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जिनके पास दो जून की रोटी तक नहीं, खनन के लिए उनको मिला करोड़ों का नोटिस - रेत का उत्खनन

पन्ना के अजयगढ़ में कुछ दिन पहले ही एसडीएम ने ग्रामीण रामनई की निजी भूमि पर अवैध खनन के सात मामलों में 27 करोड़ का जुर्माना लगाया था. इन मामलों में गरीबों-किसानों को आरोपी बनाया गया है.

Crores of fines imposed on helpless villagers and farmers
गरीबों पर करोड़ों का जुर्माना
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Published : Jan 23, 2020, 5:14 PM IST

Updated : Jan 23, 2020, 6:06 PM IST

पन्ना। जिले के अजयगढ़ में रेत माफिया केन नदी की धारा को रोककर खुलेआम प्रतिबंधित मशीनों से खनन कर रहा है और हथियारों के दम पर स्थानीय लोगों के खेतों से भी रेत खनन कर रहा है. एक तरफ जहां राज्य सरकार खनन माफिया व भू-माफिया के खिलाफ अभियान चला रही है, रेत माफिया व उनको संरक्षण देने वाले नेता-अधिकारी पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं, बावजूद इसके केन नदी से अवैध खनन करने वाले माफिया को अधिकारी और नेता संरक्षण दे रहे हैं.

गरीबों पर करोड़ों का जुर्माना

अजयगढ़ में कुछ दिन पहले ही एसडीएम ने ग्रामीण रामनई की निजी भूमि पर अवैध रेत खनन करने के सात मामलों में 27 करोड़ रूपए जुर्माना लगाया गया था, उक्त प्रकरण तत्कालीन तहसीलदार ने वर्ष 2017 में निरीक्षण कर निजी भूमि में अवैध खनन करने पर दर्ज किया था, लेकिन सभी प्रकरणों में गरीबों और किसानों पर करोड़ों के जुर्माने का बोझ डाला गया और रेत माफिया को छोड़ दिया गया, अपने कारनामे छिपाकर वाहवाही लूटने वाले अधिकारी फटे हाल ग्रामीणों को बलि का बकरा बना रहे हैं.

जिन सात मामलों में 27 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है, वे सभी जुर्माने की खबर सुनकर सदमे में हैं. जिन्होंने कभी एक लाख रुपए भी नहीं देखे हैं, उनके ऊपर करोड़ों के जुर्माने की बात सुनकर उनका क्या हाल होगा, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. सभी प्रकरणों में एसडीएम ने आरआरसी तैयार कर नए तहसीलदार को वसूली करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन जिन लोगों के पास खाने के लिए दो जून की रोटी तक मयस्सर नहीं है, वो करोड़ों का जुर्माना कहां से भरेंगे.

पन्ना। जिले के अजयगढ़ में रेत माफिया केन नदी की धारा को रोककर खुलेआम प्रतिबंधित मशीनों से खनन कर रहा है और हथियारों के दम पर स्थानीय लोगों के खेतों से भी रेत खनन कर रहा है. एक तरफ जहां राज्य सरकार खनन माफिया व भू-माफिया के खिलाफ अभियान चला रही है, रेत माफिया व उनको संरक्षण देने वाले नेता-अधिकारी पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं, बावजूद इसके केन नदी से अवैध खनन करने वाले माफिया को अधिकारी और नेता संरक्षण दे रहे हैं.

गरीबों पर करोड़ों का जुर्माना

अजयगढ़ में कुछ दिन पहले ही एसडीएम ने ग्रामीण रामनई की निजी भूमि पर अवैध रेत खनन करने के सात मामलों में 27 करोड़ रूपए जुर्माना लगाया गया था, उक्त प्रकरण तत्कालीन तहसीलदार ने वर्ष 2017 में निरीक्षण कर निजी भूमि में अवैध खनन करने पर दर्ज किया था, लेकिन सभी प्रकरणों में गरीबों और किसानों पर करोड़ों के जुर्माने का बोझ डाला गया और रेत माफिया को छोड़ दिया गया, अपने कारनामे छिपाकर वाहवाही लूटने वाले अधिकारी फटे हाल ग्रामीणों को बलि का बकरा बना रहे हैं.

जिन सात मामलों में 27 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है, वे सभी जुर्माने की खबर सुनकर सदमे में हैं. जिन्होंने कभी एक लाख रुपए भी नहीं देखे हैं, उनके ऊपर करोड़ों के जुर्माने की बात सुनकर उनका क्या हाल होगा, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. सभी प्रकरणों में एसडीएम ने आरआरसी तैयार कर नए तहसीलदार को वसूली करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन जिन लोगों के पास खाने के लिए दो जून की रोटी तक मयस्सर नहीं है, वो करोड़ों का जुर्माना कहां से भरेंगे.

Intro:पन्ना
एंकर :- पन्ना के अजयगढ़ में दबंग रेत माफियाओं द्वारा केन नदी की बहती धारा को रोककर प्रतिबंधित इन मशीनों से उत्खनन करने के साथ-साथ हथियारों के दम पर स्थानीय ग्रामीणों के खेतों से भी रेत का उत्खनन किया जा रहा है एक तरफ जहां प्रदेश के मुखिया कमलनाथ द्वारा खनन माफिया व भू माफिया के खिलाफ सख्त कार्यवाही के आदेश सहित माफियाओं को संरक्षण देने वाले नेताओं और अधिकारियों पर भी कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं इसके बावजूद अजयगढ़ क्षेत्र की केन नदी में अवैध रेत उत्खनन करने वाले माफिया को लालची अधिकारी और भ्रष्ट नेताओं द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है।Body:मामला अजयगढ़ का है जहां पर कुछ दिन पहले ही एसडीएम अजयगढ़ के द्वारा रामनई की निजी भूमि पर अवैध रेत उत्खनन के 7 मामलों में ऐतिहासिक 27 करोड़ का जुर्माना किया गया था उक्त प्रकरण तत्कालीन तहसीलदार द्वारा वर्ष 2017 में निरीक्षण कर निजी भूमि में उत्खनन पाए जाने पर दर्ज किया गया था लेकिन सभी प्रकरणों में गरीब और किसानों पर करोड़ों के जुर्माने का बोल डाला गया और रेत माफियाओ को छोड़ दिया गया। अपने कारनामे छुपाकर वाहवाही लूटने वाले अधिकारी फटे हाल ग्रामीणों को बलि का बकरा बना रहे हैं जबकि रेत माफिया मलाई खा रहे हैं।
Conclusion:आपको बता दें कि जिन सात मामलों में 27 करोड़ का जुर्माना किया गया है वे सभी जुर्माने की खबर सुनकर काफी सदमे में हैं जिन्होंने कभी 1 लाख रुपये भी नहीं देखे हैं उनके ऊपर करोड़ों के जुर्माने की बात सुनकर उनका क्या हाल होगा इसका अंदाजा ही लगाया जाता है समस्त प्रकरणों में एसडीएम द्वारा आरआरसी तैयार का नया तहसीलदार बीरा को बसूली के निर्देश दिए गए थे लेकिन जिन लोगों के पास खाने को भी ना हो वह करोड़ों का जुर्माना कहां से देंगे इस बात का अंदाजा ही लगाया जा सकता है।
बाइट :- 1 पट्टू खां (किसान)
बाइट :- 2 बोरी (पीड़िता)
बाइट :- 3 रामआसरे (पीड़ित)
बाइट :- 4 एस. के.गुप्ता (एसडीएम अजयगढ़)
Last Updated : Jan 23, 2020, 6:06 PM IST
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