पन्ना। पन्ना टाइगर रिजर्व में स्थानिय लोगों को रोजगार और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई बफर में सफर योजना और नाइट सफारी फिलहाल पर्यटकों को नहीं लुभा पा रही है. इसकी एक वजह होटल और रिसॉर्ट से पार्क का दूर होना भी माना जा रहा है. क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व लगातार पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कोशिशें कर रही हैं, लेकिन इसके बावजूद पर्याप्त मात्रा में पर्यटक इस ओर आकर्षित नहीं हो पा रहे हैं. आखिर क्यों आधा सैकड़ा से भी ज्यादा बाघ होने और गिद्धों की गणना में भी अव्वल होने के बाबजूद टाइगर रिजर्व की नाइट सफारी पर्यटकों को नहीं लुभा पा रही है?
वन विभाग ने प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में नाइट सफारी शुरू की है. स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बफर में सफर के तहत इस योजना का शुभारंभ किया गया है. कई बार तो पर्यटकों को कोर जोन में बाघ नहीं दिखते, जिससे पर्यटक निराश हो जाते हैं. वहीं बफर जोन में क्षेत्र कम होने के कारण बाघों को देखना आसान होता है. लेकिन पन्ना टाइगर रिजर्व में नाइट सफारी को फिलहाल पर्याप्त पर्यटक नहीं मिल पा रहे हैं.
योजना को लोगों से नहीं जोड़ पा रहा प्रबंधन
इसकी वजह पार्क से रिसॉर्ट होटल और लॉज दूर होना भी है. पर्यावरण विद और एडवोकेट राजेश दीक्षित की मानें तो नाइट सफारी की टिकट की कीमत भी कम है. बावजूद इसके पर्याप्त मात्रा में पर्यटक नहीं आ रहे हैं, जिसमें कहीं न कहीं पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन की लापरवाही है क्योंकि पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन इस योजना से पन्ना के लोगों ओर होटल संचालको को जोड़ नहीं पा रहे हैं.
पन्ना टाइगर रिजर्व में मिला विश्व का सबसे तेज उड़ने वाला पक्षी पेरीग्राइन फलकन
आसानी से दिखते हैं शावक
फील्ड डायरेक्टर का कहना है कि नाइट सफारी को पिछली बार की तुलना में बेहतर रिस्पांस मिल रहा है. इसे बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं. किसानों के खेतों में मचान बनाने पर भी विचार किया जा रहा है. पन्ना के बफर जोन में करीब 7 से 8 बाघ और उनके शावक हैं, जो नाइट सफारी में जाने वाले पर्यटकों को आसानी से दिख जाते हैं.