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पुलिस आरक्षक ने ली 800 रुपए की रिश्वत, कोर्ट ने सुनाई 4 साल की सजा - जिला एवं सत्र न्‍यायालय

पन्ना के जिला एवं सत्र न्यायालय ने पुलिस आरक्षक राजेंद्र गर्ग को रिश्नत लेने के मामले में दोषी पाया और आरोपी को 4 साल का सश्रम कारावास समेत 5 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया है.

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पुलिस आरक्षक को 4 साल की सजापुलिस आरक्षक को 4 साल की सजा
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Published : Jan 2, 2020, 8:18 PM IST

Updated : Jan 3, 2020, 11:09 AM IST

पन्ना। जिला एवं सत्र न्‍यायालय ने भ्रष्‍टाचार के मामले में फैसला सुनाते हुए पुलिस आरक्षक राजेन्‍द्र गर्ग को 4 साल का सश्रम कारावास और 5 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है. मामला 2015 का है. जिसमें सागर लोकायुक्त ने आरक्षक को 800 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. फरियादी कृपाल कुशवाहा पुलिस आरक्षक के खिलाफ लोकायुक्त एसपी ऑफिस में शिकायत की गई थी.

पुलिस आरक्षक को 4 साल की सजा

बता दें कृपाल कुशवाहा के खिलाफ अमानगंज थाने में एक मामला थाना दर्ज था. जिसमें धाराएं जमानती थीं. लेकिन न्‍यायालय में चालान पेश करने के एवज में अमानगंज थाना में पदस्‍थ आरक्षक राजेन्‍द्र गर्ग ने 4 हजार रुपए की मांग की थी. जब फरियादी ने कहा कि वो इतने पैसे नहीं दे सकता, तो मामला 800 रुपये में सेटल हो गया. आरोपी को लोकायुक्त ने ट्रैप कर रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.

जिला लोक अभियोजन अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि न्यायालय ने आरोपी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी पाया है. जिसके चलते सजा सुनाई गई है.

पन्ना। जिला एवं सत्र न्‍यायालय ने भ्रष्‍टाचार के मामले में फैसला सुनाते हुए पुलिस आरक्षक राजेन्‍द्र गर्ग को 4 साल का सश्रम कारावास और 5 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है. मामला 2015 का है. जिसमें सागर लोकायुक्त ने आरक्षक को 800 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. फरियादी कृपाल कुशवाहा पुलिस आरक्षक के खिलाफ लोकायुक्त एसपी ऑफिस में शिकायत की गई थी.

पुलिस आरक्षक को 4 साल की सजा

बता दें कृपाल कुशवाहा के खिलाफ अमानगंज थाने में एक मामला थाना दर्ज था. जिसमें धाराएं जमानती थीं. लेकिन न्‍यायालय में चालान पेश करने के एवज में अमानगंज थाना में पदस्‍थ आरक्षक राजेन्‍द्र गर्ग ने 4 हजार रुपए की मांग की थी. जब फरियादी ने कहा कि वो इतने पैसे नहीं दे सकता, तो मामला 800 रुपये में सेटल हो गया. आरोपी को लोकायुक्त ने ट्रैप कर रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.

जिला लोक अभियोजन अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि न्यायालय ने आरोपी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी पाया है. जिसके चलते सजा सुनाई गई है.

Intro:पन्ना।
एंकर :- माननीय न्‍यायालय द्वारा भृष्‍टाचार के मामले में फैसला सुनाते हुये, रिश्‍वतखोर प्रधानआरक्षक राजेन्‍द्र गर्ग को 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास व 5-5 हजार रूपये का अर्थदण्‍ड व अर्थदण्‍ड न देने पर 1 वर्ष के अतिरिक्‍त सश्रम कारावास के दंड से दण्डित किया गया है। दरसल दिनांक 16 सितंबर 2015 को फरियादी कृपाल कुशवाहा पिता मुल्‍लाकुशवाहा, उम्र-45वर्ष, निवासी-ग्राम-बिल्‍हा,तहसील व थाना-अमानगंज,जिला-पन्‍ना ने रिश्‍वत मांग-संबधी एक शिकायती-पत्र पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्‍त सागर को दिया था। कि,फरियादी के नाम से एक झूठा प्रकरण थाना-अमानगंज में कायम है।


Body:जिसमें सभी धाराएं जमानती है किं‍तु न्‍यायालय में चालान पेश करने के लिए थाना-अमानगंज में पदस्‍थ मुंशी राजेन्‍द्र गर्ग उससे 4000 रूपये मांग रहा है चूंकि मैं गरीब मजदूर हूं तथा केस दर्ज करवाने वाले अपराधी लोग है पैसे नहीं देने से रोज थाने में दिनभर बैठाकर रखते है शाम को छोड देते है दिनांक 17 सितंबर 2015 को सुबह 10 बजे पैसे लेकर आने को बोला गया है मैं, राजेन्‍द्र गर्ग मुंशी को पैसा नहीं देना चाहता हूं बल्कि उसे रिश्‍वत लेते हुये रंगे हाथ पकडवाना चाहता हूं।
         
Conclusion:फरियादी की शिकायत के सत्‍यापन के लिये कार्यालय-पुलिस अधीक्षक,लोकायुक्‍त सागर के द्वारा एक डिजीटल व्‍हाइस रिकार्डर फरियादी को दिया गया। और फरियादी से रिश्‍वत मांग संबंधी बातचीत को रिकार्ड करने के लिये कहा गया। दिनांक 17 सितंबर 2015 को फरियादी ने थाना-अमानगंज में जाकर रिश्‍वत मांग संबंधी बातचीत को रिकार्ड कर लिया,एवं फरियादी ने बताया कि,बातचीत के दौरान आरोपी राजेन्‍द्र गर्ग रिश्‍वत में 800 रूपये की रिश्‍वत राशि लेने के लिए सहमत हो गया है तथा रिश्‍वत राशि लेकर दिनांक 18. सितंबर 2015 को थाना-अमानगंज बुलाया है। फरियादी द्वारा दिये गये आवेदन-पत्र पर, पुलिस अधीक्षक,लोकायुक्‍त सागर द्वारा ट्रेप दल का गठन कर, कार्यवाही करने का आदेश दिया गया।
दिनाक 18/09/15 को फरियादी कृपाल कुशवाहा ने आरोपी राजेन्‍द्र गर्ग को थाना परिसर अमानगंज में पहुंचकर रिश्‍वत के 800 रूपये दिये, और फरियादी द्वारा पूर्व निर्धारित इशारा किया,इसके बाद लोकायुक्‍त ट्रेप दल ने उक्‍त रूपये आरोपी राजेन्‍द्र गर्ग से जप्‍त कर,आरोपी के विरूद्ध धारा 7,13(1) डी, 13(2) भ्र.नि.अधि. के अपराध क्र.436/15 में आरोपी को गिरफ्तार किया। प्रकरण में विवेचना उपरांत अभियोग-पत्र माननीय न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया गया। अभियोजन के द्वारा प्रस्‍तुत साक्ष्‍य और न्‍यायिक-दृष्‍टांतों के आधार पर, माननीय न्‍यायालय नें आरोपी राजेन्‍द्र गर्ग को दोषी पाया। माननीय न्‍यायालय से अभियोजन के द्वारा आरोपी को कठोर से कठोर दंड से दंडित किये जाने का निवेदन किया गया, माननीय न्‍यायालय द्वारा अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुये अभियुक्‍त प्रधान आरक्षक राजेन्‍द्र गर्ग पिता स्‍व. श्री रामविश्वास गर्ग, उम्र-58 वर्ष,ग्राम-टिकुरिया मोहल्‍ला, पन्‍ना (म.प्र.) को भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 4 वर्ष का सश्रम कारावास और 5000 रूपये का अर्थदण्‍ड व भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) डी, सहपठित 13(2) में. 4 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपये के अर्थदण्‍ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्‍ड जमा न करने पर 1 वर्ष का अतिरिक्‍त सश्रम कारावास के दण्‍ड से दण्डित किया गया।

बाइट :- 1 प्रवीण कुमार सिंह (जिला लोक अभियोजन अधिकारी, पन्‍ना)
Last Updated : Jan 3, 2020, 11:09 AM IST
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