पन्ना| जिले का सरकारी अस्पताल अपनी व्यवस्थाओं को लेकर अकस्र ही चर्चा में रहता है. और यहां लोगों की सबसे बड़ी समस्या डॉक्टरों की कमी है. इसके साथ ही अव्यवस्था भी कोई कमी नही छोड़ रही हैं.
पन्ना जिला चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं का अम्बार है. यहां मरीज भगवान भरोसे हैं. ना तो समय पर डॉक्टर आते हैं और न ही मरीजों का सही से उपचार हो पाता है. नर्स के भरोसे हॉस्पिटल चलता है और डॉक्टर अपने घर में मरीजों को देखते हैं. अव्यवस्थाओं का पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां शव वाहन न होने की सूचना हर वार्ड में लगी हुई है.
मरीज और उनके परिजनों की माने तो पन्ना जिला चिकित्सालय रेफर हॉस्पिटल बन कर रह गया है. डॉक्टर और नर्स मरीजों को इंजेक्शन और बोतल लगा कर बाहर रेफर कर देते हैं. हॉस्पिटल में गर्भवती महिलाएं हॉल में पड़ी हुई हैं और गर्मी में हांथ के पंखे से राहत पा रही हैं. इतना ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बने स्वास्थ केंद्र महीनों तक नहीं खुलते, जब इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों से बात करनी चाही तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया.