पन्ना। हीरों की नगरी पन्ना में किस कदर बेरोजगारी व्यप्त है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां हर रोज सैंकडों मजदूर पन्ना से महानगरों की तरफ पलायन करते हैं और महानगरों में ठेकेदारों के चंगुल में फंस कर अपनी और अपने परिवार की जिंदगी तबाह कर लेते हैं. ताजा मामला आज देखने को मिला जहां पन्ना जिला प्रशासन के द्वारा सोलापुर जिले में फंसे तकरीबन 100 बंधुआ मजदूरों को ठेकेदार के चंगुल से मुक्त करवाया गया.
मजदूरों ने कैबिनेट मंत्री से लगाई थी मदद की गुहार
पन्ना जिले के ग्रामीण अंचलों में रोजगार न होने के चलते काम की तलाश में बड़ी संख्या में मजदूर महानगरों की तरफ रुख करते हैं. मामला बीते 3 माह पूर्व का है. महाराष्ट्र के ठेकेदारों द्वारा पन्ना के ग्रामीण अंचलों से बेरोजगार मजदूरों को 350 रूपये रोजाना मजदूरी देने का लालच देकर अपनें साथ बहला-फुसला कर सोलापुर जिले के ग्राम भाडा ले गये. जहां मजदूर दिन-रात पसीना बहा कर सुगर मील फैक्ट्री में काम करते रहे. लगभग दो माह काम करनें के बाद जब मजदूरों नें ठेकेदार से अपनी मेहनताना मांग तो ठेकेदार ने बहानेबाजी कर बाद में भुगतान करने को कहा. मजदूरों द्वारा लागतार अपनी मजदूरी की मांग की, तो ठेकेदार द्वारा मजदूरों को अपनी फैक्ट्री में बंद कर उनसे बंधुआ मजदूरी कराते हुए उन्हें प्रताडित किया गया. मारपीट एवं प्रताडित होने पर मजदूरों ने किसी तरह कैबिनेट मंत्री और पन्ना विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह से फोन पर बात कर अपनी आपबीती बताते हुए मदद की गुहार लगाई. इस पूरे मामले की खबर मंत्री बृजेन्द्र प्रताप को लगते ही पूरा प्रशासन हरकत में आया. जिसके बाद पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्र ने महाराष्ट्र प्रशासन से मदद लेते हुए सोलहपुरा जिले की सुगर मील फैक्ट्री से मजदूरों को स्पेशल वाहनों द्वारा पन्ना जिला लाया गया. जैसे ही मजदूर बसों से पवई पहुंचे, वहां पन्ना कलेक्टर एवं एसपी नें मजदूरों का स्वागत करते हुए उन्हें उनके घरों तक पहुंचाया गया.
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महाराष्ट्र में फंसे मजदूरों को उनके घर पहुंचाया
कलेक्टर पन्ना का कहना है कि मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह एवं पन्ना जिला प्रशासन एवं पुलिस की मदद से पिछले तीन माह से महाराष्ट्र में फंसे मजदूरों को उनके घर सुरक्षित पहुंचाया गया. सभी मजदूर स्वास्थ है. वहीं वापस अपने घर पहुंचने से मजदूरों के चेहरों पर साफतौर पर खुशी देखनें को मिली.