पन्ना। लोकायुक्त पुलिस ने गुनौर के नायब तहसीलदार रविशंकर शुक्ला को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है. रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली को छोड़ने के एवज में प्रभारी तहसीलदार ने शिक्षक बृज बिहारी प्रजापति से अपने शासकीय आवास में चौकीदार देवीदीन दहायत के माध्यम से घूस ली. जिसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने दबिश देकर प्रभारी तहसीलदार रविशंकर शुक्ला और चौकीदार को रंगे हाथों दबोंच लिया.
ये है पूरा मामला
लोकायुक्त की टीम दोनों को स्थानीय पुलिस थाना ले गई, जहां पर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की. लोकायुक्त टीम की इस कार्रवाई से गुनौर तहसील मुख्यालय में हड़कंप मच गया. जानकारी के मुताबिक, गुनौर निवासी शिक्षक बृज बिहारी प्रजापति के ट्रैक्टर-ट्राली को छोड़ने के एवज में प्रभारी तहसीलदार रविशंकर शुक्ला ने 35 हजार रुपए मांगे थे. सौदा तय होने पर शिक्षक ने सागर पहुंचकर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय में इसकी शिकायत की. जिसके बाद लोकायुक्त एसपी सागर रामेश्वर सिंह के निर्देशन में रिश्वत खोर तहसीलदार को पकड़ने की योजना बनाई. बताया जा रहा है कि शुक्रवार को नायब तहसीलदार को शिक्षक बृजबिहारी ने 10 हजार रूपए दे दिए थे. बाकि के 20 हजार रुपये योजना के मुताबिक शिक्षक ने घूस की राशि तहसीलदार के चौकीदार देवीदीन को दिए.
वहीं डीएसपी सागर लोकायुक्त राजेश खेड़े ने बताया कि बृजबिहारी प्रजापति द्वारा सागर लोकायुक्त में शिकायत की गई थी कि उनका ट्रैक्टर प्रभारी तहसीलदार रविशंकर शुक्ला ने पकड़ लिया था और एवज में पैसों की मांग की गई. जिसके बाद जांच में ये सही पाया गया और नायब तहसीलदार को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है.
बता दें कि, गुनौर तहसील लंबे समय से घूसखोरी और वहां दलालों का नेटवर्क सक्रिय होने को लेकर चर्चा में रही है. अति पिछड़ा पन्ना जिला प्रशासनिक अधिकारियों-कर्मचारियों का चारागाह बना है. जिले के अधिकांश कार्यालयों में बगैर रिश्वत दिए आमजन का कोई काम नहीं होता है.