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CAA के विरोध में अजाक्स संघ ने किया प्रदर्शन, कानून को बताया संविधान के विपरीत - राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में अजाक्स से जुड़े छात्रों ने हाथ में तख्ती और मुंह में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. इसके साथ ही राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा.

Ajax union protests against CAA
CAA के विरोध में अजाक्स संघ ने किया विरोध
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Published : Dec 19, 2019, 10:29 PM IST

पन्ना। नागरिकता संशोधन कानून का देश के कई हिस्सों में जबरदस्त विरोध हो रहा है. वहीं जिले में भी अजाक्स से जुड़े छात्रों ने हाथ में तख्ती और मुंह में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया. इसके साथ ही राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. छात्रों ने CAA कानून को संविधान का अनादर और संविधान की मूल भावना के विपरीत धर्म के आधार पर नागरिकों से भेदभाव करने वाला काला कानून करार दिया है.

CAA के विरोध में अजाक्स संघ ने किया प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि बाबा साहब का संविधान धर्म, जाति और भाषा आदि के आधार पर भेदभाव नहीं करता है. इस काले कानून को देश की एकता, अखंडता, शांति, सद्भावना एवं संविधान की रक्षा के लिए तत्काल वापस लेना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने छात्राओं के शांतिपूर्ण विरोध पर पुलिस की बर्बरता का विरोध किया है.

पन्ना। नागरिकता संशोधन कानून का देश के कई हिस्सों में जबरदस्त विरोध हो रहा है. वहीं जिले में भी अजाक्स से जुड़े छात्रों ने हाथ में तख्ती और मुंह में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया. इसके साथ ही राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. छात्रों ने CAA कानून को संविधान का अनादर और संविधान की मूल भावना के विपरीत धर्म के आधार पर नागरिकों से भेदभाव करने वाला काला कानून करार दिया है.

CAA के विरोध में अजाक्स संघ ने किया प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि बाबा साहब का संविधान धर्म, जाति और भाषा आदि के आधार पर भेदभाव नहीं करता है. इस काले कानून को देश की एकता, अखंडता, शांति, सद्भावना एवं संविधान की रक्षा के लिए तत्काल वापस लेना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने छात्राओं के शांतिपूर्ण विरोध पर पुलिस की बर्बरता का विरोध किया है.

Intro:पन्ना।
एंकर :- पन्ना में CAA के विरोध में छात्रों ने हाथ में तख्ती और मुंह में काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया छात्रों ने केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून 2019 को बाबा साहब के संविधान का अनादर करने और संविधान की मूल भावना के विपरीत धर्म के आधार पर नागरिकों से भेदभाव करने वाला काला कानून करार दिया इसके खिलाफ सड़कों पर उतरे छात्रों ने जिले में 144 धारा लगने की जानकारी मिलते ही उग्र विरोध त्याग कर मुंह में काली पट्टी बांध मौन विरोध किया एवं नयाब तहसीलदार को महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।


Body:प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि नागरिकता संशोधन कानून 2019 संविधान की मूल भावना के विपरीत होने के कारण इस काले कानून को देश की एकता अखंडता शांति सद्भावना एवं संविधान की रक्षा के लिए तत्काल प्रभाव से वापस लेना चाहिए एवं इस कानून के खिलाफ शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं के विरुद्ध प्रदर्शन को कुचलने के लिए पुलिस के द्वारा कई स्थानों पर छात्र-छात्राओं के साथ की गई बर्बरता पर कार्यवाही होनी चाहिए।


Conclusion:नागरिकता संशोधन बिल के कानून बनने के बाद से देश के कई हिस्सों में धरना प्रदर्शन का दौर लगातार जारी है ऐसा इसलिए है क्योंकि केंद्र सरकार की बहुमत का दुरुपयोग करके जो नागरिकता संशोधन कानून बनाया है वह संविधान की मूल भावना के विपरीत है इस कानून में धर्म के आधार पर नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है जो कि आज संवैधानिक है बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने देश का जो संविधान बनाया है वह किसी भी नागरिक के साथ धर्म जाति भाषा आदि के आधार पर भेदभाव नहीं करता है इसलिए इस काले कानून को वापस लेना चाहिए।
बाइट :- 1 संजय अहिरवार (छात्र)
बाईट :- 2 ममता मिश्रा (नायाब तहसीलदार)
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