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बे-मौसम बारिश से बर्बाद हुई किसानों की हजारों क्विंटल धान, प्रशासन की लापरवाही आई सामने - धान बर्बाद

पन्ना जिले में एक बार फिर प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिले के शाहनगर में धान का उचित भंडारण न होने से किसानों की हजारों क्विंटल धान बर्बाद हो गई है. मामले में फूड अधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं.

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बे मौसम बारिश से बर्बाद हुई धान
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Published : Jan 4, 2020, 9:30 PM IST

पन्ना। जिले में बे म-सम बारिश से खरीदी केंद्रों में खुले में रखी हजारों क्विंटल धान मंडी प्रबंधन की लापरवाही के चलते बर्बाद हो गई. किसानों से खरीदी गई धान परिवहन होने के बाद भी सुरक्षित नहीं रखी गई थी. सुरक्षा के माकूल प्रबंधन नहीं होने के चलते धान बारिश की भेंट चढ़ गई. जिस पर किसानों ने नाराजगी जताई है. तो वही मामले में प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं.

बे मौसम बारिश से बर्बाद हुई धान

कलेक्टर ने धान की खरीदी के पहले ही धान की खरीदी होते ही उसे भंडारण करने के आदेश जारी किए गए थे. कलेक्टर के आदेश के बावजूद प्रशासन ने उसे ध्यान से नहीं लिया. जिसके बाद शाहनगर खरीदी केंद्र में ही हजारों बोरा धान गीली हो कर बर्बाद हो गयी.

मामले में फूड अधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं कि धान खुले में क्यों रखी गई. शाहनगर खरीदी केंद्र में ही अकेले 4 हजार 200 क्विंटल धान अभी भी खुले में रखी हुई है. प्रशासनिक लापरवाही और मौसम की दोहरी मार झेल रहे किसानों का कहना है कि अभी तक आधी तुलाई हुई है. पानी के कारण तुलाई नहीं हो पा रही है. जिससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

इस पूरे मामले में फूड अधिकारी का कहना है के धान की जो बोरी खुले में रखी हुई है उनकी सीलिंग नहीं हो पाई है. कुछ किसानों की धान को जल भराव क्षेत्र से उठा कर दूसरी जगह रखवाया गया है. जो धान अभी भी खुले में रखी हुई है उसके भंडारण के निर्देश दे दिए गए हैं.

पन्ना। जिले में बे म-सम बारिश से खरीदी केंद्रों में खुले में रखी हजारों क्विंटल धान मंडी प्रबंधन की लापरवाही के चलते बर्बाद हो गई. किसानों से खरीदी गई धान परिवहन होने के बाद भी सुरक्षित नहीं रखी गई थी. सुरक्षा के माकूल प्रबंधन नहीं होने के चलते धान बारिश की भेंट चढ़ गई. जिस पर किसानों ने नाराजगी जताई है. तो वही मामले में प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं.

बे मौसम बारिश से बर्बाद हुई धान

कलेक्टर ने धान की खरीदी के पहले ही धान की खरीदी होते ही उसे भंडारण करने के आदेश जारी किए गए थे. कलेक्टर के आदेश के बावजूद प्रशासन ने उसे ध्यान से नहीं लिया. जिसके बाद शाहनगर खरीदी केंद्र में ही हजारों बोरा धान गीली हो कर बर्बाद हो गयी.

मामले में फूड अधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं कि धान खुले में क्यों रखी गई. शाहनगर खरीदी केंद्र में ही अकेले 4 हजार 200 क्विंटल धान अभी भी खुले में रखी हुई है. प्रशासनिक लापरवाही और मौसम की दोहरी मार झेल रहे किसानों का कहना है कि अभी तक आधी तुलाई हुई है. पानी के कारण तुलाई नहीं हो पा रही है. जिससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

इस पूरे मामले में फूड अधिकारी का कहना है के धान की जो बोरी खुले में रखी हुई है उनकी सीलिंग नहीं हो पाई है. कुछ किसानों की धान को जल भराव क्षेत्र से उठा कर दूसरी जगह रखवाया गया है. जो धान अभी भी खुले में रखी हुई है उसके भंडारण के निर्देश दे दिए गए हैं.

Intro:पन्ना।
एंकर:- मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में वे मौसम वारिश से खरीदी केंद्रों में खुले में रखी हजारों बोरे धान बर्बाद हो गयी। बारिश रात भर होती रही। किसानों से खरीदी गई धान परिवहन न होने से खुले मैदान में रखी रही। प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा के माकूल प्रबंध न होने चलते धान बारिश की भेंट चढ़ गई। कही कही तो अंकुरित हो रही है धान। ये हालत एक दो खरीदी केंद्र का नही बल्कि पूरे जिले का है।


Body:अकेले शाहनगर खरीदी केंद्र में ही हजारों बोरा धान गीली हो कर बर्बाद हो गयी। जबकि जिला कलेक्टर ने पहले ही हर रोज खरीद ओर हर रोज भंडारण के आदेश जारी किए गए थे। लेकिन ये आदेश बेमानी साबित हो रहे है। हालाकि फूड अधिकारी इसकी जांच में जुट गए है। शाहनगर खरीदी केंद्र में ही अकेले 4 हजार 200 क्वांटल धान अभी भी खुले में रखी हुई है। जिसका भंडारण अभी तक नही किया गया है। Conclusion:प्रशासनिक लापरवाही ओर मौसम की दोहरी मार झेल रहे किसानों का कहना है कि अभी तक आधी तुलाई हुई है। पानी के कारण तुलाई नही हो पा रही। किसानो का आरोप है कि छोटे किसानों की कोई वेल्यू नही है। 10 दिनों से अटके पड़े है कोई सुनने वाला नही है। पानी से हम किसी तरह अपनी धान को बचाए हुये है। बड़े बड़े लोगो की सुनते हैं। यहाँ पानी से धन खराब हो रही है। वही इस पूरे मामले में फूड अधिकारी का कहना है के धान की बोरी रखी हुई है इनकी सीलिंग नही हो सकी है। कुछ किसानों की धान को जल भराव क्षेत्र से उठा कर दूसरी जगह रखवाया गया है। 4 हजार 200 क्वांटल धन अभी भी खुले में रखी हुई है। जिसके भंडारण के निर्देश दिये गए है।
बाईट:- 1 बद्री सिंह (किसान)
बाईट:- 2 मेसराम (किसान)
बाईट:- 3 महादेव (फूड अधिकारी शाहनगर)
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