पन्ना। जिले के अजयगढ़ में रेत माफिया केन नदी की धारा को रोककर खुलेआम प्रतिबंधित मशीनों से खनन कर रहा है और हथियारों के दम पर स्थानीय लोगों के खेतों से भी रेत खनन कर रहा है. एक तरफ जहां राज्य सरकार खनन माफिया व भू-माफिया के खिलाफ अभियान चला रही है, रेत माफिया व उनको संरक्षण देने वाले नेता-अधिकारी पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं, बावजूद इसके केन नदी से अवैध खनन करने वाले माफिया को अधिकारी और नेता संरक्षण दे रहे हैं.
अजयगढ़ में कुछ दिन पहले ही एसडीएम ने ग्रामीण रामनई की निजी भूमि पर अवैध रेत खनन करने के सात मामलों में 27 करोड़ रूपए जुर्माना लगाया गया था, उक्त प्रकरण तत्कालीन तहसीलदार ने वर्ष 2017 में निरीक्षण कर निजी भूमि में अवैध खनन करने पर दर्ज किया था, लेकिन सभी प्रकरणों में गरीबों और किसानों पर करोड़ों के जुर्माने का बोझ डाला गया और रेत माफिया को छोड़ दिया गया, अपने कारनामे छिपाकर वाहवाही लूटने वाले अधिकारी फटे हाल ग्रामीणों को बलि का बकरा बना रहे हैं.
जिन सात मामलों में 27 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है, वे सभी जुर्माने की खबर सुनकर सदमे में हैं. जिन्होंने कभी एक लाख रुपए भी नहीं देखे हैं, उनके ऊपर करोड़ों के जुर्माने की बात सुनकर उनका क्या हाल होगा, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. सभी प्रकरणों में एसडीएम ने आरआरसी तैयार कर नए तहसीलदार को वसूली करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन जिन लोगों के पास खाने के लिए दो जून की रोटी तक मयस्सर नहीं है, वो करोड़ों का जुर्माना कहां से भरेंगे.