पन्ना। शहर में एक छोलाछाप डॉक्टर दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीव पैंगोलिन की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. यह कार्रवाई जबलपुर एसटीएफ की टीम ने की है. एसटीएफ की टीम ने डायमंड चौराहे पर दबिश देकर झोलाछाप डॉक्टर तपस राय को उठा लिया.
बताया जा रहा है कि पैंगोलिन के अंगों का सौदा करने के लिए तस्करों ने मुंबई और मध्यप्रदेश के सागर में कुछ लोगों से संपर्क साधा था. एसटीएफ की जांच में पैंगोलिन के शिकारियों और वन्यजीवों के अंगों की तस्करी के धंधे का सुराग मिलने के बाद इसमें लिप्त अपराधियों को जल्द बेनकाब होने की उम्मीद है.
पैंगोलिन के कई नाम है, इसे चींटी खोर और छोटा डायनासोर भी कहा जाता है. यह संकटग्रस्त प्रजातियों में शामिल है. बताया जाता है कि इसका उपयोग अंधविश्वास से जुड़ी प्रथाओं के चलते आए दिन इसका शिकार किया जाता है. जिसके कारण पैंगोलिन की सभी प्रजातियां धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है.
पैंगोलिन जीव पन्ना के जंगलों में पाया जाता है. उत्तर वन मंडल के डीएफओ नरेश सिंह यादव का कहना है कि विश्व में पैंगोलिन की तस्करी वन्यजीवों में सबसे ज्यादा होता है, इसलिए पैंगोलिन को संकटग्रस्त प्रजाति में शामिल किया गया है. नरेश सिंह यादव ने बताया कि कुछ लोग अंधविश्वास और ढोंगी तांत्रिक क्रियाओं को करने के लिए भी इस जानवर का उपयोग करते हैं. उन्होंने बताया कि यौन वर्धक और नपुंसकता दूर करने की दवाओं को बनाने के लिए भी पैंगोलिन का शिकार किया जाता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैंगोलिन के शरीर के अंगों की काफी मांग होने से बड़ी मात्रा में इनका शिकार करवाया जा रहा है.