पन्ना। वन विभाग में पदस्थ एक वनकर्मी को विभाग में फैली अव्यस्थाओं की जानकारी मीडिया को देना महंगा पड़ गया. विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों वनकर्मी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे सस्पेंड कर दिया. जिसके विरोध में वन कर्मचारी संघ ने संयुक्त कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
मामला जिले के दक्षिण वन मंडल का है. जहां रेंजर ने विभाग के उच्च अधिकारियों को बताया था कि काष्ठागार डिपो में पदस्थ 33 कर्मचारी लापता हैं. उनकी ड्यूटी सीनियर ऑफिस के आवासों पर लगी हुई है. जबकि नियम के मुताबिक उन्हें काष्ठागार में होना चाहिए. ये पूरा पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस पत्र के बारे में जब रेंजर से पूछा गया तो उन्होंने मीडिया को जानकारी देने से मना कर दिया. वहीं कथित तौर पर ये बात सामने आई है कि विभाग में पदस्थ वनकर्मी ने ये जानकारी मीडिया में दे दी. जिसके बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया.
पन्ना वन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महिपाल रावत का कहना है कि उच्च अधिकारियों की लापरवाही की कीमत छोटे कर्मचारियों को चुकानी पड़ती है. उन्होंने कहा कि कथित तौर वनरक्षक पर लगाए गए आरोप गलत हैं. जल्द ही उस वनरक्षक को बहाल नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन होगा. वहीं रेंजर रामसिंह पटेल पटेल ने बताया कि उन्होंने विभाग की कमियों को बताने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा था. उनका उद्देश्य ये नहीं था कि मामला मीडिया में आए. वनरक्षक के खिलाफ की गई कार्रवाई न्यायसंगत नहीं है.