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Lodhi Vs Brahmin Controversy: एमपी में लोधी वर्सेस ब्राह्मण विवाद में कुसुम महदेले की एंट्री, संभाला नहीं तो 23 का तनाव बनेगा विवाद - बीजेपी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री कुसुम महदेले

मध्य प्रदेश बीजेपी में लोधी वर्सेस ब्राह्मण विवाद काफी चर्चाओं में है. मगर इस विवाद में नया मोड़ अब आया है बीजेपी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री कुसुम महदेले के बयान से. उन्होने कहा कि प्रीतम लोधी को लेकर उपजा विवाद कहीं पार्टी को 2023 में डेंट ना दे दे. यही नहीं अगर ये विवाद जल्द खत्म ना हुआ तो हिंदुओं के लिए भी नासूर बन जाएगा. जानें आखिर यह विवाद आगे खिचा तो बीजेपी को कितना नुकसान खासकर मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड अंचल में दे सकती है. कुसुम महदेले का दर्द छलका है तो इसका बड़ा कारण यह है कि वो खुद भी लोधी समाज की बड़ी नेता मानी जाती रही हैं जो इन दिनों पार्टी में हाशिए पर हैं. (madhya pradesh lodhi vs brahmin)(bjp leader kusum mahdele) (dhirendra shashtri bundelkhand) (pritam lodhi news ) (Bageshwar dham sarkar)

lodhi vs brahmin controversy bjp
एमपी में लोधी वर्सेस ब्राम्हण विवाद
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Published : Sep 20, 2022, 6:07 PM IST

Updated : Sep 20, 2022, 8:03 PM IST

भोपाल। एमपी के बुंदेलखंड में धीमे धीमे सुलग रहे लोधी वर्सेस ब्राह्मण विवाद की लपटें क्या एमपी में 2023 के विधानसभा चुनाव में दिखाई देंगी? तूल पकड़ रहे इस मामले पर आगाह करने के अंदाज़ में कुसुम मेहदेले ने कहा है कि इस तरह के विवाद हिंदुओं को आपस में लड़ाने वाले हैं. मेहदेले ने कहा है कि धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री और प्रीतम लोधी विवाद को यहीं खत्म कर देना चाहिए. उन्होने कहा कि वरना तय मानिए कि ये मामला आगामी विधानसभा चुनाव में बुंदेलखड में बड़ा असर दिखाएगा. (madhya pradesh lodhi vs brahmin)

ब्राह्मण के वोट से जीतते हैं लोधी नेता भी: कुसुम महदेले ने कहा कि ना ब्राह्मण किसी से कम हैं ना लोधी. लेकिन इस तरह के विवादों की वजह से समाज को बांटने वाले होते हैं. उन्होने कहा कि ना ये धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के लिए उचित है ना प्रीतम लोधी के लिए कि समाज में दरार डालने वाले ऐसे बयान आगे बढ़ें. बेहतर तो ये होना चाहिए कि दोनों को इस तरह के मामले को यहीं खत्म कर देना चाहिए. हांलाकि खुद लोधी नेता होने के बावजूद उन्होने ये खुलकर कहा कि जरुरी नहीं जिस समाज से आप आएं वही चुनाव में आपको जीत दिलाएं. मेहदेले ने कहा कि उन्हें चुनाव जिताने में पिछड़ा वर्ग के साथ ब्राह्मणों की बड़ी भूमिका होती थी. (bjp leader kusum mahdele) (dhirendra shashtri bundelkhand)

एमपी में लोधी वर्सेस ब्राम्हण विवाद में कुसुम महदेले की एंट्री

तो आर पार का होगा बुंदेलखंड का चुनाव: मेहदेले इस विवाद का असर साल भर बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव में देख रही हैं. मेहदेले के मुताबिक अगर इसे संभाला नहीं गया तो चुनाव में ब्राह्मण एक तरफ जाएगा और लोधी वोट एक तरफ. उन्होने कहा कि अगर ये दो व्यक्तियों की प्रतिष्ठा का मामला है तो बेहतर है कि उन्हें इसे विराम दे देना चाहिए कि क्योंकि इससे सियासी फायदा उतना नहीं होगा हिंदू वोट बंट जाने से नुकसान जितना बड़ा है. (lodhi vs brahmin controversy bjp)

Controversy Brahmin VS Lodhi महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती का प्रीतम लोधी पर निशाना, ब्राह्मणों के खिलाफ बोलना राजनेताओं का शगल

65 सीटों पर लोधी तो 60 पर ब्राह्मणों का दबदबा: एमपी में फिलहाल विधानसभा की 65 सीटें ऐसी हैं जहां लोधी समाज निर्णायक की भूमिका में कहा जा सकता है. इसमें से ज्यादातर सीटें बुंदेलखंड इलाके की है दूसरे नंबर पर ग्वालियर चंबल का इलाका है जहां इस समाज की नाराजगी असर दिखा सकती है. लोकसभा की 29 में से 13 सीटों पर लोधी वोटर प्रभावी है. ब्राह्मण वोटर की अगर बात करे तो प्रदेश की 60 सीटों पर ब्राह्मणों का प्रभाव है. ब्राह्मण वोटर का सबसे बड़ा इलाका विंध्य है. (pritam lodhi news ) (Bageshwar dham sarkar) (Lodhi Vs Brahmin Controversy)

भोपाल। एमपी के बुंदेलखंड में धीमे धीमे सुलग रहे लोधी वर्सेस ब्राह्मण विवाद की लपटें क्या एमपी में 2023 के विधानसभा चुनाव में दिखाई देंगी? तूल पकड़ रहे इस मामले पर आगाह करने के अंदाज़ में कुसुम मेहदेले ने कहा है कि इस तरह के विवाद हिंदुओं को आपस में लड़ाने वाले हैं. मेहदेले ने कहा है कि धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री और प्रीतम लोधी विवाद को यहीं खत्म कर देना चाहिए. उन्होने कहा कि वरना तय मानिए कि ये मामला आगामी विधानसभा चुनाव में बुंदेलखड में बड़ा असर दिखाएगा. (madhya pradesh lodhi vs brahmin)

ब्राह्मण के वोट से जीतते हैं लोधी नेता भी: कुसुम महदेले ने कहा कि ना ब्राह्मण किसी से कम हैं ना लोधी. लेकिन इस तरह के विवादों की वजह से समाज को बांटने वाले होते हैं. उन्होने कहा कि ना ये धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के लिए उचित है ना प्रीतम लोधी के लिए कि समाज में दरार डालने वाले ऐसे बयान आगे बढ़ें. बेहतर तो ये होना चाहिए कि दोनों को इस तरह के मामले को यहीं खत्म कर देना चाहिए. हांलाकि खुद लोधी नेता होने के बावजूद उन्होने ये खुलकर कहा कि जरुरी नहीं जिस समाज से आप आएं वही चुनाव में आपको जीत दिलाएं. मेहदेले ने कहा कि उन्हें चुनाव जिताने में पिछड़ा वर्ग के साथ ब्राह्मणों की बड़ी भूमिका होती थी. (bjp leader kusum mahdele) (dhirendra shashtri bundelkhand)

एमपी में लोधी वर्सेस ब्राम्हण विवाद में कुसुम महदेले की एंट्री

तो आर पार का होगा बुंदेलखंड का चुनाव: मेहदेले इस विवाद का असर साल भर बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव में देख रही हैं. मेहदेले के मुताबिक अगर इसे संभाला नहीं गया तो चुनाव में ब्राह्मण एक तरफ जाएगा और लोधी वोट एक तरफ. उन्होने कहा कि अगर ये दो व्यक्तियों की प्रतिष्ठा का मामला है तो बेहतर है कि उन्हें इसे विराम दे देना चाहिए कि क्योंकि इससे सियासी फायदा उतना नहीं होगा हिंदू वोट बंट जाने से नुकसान जितना बड़ा है. (lodhi vs brahmin controversy bjp)

Controversy Brahmin VS Lodhi महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती का प्रीतम लोधी पर निशाना, ब्राह्मणों के खिलाफ बोलना राजनेताओं का शगल

65 सीटों पर लोधी तो 60 पर ब्राह्मणों का दबदबा: एमपी में फिलहाल विधानसभा की 65 सीटें ऐसी हैं जहां लोधी समाज निर्णायक की भूमिका में कहा जा सकता है. इसमें से ज्यादातर सीटें बुंदेलखंड इलाके की है दूसरे नंबर पर ग्वालियर चंबल का इलाका है जहां इस समाज की नाराजगी असर दिखा सकती है. लोकसभा की 29 में से 13 सीटों पर लोधी वोटर प्रभावी है. ब्राह्मण वोटर की अगर बात करे तो प्रदेश की 60 सीटों पर ब्राह्मणों का प्रभाव है. ब्राह्मण वोटर का सबसे बड़ा इलाका विंध्य है. (pritam lodhi news ) (Bageshwar dham sarkar) (Lodhi Vs Brahmin Controversy)

Last Updated : Sep 20, 2022, 8:03 PM IST
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