ETV Bharat / state

दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीव पैंगोलिन की तस्करी करता था छोलाछाप डॉक्टर, एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

पन्ना में एसटीएफ की टीम ने दुर्लभ वन्यजीव पैंगोलिन की तस्करी करने का आरोप में एक झोलाछाप डॉक्टर को गिफ्तार किया है. पैंगोलिन दुनिया का दुनिया का दुलर्भ वन्यजीव माना जाता है जिसकी दुनिया में सबसे ज्यादा तस्करी करने के मामले सामने आते हैं.

author img

By

Published : Sep 14, 2019, 10:34 PM IST

पैंगोलिन की तस्करी करने वाले को एसटीएफ की टीम ने किया गिरफ्तार

पन्ना। शहर में एक छोलाछाप डॉक्टर दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीव पैंगोलिन की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. यह कार्रवाई जबलपुर एसटीएफ की टीम ने की है. एसटीएफ की टीम ने डायमंड चौराहे पर दबिश देकर झोलाछाप डॉक्टर तपस राय को उठा लिया.

पैंगोलिन की तस्करी करने वाले को एसटीएफ की टीम ने किया गिरफ्तार

बताया जा रहा है कि पैंगोलिन के अंगों का सौदा करने के लिए तस्करों ने मुंबई और मध्यप्रदेश के सागर में कुछ लोगों से संपर्क साधा था. एसटीएफ की जांच में पैंगोलिन के शिकारियों और वन्यजीवों के अंगों की तस्करी के धंधे का सुराग मिलने के बाद इसमें लिप्त अपराधियों को जल्द बेनकाब होने की उम्मीद है.

पैंगोलिन के कई नाम है, इसे चींटी खोर और छोटा डायनासोर भी कहा जाता है. यह संकटग्रस्त प्रजातियों में शामिल है. बताया जाता है कि इसका उपयोग अंधविश्वास से जुड़ी प्रथाओं के चलते आए दिन इसका शिकार किया जाता है. जिसके कारण पैंगोलिन की सभी प्रजातियां धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है.

पैंगोलिन जीव पन्ना के जंगलों में पाया जाता है. उत्तर वन मंडल के डीएफओ नरेश सिंह यादव का कहना है कि विश्व में पैंगोलिन की तस्करी वन्यजीवों में सबसे ज्यादा होता है, इसलिए पैंगोलिन को संकटग्रस्त प्रजाति में शामिल किया गया है. नरेश सिंह यादव ने बताया कि कुछ लोग अंधविश्वास और ढोंगी तांत्रिक क्रियाओं को करने के लिए भी इस जानवर का उपयोग करते हैं. उन्होंने बताया कि यौन वर्धक और नपुंसकता दूर करने की दवाओं को बनाने के लिए भी पैंगोलिन का शिकार किया जाता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैंगोलिन के शरीर के अंगों की काफी मांग होने से बड़ी मात्रा में इनका शिकार करवाया जा रहा है.

पन्ना। शहर में एक छोलाछाप डॉक्टर दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीव पैंगोलिन की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. यह कार्रवाई जबलपुर एसटीएफ की टीम ने की है. एसटीएफ की टीम ने डायमंड चौराहे पर दबिश देकर झोलाछाप डॉक्टर तपस राय को उठा लिया.

पैंगोलिन की तस्करी करने वाले को एसटीएफ की टीम ने किया गिरफ्तार

बताया जा रहा है कि पैंगोलिन के अंगों का सौदा करने के लिए तस्करों ने मुंबई और मध्यप्रदेश के सागर में कुछ लोगों से संपर्क साधा था. एसटीएफ की जांच में पैंगोलिन के शिकारियों और वन्यजीवों के अंगों की तस्करी के धंधे का सुराग मिलने के बाद इसमें लिप्त अपराधियों को जल्द बेनकाब होने की उम्मीद है.

पैंगोलिन के कई नाम है, इसे चींटी खोर और छोटा डायनासोर भी कहा जाता है. यह संकटग्रस्त प्रजातियों में शामिल है. बताया जाता है कि इसका उपयोग अंधविश्वास से जुड़ी प्रथाओं के चलते आए दिन इसका शिकार किया जाता है. जिसके कारण पैंगोलिन की सभी प्रजातियां धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है.

पैंगोलिन जीव पन्ना के जंगलों में पाया जाता है. उत्तर वन मंडल के डीएफओ नरेश सिंह यादव का कहना है कि विश्व में पैंगोलिन की तस्करी वन्यजीवों में सबसे ज्यादा होता है, इसलिए पैंगोलिन को संकटग्रस्त प्रजाति में शामिल किया गया है. नरेश सिंह यादव ने बताया कि कुछ लोग अंधविश्वास और ढोंगी तांत्रिक क्रियाओं को करने के लिए भी इस जानवर का उपयोग करते हैं. उन्होंने बताया कि यौन वर्धक और नपुंसकता दूर करने की दवाओं को बनाने के लिए भी पैंगोलिन का शिकार किया जाता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैंगोलिन के शरीर के अंगों की काफी मांग होने से बड़ी मात्रा में इनका शिकार करवाया जा रहा है.

Intro:पन्ना
एंकर :- जिले में जबलपुर एसटीएफ की टीम ने मुखबिर की सूचना पर बड़ी कार्यवाही करते हुए दुर्लभ वन्य जीव पैंगोलिन की खाल के साथ झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार किया है मामला संकटग्रस्त स्तनधारी वन्यजीव पैंगोलिन की तस्करी से जुड़ा होना बताया जा रहा है एसटीएफ जबलपुर की टीम ने जब पन्ना के डायमंड चौराहा के समीप दबिश देकर झोलाछाप डॉक्टर तपस राय को उठाया तो वहां कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गई एसटीएफ की टीम बगैर कुछ बताएं डॉक्टर तपस राय को गाड़ी से अपने साथ डीएफओ उत्तर वन मंडल के कार्यालय ले गई फिल्मी सिंह सारी कि इस कार्य आई को देख लो समझे कि तपस राय का अपहरण हो गया है जिससे अपहरण की अफवाह फैलने से हड़कंप मच गया हालांकि कुछ ही देर में जब स्थिति स्पष्ट हुई और सच्चाई का पता चला तो लोग झोलाछाप डॉक्टर के कारनामे जानकर हैरान रह गए।Body:बताया जा रहा है कि पैंगोलिन के अंग अवयव का सौदा कर मोटी रकम हासिल करने के लिए तस्करों ने मुंबई और मध्य प्रदेश के सागर में कुछ लोगों से संपर्क साधा था एसटीएफ की जांच में पैंगोली के शिकारियों और वन्यजीवों के अंगों की तस्करी के गैरकानूनी धंधे के अहम सुराग मिलने के बाद इसमें लिप्त अपराधियों के जल्द ही बेनकाब होने की उम्मीद की जा रही है। वन्यजीव पैंगोलिन के कई नाम है इसे चींटी खोर और छोटा डायनासोर भी कहा जाता है यह वन्यजीव संकटग्रस्त प्रजातियों में शामिल है इसके आवास वाले जंगलों को तेजी से काटा जा रहा है और अंधविश्वास से जुड़ी प्रथाओं के कारण इनका अक्सर शिकार किया जाता है परिणाम स्वरूप पैंगोलिन की सभी प्रजातियों पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है चींटी और दिमाग खाने वाला यह शानदार दुर्लभजी पन्ना के जंगलों में पाया जाता हैConclusion:उत्तर वन मंडल के डीएफओ नरेश सिंह यादव का कहना है कि विश्व में पैंगोलिन की तस्करी वन्यजीवों में सबसे ज्यादा होती है इसलिए पैंगोली को संकटग्रस्त प्रजाति में शामिल किया गया है कुछ अंधविश्वासी ढोंगी के द्वारा तांत्रिक क्रियाओं करने के लिए भी इस जानवर का उपयोग करते हैं इसके साथ ही तांत्रिकों के द्वारा गड़ा हुआ धन खोजने में भी पैंगोलिन की मदद लेते हैं इसके अलावा यौन वर्धक और नपुंसकता दूर करने की दवाओं को बनाने के लिए भी इस वन्यजीव का उपयोग किया जाता है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैंगोलिन के शरीर के अंगों की काफी मांग होने से बड़ी मात्रा में इनका शिकार करवाया जा रहा है।
बाईट :- 1 नरेश सिंह यादव (डीएफओ उत्तर वन मण्डल पन्ना)
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.