पन्ना। हीरो की नगरी कहे जाने वाले पन्ना में हीरो का बाजार सजता है, जहां बहुमूल्य हीरो को खरीदने दूर-दूर से व्यापारी आते हैं. पन्ना में हीरा कार्यालय द्वारा नीलामी का आयोजन कराया जाता है, जिसमें उथली हीरा खदानों से प्राप्त हीरो को रखा जाता है. जिनकी बारीकी से जांच कर व्यापारी बोली लगाते हैं और हीरे खरीदते हैं. पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्र के मार्गदर्शन में संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन के कक्ष में 15 मार्च से हीरो की नीलामी प्रारंभ की गई, इस नीलामी में 255 हीरे रखे गए थे. जिनका वजन 253.06 कैरेट था. 15 मार्च से 17 मार्च तक चली नीलामी में कुल 142 नग हीरे वजन 148.50 कैरेट के हीरे खरीदे गए. जिसकी कीमत एक करोड़ 54 हजार 200 रुपये है. इससे शासन को 11 लाख 56 हजार 233 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ. जिससे खनिज विभाग बेहद उत्साहित है.
- जेम्स क्वालिटी के हीरे को नहीं मिला खरीददार
बतादें कि प्रतिदिन सुबह 9:00 बजे से लेकर 11:00 बजे तक हीरो का निरीक्षण किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में बाहरी व्यापारियों ने भी हिस्सा लिया. इसके बाद उनकी बोली की गई. जिसमें उज्जवल मेले एवं औद्योगिक किस्म के लगभग 255 हीरे जिनका कुल वजन लगभग 253.06 कैरेट था. इनकी अनुमानित राशि लगभग दो करोड़ से भी अधिक आंकी गई थी. हीरो की इस नीलामी में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र 14. 9 कैरेट का जेम्स क्वालिटी का हीरा बना हुआ था, जो अभी कुछ दिन पहले ही मजदूर रामप्यारे विश्वकर्मा निवासी एनएमडीसी कॉलोनी को अपने साथियों के साथ कृष्णा कल्याणपुर पट्टी की उथली हीरा खदान में मिला था. इस हीरे के लिए कई बोलीदारों ने बोली लगाई, लेकिन अधिकतम बोली गुप्त आप सेट प्राइस से अधिक नहीं होने के चलते इस नीलामी में इस हीरे को नहीं भेजा जा सका.
पन्ना के मजदूरों की 'हीरे' से चमकी किस्मत
- कई प्रदेशों के हीरा व्यापारी हुए शामिल
जिससे हीरा पाने वाले व्यक्ति बेहद नाराज नजर आए, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि आगे होने वाली नीलामी में उनके नायाब हीरे को उचित दाम मिलेगा. हीरा अधिकारी रवि पटेल ने बताया कि हीरो को खरीदने के लिए सूरत, गुजरात, मुंबई, राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों से भी हीरा व्यापारी शामिल हुए. इस नीलामी में सबसे बड़ा हीरा 13.21 कैरेट का बेचा गया. जिसको 1 लाख 97 हजार 500 रुपये प्रति कैरेट की दर से सर्वाधिक बोली लगाई गई.