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Panna Tiger Reserve: 70 से ज्यादा शावकों का पिता बनकर पीटीआर को गुलजार करने वाला पितामह बाघ टी-3 जी रहा गुमनामी की जिंदगी - Tiger T3 living life of oblivion

मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में पितामह कहे जाने वाले बाघ टी-3 की कहानी. जिसने बाघ विहीन हो चुके पीटीआर को किया गुलजार. टाइगर रिजर्व में लंबे समय तक हुकुमत चलाने वाला बाघ अब औसत उम्र पूरी करने के बाद क्यों जी रहा है गुमनामी की जिंदगी. पढ़िए पूरी रिपोर्ट....

Tiger T3 buzzes PTR
बाघ टी 3 ने गुलजार किया पीटीआर
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Published : Aug 4, 2022, 3:53 PM IST

Updated : Aug 4, 2022, 5:34 PM IST

पन्ना। वर्ष 2008 में बाघ विहीन हो चुके पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघ टी-3 ने फिर नई इबारत लिखी. लंबी चौड़ी कद काठी वाले बाघ, जिसकी एक दहाड़ से जंगल थर्रा उठता. यह बाघ जहां से गुजर जाए, वहां जानवर सहम जाया करते थे. हुकूमत की यह दास्तां एक दशक से चली, यही सब खूबियां है फादर ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व यानी बाग टी-3 की. फादर इसलिए कि, बाघ विहीन हो चुके पन्ना में जो 80 से ज्यादा बाघ हैं, सब इसी के वंशज हैं. दुर्भाग्य यह है कि, औसत उम्र पार कर 18 साल में प्रवेश कर चुका यह पितामाह, गुमनामी की जिंदगी जी रहा है. उसी की संतानों ने उसे खदेड़ दिया.

70 से ज्यादा शावक बाघ टी 3 की संतान

बाघिन टी 1 और टी 2 ने बाघ टी 3 के साथ मिलकर बढ़ाया कुनबा: विभाग को टाइगर रिजर्व गुलजार करने वाले पितामह की फिक्र नहीं है और अब यह बाघ गुमनामी की जिंदगी जी रहा है. वर्ष 2008 यह वही साल था, जब पन्ना बाघ विहीन हो गया था. फिर 2009 में शुरू हुई बाघ पुनर्स्थापना योजना में बांधवगढ़ से बाघिन टी-1 और कान्हा से बाघिन टी-2 और पेंच से नर बाघ टी-3 को लाया गया. बाघ टी-3 के संपर्क में आने के बाद बाघिन टी-1 ने अप्रैल 2012 में सबसे पहले खुशखबरी दी और 4 शावकों को जन्म दिया, फिर बदली बाघ विहीन हो चुके पन्ना टाइगर रिजर्व की तस्वीर. बाघिन टी-1 ने ही फरवरी 2015 में दूसरी बार में 4 शावक जन्मे. टी-2 ने पहले लिटर में चार और दूसरे लिटर में 2 शावकों को जन्म दिया.

Grandfather Tiger T-3
पितामह बाघ टी-3

Panna Tiger Reserve: पन्ना टाइगर रिजर्व में बढ़ा बाघों का कुनबा, बाघिन पी-142 ने दो शावकों को दिया जन्म

70 से ज्यादा शावक हैं बाघ टी 3 की संतान: बाघ विहीन हो चुके पन्ना को फिर गुलजार करने की दास्तां पूरे देश में मिसाल बनी है. अब यहां 80 से ज्यादा बाघ विचरण कर रहे हैं. बाघों के संसार को दोबारा आबाद करने वाले बाग टी-3 के रेडियो कॉलर हटाए जाने के बाद वह गुमनामी का जीवन जी रहा है. एक अनुमान के अनुसार इस बाघ के संसर्ग से टाइगर रिजर्व की बाघिनों ने 70 से ज्यादा शावक जन्मे हैं. पन्ना टाइगर रिजर्व की सबसे सफलतम बाघिन टी-2 के साथ संस्थापक बाघिन टी-1 और टी-4 टी-5 टी-6 के पहले व दूसरे लीटर की शावकों का पिता टी-3 को ही माना जाता है.

बाघ टी 3 की औसत उम्र पूरी: सालों तक टाइगर रिजर्व के जंगल में इस भारी-भरकम शरीर वाले बाघ की हुकूमत चली. समय के साथ यह कमजोर हुआ, तो इसके नाती-पोतों ने उसे टेरिटरी से खदेड़ दिया. फील्ड डायरेक्टर कि माने तो, 'जंगली बाघों की औसत उम्र 12 से 14 साल मानी जाती है. नर बाघ टी-3 की उम्र 17 से 18 साल है, यह भी एक रिकॉर्ड है. टी-3 अपनी औसत उम्र पूरी कर चुका है, वर्तमान लोकेशन की जानकारी नहीं है. नियमित रूप से लोकेशन ट्रेस नहीं की जाती, जिसके कारण अभी उसका पता नहीं चल पा रहा है'.

पन्ना। वर्ष 2008 में बाघ विहीन हो चुके पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघ टी-3 ने फिर नई इबारत लिखी. लंबी चौड़ी कद काठी वाले बाघ, जिसकी एक दहाड़ से जंगल थर्रा उठता. यह बाघ जहां से गुजर जाए, वहां जानवर सहम जाया करते थे. हुकूमत की यह दास्तां एक दशक से चली, यही सब खूबियां है फादर ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व यानी बाग टी-3 की. फादर इसलिए कि, बाघ विहीन हो चुके पन्ना में जो 80 से ज्यादा बाघ हैं, सब इसी के वंशज हैं. दुर्भाग्य यह है कि, औसत उम्र पार कर 18 साल में प्रवेश कर चुका यह पितामाह, गुमनामी की जिंदगी जी रहा है. उसी की संतानों ने उसे खदेड़ दिया.

70 से ज्यादा शावक बाघ टी 3 की संतान

बाघिन टी 1 और टी 2 ने बाघ टी 3 के साथ मिलकर बढ़ाया कुनबा: विभाग को टाइगर रिजर्व गुलजार करने वाले पितामह की फिक्र नहीं है और अब यह बाघ गुमनामी की जिंदगी जी रहा है. वर्ष 2008 यह वही साल था, जब पन्ना बाघ विहीन हो गया था. फिर 2009 में शुरू हुई बाघ पुनर्स्थापना योजना में बांधवगढ़ से बाघिन टी-1 और कान्हा से बाघिन टी-2 और पेंच से नर बाघ टी-3 को लाया गया. बाघ टी-3 के संपर्क में आने के बाद बाघिन टी-1 ने अप्रैल 2012 में सबसे पहले खुशखबरी दी और 4 शावकों को जन्म दिया, फिर बदली बाघ विहीन हो चुके पन्ना टाइगर रिजर्व की तस्वीर. बाघिन टी-1 ने ही फरवरी 2015 में दूसरी बार में 4 शावक जन्मे. टी-2 ने पहले लिटर में चार और दूसरे लिटर में 2 शावकों को जन्म दिया.

Grandfather Tiger T-3
पितामह बाघ टी-3

Panna Tiger Reserve: पन्ना टाइगर रिजर्व में बढ़ा बाघों का कुनबा, बाघिन पी-142 ने दो शावकों को दिया जन्म

70 से ज्यादा शावक हैं बाघ टी 3 की संतान: बाघ विहीन हो चुके पन्ना को फिर गुलजार करने की दास्तां पूरे देश में मिसाल बनी है. अब यहां 80 से ज्यादा बाघ विचरण कर रहे हैं. बाघों के संसार को दोबारा आबाद करने वाले बाग टी-3 के रेडियो कॉलर हटाए जाने के बाद वह गुमनामी का जीवन जी रहा है. एक अनुमान के अनुसार इस बाघ के संसर्ग से टाइगर रिजर्व की बाघिनों ने 70 से ज्यादा शावक जन्मे हैं. पन्ना टाइगर रिजर्व की सबसे सफलतम बाघिन टी-2 के साथ संस्थापक बाघिन टी-1 और टी-4 टी-5 टी-6 के पहले व दूसरे लीटर की शावकों का पिता टी-3 को ही माना जाता है.

बाघ टी 3 की औसत उम्र पूरी: सालों तक टाइगर रिजर्व के जंगल में इस भारी-भरकम शरीर वाले बाघ की हुकूमत चली. समय के साथ यह कमजोर हुआ, तो इसके नाती-पोतों ने उसे टेरिटरी से खदेड़ दिया. फील्ड डायरेक्टर कि माने तो, 'जंगली बाघों की औसत उम्र 12 से 14 साल मानी जाती है. नर बाघ टी-3 की उम्र 17 से 18 साल है, यह भी एक रिकॉर्ड है. टी-3 अपनी औसत उम्र पूरी कर चुका है, वर्तमान लोकेशन की जानकारी नहीं है. नियमित रूप से लोकेशन ट्रेस नहीं की जाती, जिसके कारण अभी उसका पता नहीं चल पा रहा है'.

Last Updated : Aug 4, 2022, 5:34 PM IST
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