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प्रदेश पर मंडरा रहा भारी बारिश का खतरा, पन्ना में अभी भी सूखे हैं तालाब

प्रदेश के कई जिलों में पहले ही नदियां उफान पर हैं. ऐसे में प्रशासन के अलर्ट के बाद जिला प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. लेकिन पन्ना का ऐतिहासिक तालाब आज भी अपने अस्तित्व पर आंसू बहाने को मजबूर है.

पन्ना में अभी भी सूखे हैं तालाब
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Published : Aug 14, 2019, 7:46 PM IST

पन्ना। मध्यप्रदेश में एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है. मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले 24 घंटों में प्रदेश के 28 जिलों में भारी बारिश हो सकती है. प्रदेश के कई जिलों में पहले ही नदियां उफान पर हैं. ऐसे में प्रशासन के अलर्ट के बाद जिला प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. लेकिन पन्ना का ऐतिहासिक तालाब आज भी अपने अस्तित्व पर आंसू बहाने को मजबूर है.

पन्ना में अभी भी सूखे हैं तालाब

पन्ना में प्राचीन धरम सागर, लोकपाल सागर, कमलाबाई तालाब और निरपत सागर जैसे ऐतिहासिक तालाब हैं. सावन बीत जाने के बाद भी ये तालाब सूखे पड़े हुए हैं. क्योंकि पन्ना में अभी तक जैसी बारिश की उम्मीद लगाई जा रही थी वैसी बारिश नही हुई. इतना ही नहीं पिछले दो सालों से बारिश कम होने की वजह से ये तालाब अपना अस्तित्व खोते जा रहे हैं.

जानकारों की माने तो पन्ना के इन तालाबों और कुओं में 12 महीने पानी रहता था और शायद इतिहास में ये पहली बार है कि ये तालाब सूखे पड़े हुए हैं. मध्यप्रदेश में जिन 28 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, उनमें पन्ना भी शामिल है. अब देखना है कि क्या इस बार बारिश में ये तालाब फिर से लबालब भर पाएंगे या नहीं.

पन्ना। मध्यप्रदेश में एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है. मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले 24 घंटों में प्रदेश के 28 जिलों में भारी बारिश हो सकती है. प्रदेश के कई जिलों में पहले ही नदियां उफान पर हैं. ऐसे में प्रशासन के अलर्ट के बाद जिला प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. लेकिन पन्ना का ऐतिहासिक तालाब आज भी अपने अस्तित्व पर आंसू बहाने को मजबूर है.

पन्ना में अभी भी सूखे हैं तालाब

पन्ना में प्राचीन धरम सागर, लोकपाल सागर, कमलाबाई तालाब और निरपत सागर जैसे ऐतिहासिक तालाब हैं. सावन बीत जाने के बाद भी ये तालाब सूखे पड़े हुए हैं. क्योंकि पन्ना में अभी तक जैसी बारिश की उम्मीद लगाई जा रही थी वैसी बारिश नही हुई. इतना ही नहीं पिछले दो सालों से बारिश कम होने की वजह से ये तालाब अपना अस्तित्व खोते जा रहे हैं.

जानकारों की माने तो पन्ना के इन तालाबों और कुओं में 12 महीने पानी रहता था और शायद इतिहास में ये पहली बार है कि ये तालाब सूखे पड़े हुए हैं. मध्यप्रदेश में जिन 28 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, उनमें पन्ना भी शामिल है. अब देखना है कि क्या इस बार बारिश में ये तालाब फिर से लबालब भर पाएंगे या नहीं.

Intro:पन्ना।
एंकर :- मध्यप्रदेश में एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग के मुताबिक 28 जिलों में आने वाले 24 घंटो में अति भारी बारिश का खतरा मंडरा रहा है। प्रदेश के कई जिलों में पहले ही नदिया उफान पर है। ऐसे में प्रशासन के अलर्ट के बाद। जिला प्रशासन भी अलर्ट हो गया है लेकिन पन्ना के ऐतिहासिक तालाब आज भी अपने अस्तित्व पर आंसू बहा रहे है।


Body:पन्ना में प्राचीन धरम सागर, लोकपाल सागर, कमलाबाई तालाब और निरपत सागर जैसे ऐतिहासिक तालाब है। सावन बीत जाने के बाद भी ये तालाब सूखे पड़े हुए है। क्योंकि पन्ना में अभी तक जैसी बारिश की उम्मीद लगाई जा रही थी वैसी बारिश हुई नही। इतना ही नही पिछले 2 वर्षों से बारिश कम होने की वजह से ये तालाब अपना अस्तित्व खोते जा रहे है।


Conclusion:जानकारों की माने तो पन्ना में स्टेट समय के इन तालाबो और कुओं में 12 महीने पानी रहता था और शायद इतिहास में ये पहली बार है कि ये तालाब सूखे पड़े हुए है। मध्यप्रदेश में जिन 28 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है उनमें पन्ना भी शामिल है अब देखना है कि क्या इस बार बारिश में ये तालाब फिर से लबालब भर पाएंगे या नही।
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