पन्ना। जिले के पवई क्षेत्र के रैपुरा में चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं.यहां इलाज के अभाव में हुई तीन वर्षीय मासूम की मौत हो गई. रैपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज के अभाव में बच्ची की मौत से लोग गुस्से में हैं. इस घटना ने सरकार की चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. लोगों का कहना है कि चिकित्सा व्यवस्था भगवान भरोसे है. ग्रामीण क्षेत्रों की सुध लेने वाला कोई नहीं है.
बच्ची बेहोश हुई : सोनमऊ खुर्द निवासी राहुल यादव अपनी 3 वर्ष की बच्ची को रैपुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार हेतु लेकर पहुंचा. जहां कोई भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं था. स्टाफ ने कुछ देर में देखने की बात कही. पर इलाज नहीं मिल सका. कुछ देर बाद बच्ची बेहोश हो गई. डॉक्टर न होने से गरीब के परिवार को यह भी कोई बताने तैयार नहीं था कि बच्ची जीवित है या मृत. बच्ची की मां और पिता बिलखते हुए अपनी तीन वर्ष की बेटी को लेकर पूरे अस्पताल में इलाज की गुहार लगाते हुए इधर उधर भागते रहे. इसी दौरान उनकी बच्ची की मौत हो चुकी थी.
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3 लाख की आबादी पर 1 डॉक्टर : बता दें कि छह माह से पूरे शाहनगर ब्लॉक की लगभग तीन लाख की आबादी में सिर्फ एक डॉक्टर है, जिसके पास बीएमओ का भी प्रभार भी है. जनता लगातार पिछले छह माह से परेशान है. वह लगातार अस्पतालों में डॉक्टरों की मांग कर रही है पर प्रशासन और सरकार इतनी गहरी नींद में हैं कि उन्होंने लगातार हो रही मौतों पर चुप्पी साध रखी है. अब देखना होगा की क्या डॉक्टर की कमी का भी फैक्ट चेक कर कही इस पर पर्दा तो नही डाल दिया जाएगा.