं वजह है कि पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम को प्रदेश स्तरीय प्रेजेंटेशन में पहला स्थान मिला है. इसमें वन विहार भोपाल को दूसरा और पेंच व संजय टाइगर रिजर्व को संयुक्त रूप से तीसरा स्थान मिला है. दरअसल, कान्हा टाइगर रिजर्व में 23 से 25 नवंबर तक आयोजित कार्यशाला में प्रदेश के पांचों टाइगर रिजर्व, सभी सेंचुरी व वन मंडलों के रेस्क्यू स्क्वायड शामिल हुए थे. कार्यशाला में सभी ने अपना प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम को पहला स्थान मिला है.

पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम को मिला पहला स्थान

पन्ना टाइगर रिजर्व ने दुनिया में बनाई अपनी नई पहचान

पन्ना टाइगर रिजर्व साल 2009 में बाघ विहीन हो गया था. जिसके बाद बाघ पुनर्स्थापना शुरू की गई. यहां बाघों को फिर से आबाद करने के लिए बाघ पुनर्स्थापना योजना के तहत कान्हा व बांधवगढ़ से दो बाघिन और पेंच टाइगर रिजर्व से एक नर बाघ लाया गया था. तत्कालीन क्षेत्र संचालक आर श्रीनिवास मूर्ति के नेतृत्व में पूरी टीम ने पन्ना टाइगर रिजर्व के के खोए हुए गौरव को पुन: हासिल करने के लिए जुनून और जज्बे के साथ प्रयास किया. बाघ पुनर्स्थापना योजना को मिली शानदार कामयाबी के कारण पन्ना टाइगर रिजर्व ने देश और दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है.

10 साल में 150 से भी अधिक रेस्क्यू

इस कामयाबी में पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता व उनकी टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा. इस टीम ने बीते 10 साल में 150 से भी अधिक रेस्क्यू ऑपरेशन सहित 65 बार बाघ व बाघिनों का सफल रेडियो कॉलर किया है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. इतने कम समय में देश में कहीं भी फ्री रेजिंग बाघों को ट्रेंकुलाइज कर उन्हें रेडियो कॉलर करने का कार्य नहीं हुआ. इस लिहाज से भी पन्ना टाइगर रिजर्व की टीम न सिर्फ प्रदेश बल्कि देश भर में अव्वल है.

दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी पन्ना टाइगर रिजर्व में

पन्ना टाइगर रिजर्व की उम्र दराज हथिनी जो 100 वर्ष की उम्र को पार कर चुकी है, लिहाजा यह दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी है. उसे पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉक्टर संजीव कुमार गुप्ता व उनकी टीम ने दो बार मौत के मुंह में जाने से बचाया है. यही वजह है कि पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम को प्रथम स्थान मिला है.

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