पन्ना। मध्यप्रदेश की हीरा नगरी के नाम से प्रसिद्ध पन्ना प्राकृतिक संपदा से भरा पड़ा है. यहां वन्य प्राणी भी अच्छी-खासी संख्या में पाए जाते हैं. पन्ना का टाइगर रिजर्व देखने दुनियाभर से पर्यटक आते हैं. यह तेंदुआ, बाघ, चीतल, हिरन, सांभर और नीलगाय जैसे जानवरों का प्राकृतिक रहवासी इलाका है. कभी-कभी इस रिजर्व के वन्यप्राणी आस-पास बसे गांवों में भी पहुंच जाते हैं. वहीं, इन जानवरों के शिकार की कोशिश भी कई बार की जाती है. हालांकि, वन विभाग का अमला और स्थानीय पुलिस इन हरकतों पर नजर रखती है, फिर भी शिकारी ऐसी वारदातों से बाज नहीं आते हैं.
नाले के पास से गुजर रहे लोगों ने सुनी तेंदुए की आवाज: ऐसी ही एक कोशिश का मामला दक्षिण वन मंडल के पवई एवं शाहनगर वन परिक्षेत्र की सीमा रेखा के पास सामने आया. यहां शाहपुर कला के रामपुर ग्राम अंतर्गत कक्ष क्रमांक P 1016 बीट रामपुर स्थित नाले में लगाए गए शिकारी फंदे में एक तेंदुआ फंस गया. उसने काफी देर तक इस फंदे से निकलने की कोशिश की. जब वह थक गया तो धीमी आवाज में गुर्राने लगा. उसकी कराह नाले के पास से गुजर रहे कुछ लोगों ने सुनी. वे लोग जब मौके पर पहुंचे तो तेंदुए को फंदे में फंसा पाया.
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ट्रेन्कुलाइज कर तेंदुए को बेहोश करने का प्रयास किया: स्थानीय ग्रामीणों ने इसकी सूचना सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी बराती लाल को दी. वे तुरंत ही अपनी टीम के साथ उस जगह पहुंचे. उन्होंने मामले की जानकारी आला अधिकारियों को दी. इसके बाद DFO उत्तर वन परिक्षेत्र पन्ना, SDO सहित वन्य प्राणी विशेषज्ञ डॉ. संजीव कुमार गुप्ता मौके पर पहुंच गए. इन सभी अधिकारियों ने मौका मुआयना कर डार्ट गन से ट्रेन्कुलाइज कर तेंदुए को बेहोश करने का प्रयास किया. इस दौरान तेंदुआ अपनी जान बचाने के लिए जद्दोजहद करते हुए खुद को छुड़ाने की कोशिश में लगा रहा. आखिरकार फंदे का क्लच वायर खुल गया और तेंदुआ छलांग लगाते हुए जंगल की ओर भाग खड़ा हुआ. फिलहाल, वन विभाग ने एक टीम को घटनास्थल पर तैनात कर दिया है. इसका काम यह देखना है कि तेंदुआ आवासीय क्षेत्र में न आए. साथ ही डॉग स्क्वाड की मदद से मामले की जांच भी कराई जा रही है.