पन्ना। मध्यप्रदेश का पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) देश दुनिया में बाघों की बढ़ती आबादी के लिए जाना जाता है. यही कारण है कि यहां देश के कोने-कोने से पर्यटक आते हैं. बता दें कि वर्ष 2009 में पन्ना टाइगर रिजर्व बाघ विहिन हो गया था. जिसके बाद यहां बाघ पुनर्स्थापना योजना चलाई गई और वर्तमान में 75 से अधिक बाघ पन्ना टाइगर रिजर्व में मौजूद हैं. टाइगर रिजर्व में एक ही दिन में दो बाघों की मौत को गई थी. जिससे पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन सकते में आ गया था.
6 बाघिनों दे सकती हैं शावकों को जन्म: फील्ड डायरेक्टर पन्ना टाइगर रिजर्व उत्तम कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि ''पन्ना टाइगर रिजर्व में आज की स्थिति में 17 ब्रीडिंग टाइग्रेस मौजूद हैं. वहीं साल के अंत तक 6 और बाघिनों के शावकों को जन्म देने के आसार हैं. एनटीसीए के अनुसार जिस टाइगर रिजर्व में करीब 20 ब्रीडिंग टाइग्रेस होती है वह टाइगर रिजर्व बाघों के लिए समतल बना रहता है. बाघों की संख्या कभी भी नहीं घटती है.
''ब्रीडिंग टाइग्रेस, टाइग्रेस की आबादी का बहुत बड़ा पहलू होता है. पन्ना टाइगर रिजर्व में आज की स्थिति में 17 ब्रीडिंग टाइग्रेस मौजूद हैं. वहीं साल के अंत तक 6 और बाघिनों के शावकों को जन्म देने के आसार हैं''. -उत्तम कुमार शर्मा, फील्ड डायरेक्टर पन्ना टाइगर रिजर्व
बढ़ रही पर्यटकों की संख्या: पन्ना टाइगर टाइगर रिजर्व में लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. इसके साथ ही क्षेत्रीय लोगों को विभिन्न माध्यमों से लाभ पहुंचाने का प्रयास किए जा रहे हैं. टाईगर रिजर्व से क्षेत्रीय लोगों को विभिन्न माध्यमों जैसे जिप्सी संचालक, गाइड को जोडा गया है. जिप्सी संचालक को 2 हजार 5 सौ रुपये तथा 4 सौ 80 रुपये गाइड को दिया जाता है. लगातार पर्यटक बढ़ने से राजस्व बढ़ता जा रहा है तथा बाहरी पर्यटकों का रुझान पन्ना टाईगर रिजर्व की ओर बढ रहा है. पन्ना टाइगर रिजर्व में 118 इको विकास समितियां काम कर रही हैं. जिन्हें करीब 1 करोड़ रुपए गांव के विकास के लिए दिया जाएगा. वहीं दो करोड़ की राशि पन्ना टाइगर प्रबंधन अपने पास रखकर टुडे पर्यटन विकास और बाघ संरक्षण के लिए उपयोग किया जाएगा.
(Tigers Population increased in Panna Tiger Reserve) (17 breeding tigresses in Panna Tiger Reserve)