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पन्ना की 90 फीसदी खदानें बंद, वन और राजस्व विभाग का झगड़ा बना कारण - पन्ना टाइगर रिजर्व के कारण हीरा खदान बंद

पन्ना में वन भूमि और राजस्व भूमि के विवाद के कारण यहां की खदानों पर ग्रहण लगा हुआ है, जिस कारण यहां के लोग पलायन कर पेट पालने के लिए अन्य राज्यों में जाने को मजबूर हैं.

90 percent of mines closed due to forest and revenue department quarrel in Panna
पन्ना की 90 प्रतिशत खदानें बंद
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Published : Jul 14, 2020, 9:13 PM IST

पन्ना। मध्यप्रदेश का पन्ना खनिज संपदाओं के मामले में देश और दुनिया में चर्चित है, उथली हीरा खदानों से निकलने वाला जेम्स क्वालिटी का हीरा विश्व विख्यात है. ठीक इसी तरह पन्ना जिले की पत्थर की खदानों से निकलने वाला फर्शी पत्थर भी देश के कई हिस्सों में जाता है. लेकिन जिले में रोजगार देने वाले दोनों बड़े खनिज संसाधनों पर सालों से वन भूमि और राजस्व भूमि के विवाद के कारण ग्रहण लगा है. सालों से इस खनिज संपदा वाले जिले की लगभग 90 फीसदी खदानें बंद हैं, जिस कारण खदानों में काम करने वाले कारीगर और मजदूर अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए घर छोड़ने पर मजबूर हैं.

पन्ना की 90 प्रतिशत खदानें बंद

90 फीसदी खदानें बंद
जानकारों की मानें तो पन्ना में हीरा और पत्थर की खदानें सैकड़ों साल पहले राजा महाराजाओं के समय से चलती आ रही हैं. यहां के निवासी अधिकतर मजदूर वर्ग के लोग खदानों में ही काम कर अपना गुजर-बसर करते चले आ रहे हैं, लेकिन जब से पन्ना टाइगर रिजर्व की स्थापना हुई है, तभी से धीरे-धीरे हीरा खदान और पत्थर खदानों के बंद होने का सिलसिला शुरू हुआ, जिसमें 1998 तक लगभग 90 फीसदी खदानें बंद हो गईं. जिसका सबसे बड़ा कारण वन भूमि व राजस्व भूमि का सीमांकन विवाद है.

90 percent of mines closed due to forest and revenue department quarrel in Panna
पन्ना के पत्थर कारीगर

जिले से बने मंत्री तो उम्मीद जागी
प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और पन्ना विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह को खनिज व श्रम विभाग दिया गया तो पन्ना के लोगों ने विकास की संभावनाएं जताते हुए उम्मीद की है कि अब पन्ना जिले में फिर से हीरा खदान डायमंड पार्क व पत्थर खदानें संचालित होंगी, जिससे पन्ना जिले में रोजगार भी उपलब्ध होगा और कहीं ना कहीं जो मजदूरों का बाहर काम करने के लिए जाना बंद होगा.

90 percent of mines closed due to forest and revenue department quarrel in Panna
महेंद्र भवन पन्ना

मध्यप्रदेश का पन्ना जिला घने जंगलों के बीच बसा है, जिले में पन्ना टाइगर रिजर्व सहित उत्तर वन मंडल और दक्षिण वन मंडल की सीमाएं लगी हुई हैं. लगभग अधिकतर हीरा व पत्थर खदानों का क्षेत्र टाइगर रिजर्व वन विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया है, जिससे धीरे-धीरे हीरा व पत्थर खदानों में काम करने वाला कारीगर और मजदूर पलायन करने को मजबूर हो गया, जिसका नतीजा है कि आज कोरोना संकट काल में लगभग 40 हजार से ज्यादा मजदूर अन्य राज्यों से घर वापस आए हैं.

पन्ना। मध्यप्रदेश का पन्ना खनिज संपदाओं के मामले में देश और दुनिया में चर्चित है, उथली हीरा खदानों से निकलने वाला जेम्स क्वालिटी का हीरा विश्व विख्यात है. ठीक इसी तरह पन्ना जिले की पत्थर की खदानों से निकलने वाला फर्शी पत्थर भी देश के कई हिस्सों में जाता है. लेकिन जिले में रोजगार देने वाले दोनों बड़े खनिज संसाधनों पर सालों से वन भूमि और राजस्व भूमि के विवाद के कारण ग्रहण लगा है. सालों से इस खनिज संपदा वाले जिले की लगभग 90 फीसदी खदानें बंद हैं, जिस कारण खदानों में काम करने वाले कारीगर और मजदूर अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए घर छोड़ने पर मजबूर हैं.

पन्ना की 90 प्रतिशत खदानें बंद

90 फीसदी खदानें बंद
जानकारों की मानें तो पन्ना में हीरा और पत्थर की खदानें सैकड़ों साल पहले राजा महाराजाओं के समय से चलती आ रही हैं. यहां के निवासी अधिकतर मजदूर वर्ग के लोग खदानों में ही काम कर अपना गुजर-बसर करते चले आ रहे हैं, लेकिन जब से पन्ना टाइगर रिजर्व की स्थापना हुई है, तभी से धीरे-धीरे हीरा खदान और पत्थर खदानों के बंद होने का सिलसिला शुरू हुआ, जिसमें 1998 तक लगभग 90 फीसदी खदानें बंद हो गईं. जिसका सबसे बड़ा कारण वन भूमि व राजस्व भूमि का सीमांकन विवाद है.

90 percent of mines closed due to forest and revenue department quarrel in Panna
पन्ना के पत्थर कारीगर

जिले से बने मंत्री तो उम्मीद जागी
प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और पन्ना विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह को खनिज व श्रम विभाग दिया गया तो पन्ना के लोगों ने विकास की संभावनाएं जताते हुए उम्मीद की है कि अब पन्ना जिले में फिर से हीरा खदान डायमंड पार्क व पत्थर खदानें संचालित होंगी, जिससे पन्ना जिले में रोजगार भी उपलब्ध होगा और कहीं ना कहीं जो मजदूरों का बाहर काम करने के लिए जाना बंद होगा.

90 percent of mines closed due to forest and revenue department quarrel in Panna
महेंद्र भवन पन्ना

मध्यप्रदेश का पन्ना जिला घने जंगलों के बीच बसा है, जिले में पन्ना टाइगर रिजर्व सहित उत्तर वन मंडल और दक्षिण वन मंडल की सीमाएं लगी हुई हैं. लगभग अधिकतर हीरा व पत्थर खदानों का क्षेत्र टाइगर रिजर्व वन विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया है, जिससे धीरे-धीरे हीरा व पत्थर खदानों में काम करने वाला कारीगर और मजदूर पलायन करने को मजबूर हो गया, जिसका नतीजा है कि आज कोरोना संकट काल में लगभग 40 हजार से ज्यादा मजदूर अन्य राज्यों से घर वापस आए हैं.

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