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बोरवेल में गिरा पांच साल का बच्चा, प्रशासन की टीम कर रही रेस्क्यू

निवाड़ी के पृथ्वीपुर विकासखंड में पांच साल का बच्चा खेलते-खेलते अचानक बोरवेल में गिर गया. जिसे बचाने का प्रयास जारी है.

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बोरवेल में गिरा पांच साल बच्चा
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Published : Nov 4, 2020, 1:01 PM IST

Updated : Nov 4, 2020, 4:39 PM IST

निवाड़ी। जिले की पृथ्वीपुर विकासखंड में पांच साल का बच्चा खेलते-खेलते अचानक बोरवेल में गिर गया, खबर मिलते ही, प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा, और उसे निकालने के प्रयास में जुट गया, बताया जा रहा है कि बच्चा करीब 200 फीट नीचे गहरे गड्ढे में फंसा है, जिसे निकालने का प्रयास किया जा रहा है.

बोरवेल में गिरा पांच साल का बच्चा

जेसीबी मशीनों के द्वारा एक तरफ से मिट्टी खोदकर रेस्क्यू किया जा रहा है. बोरवेल में ऑक्सीजन पाइप डाला गया है. जिससे बच्चे को सांस लेने में तकलीफ ना हो.

रेस्क्यू ऑपरेश जारी

अपडेट जारी

साल 2006 में प्रिंस के गिरने के बाद मामला आया था सामने

सबसे पहले साल 2006 में भी इसी तरह घटना घटी थी, जहां हरियाणा के हल्दाहेड़ी गांव में चास साल का प्रिंस गहरे गड्ढे में जा गिरा था. प्रिंस को बचाने के लिए देशभर में दुआएं की जा रही थी, बता दें प्रिंस को बचाने के लिए हरियाणा सरकार और आर्मी लगी हुई थी. लिहाजा 23 जुलाई को 50 घंटे बाद प्रिंस को सुरक्षित बाहर निकाला गया था.

बोरवेल में गिरने की पुरानी घटनाएं

वहीं साल 2012 में गुड़गांव एक पांस साल का बच्चा सड़क किनारे बने नाले में गिर गया था. जहां घटना में उसकी मौत हो गई थी.

वहीं साल 2012 में महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के एक गांव में भी चार साल का मनोज बोरवेल में गिर गया था. जहां प्रशासन की मदद से तीन घंटे के बाद उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था.

कुछ इसी तरह साल 2013 में राजस्थान के करौली जिले के कयाल्दा काला गांव में नौ साल का बच्चा बोरवेल में गिर गया था. बच्चा मां के साथ खेत में घास काटने गया था, जहां वह 150 फीट गहरे गड्ढे में गिर गया था. प्रशासन ने बच्चे को बचाने की कोशिश की थी, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका था.

साल 2015 में राजस्थान में 80 फुट गहरे बोरवेल में चार साल का अनिल बोरवेल में गिर गया था. अनिल पिता के साथ कपास के खेत में जाते वक्त बोरवेल में गिर गया था. जिसे प्रशासन की कई कोशिशों के बाद भी नहीं बचाया जा सका था.

साल 2016 में मध्यप्रदेश के ग्वालियर में दो साल का मासूम 200 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था. मासूम को बचाने के लिए 15 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका था.

साल 2016 में राजस्थान में सीकर जिले के टोडादरीबा में खुले बोरवेल में ढाई साल का बच्चा गिर गया था. जिसे बचाया नहीं जा सका था.

साल 2017 में आंध्रप्रदेश के गुंटूर जिले में खुले पड़े एक बोरवेल में दो साल का एक बच्चा गिर गया था. बच्चे को एनडीआरएफ और दूसरे दलों ने 10 घंटे की मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया था.

इसी तरह साल 2017 में ओडिशा के अंगुल जिले में तीन साल की एक बच्ची बोरवेल में गिर गई थी. जिसे छह घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बचा लिया गया था.

साल 2018 में मध्यप्रदेश में देवास के उमरिया गांव में भी खुले पड़े बोरवेल में चार साल का रोशन गिर गया था.

साल 2018 में बिहार के मुंगेर में 110 फीट गहरे बोरवेल में तीन साल की बच्ची गिर गई थी. जिसे बाद में सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था. बच्ची घर के आंगन में बने बोरवेल में गिर गई थी.

साल 2019 में पंजाब के संगरूर जिले में दो साल का बच्चा 150 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था. जिसे 109 घंटे बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया था.

वहीं साल 2019 में तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली स्थित नादुकट्टुपट्टी में 25 फुट गहरे बोरवेल में दो साल का बच्चा गिर गया था.

निवाड़ी। जिले की पृथ्वीपुर विकासखंड में पांच साल का बच्चा खेलते-खेलते अचानक बोरवेल में गिर गया, खबर मिलते ही, प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा, और उसे निकालने के प्रयास में जुट गया, बताया जा रहा है कि बच्चा करीब 200 फीट नीचे गहरे गड्ढे में फंसा है, जिसे निकालने का प्रयास किया जा रहा है.

बोरवेल में गिरा पांच साल का बच्चा

जेसीबी मशीनों के द्वारा एक तरफ से मिट्टी खोदकर रेस्क्यू किया जा रहा है. बोरवेल में ऑक्सीजन पाइप डाला गया है. जिससे बच्चे को सांस लेने में तकलीफ ना हो.

रेस्क्यू ऑपरेश जारी

अपडेट जारी

साल 2006 में प्रिंस के गिरने के बाद मामला आया था सामने

सबसे पहले साल 2006 में भी इसी तरह घटना घटी थी, जहां हरियाणा के हल्दाहेड़ी गांव में चास साल का प्रिंस गहरे गड्ढे में जा गिरा था. प्रिंस को बचाने के लिए देशभर में दुआएं की जा रही थी, बता दें प्रिंस को बचाने के लिए हरियाणा सरकार और आर्मी लगी हुई थी. लिहाजा 23 जुलाई को 50 घंटे बाद प्रिंस को सुरक्षित बाहर निकाला गया था.

बोरवेल में गिरने की पुरानी घटनाएं

वहीं साल 2012 में गुड़गांव एक पांस साल का बच्चा सड़क किनारे बने नाले में गिर गया था. जहां घटना में उसकी मौत हो गई थी.

वहीं साल 2012 में महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के एक गांव में भी चार साल का मनोज बोरवेल में गिर गया था. जहां प्रशासन की मदद से तीन घंटे के बाद उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था.

कुछ इसी तरह साल 2013 में राजस्थान के करौली जिले के कयाल्दा काला गांव में नौ साल का बच्चा बोरवेल में गिर गया था. बच्चा मां के साथ खेत में घास काटने गया था, जहां वह 150 फीट गहरे गड्ढे में गिर गया था. प्रशासन ने बच्चे को बचाने की कोशिश की थी, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका था.

साल 2015 में राजस्थान में 80 फुट गहरे बोरवेल में चार साल का अनिल बोरवेल में गिर गया था. अनिल पिता के साथ कपास के खेत में जाते वक्त बोरवेल में गिर गया था. जिसे प्रशासन की कई कोशिशों के बाद भी नहीं बचाया जा सका था.

साल 2016 में मध्यप्रदेश के ग्वालियर में दो साल का मासूम 200 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था. मासूम को बचाने के लिए 15 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका था.

साल 2016 में राजस्थान में सीकर जिले के टोडादरीबा में खुले बोरवेल में ढाई साल का बच्चा गिर गया था. जिसे बचाया नहीं जा सका था.

साल 2017 में आंध्रप्रदेश के गुंटूर जिले में खुले पड़े एक बोरवेल में दो साल का एक बच्चा गिर गया था. बच्चे को एनडीआरएफ और दूसरे दलों ने 10 घंटे की मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया था.

इसी तरह साल 2017 में ओडिशा के अंगुल जिले में तीन साल की एक बच्ची बोरवेल में गिर गई थी. जिसे छह घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बचा लिया गया था.

साल 2018 में मध्यप्रदेश में देवास के उमरिया गांव में भी खुले पड़े बोरवेल में चार साल का रोशन गिर गया था.

साल 2018 में बिहार के मुंगेर में 110 फीट गहरे बोरवेल में तीन साल की बच्ची गिर गई थी. जिसे बाद में सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था. बच्ची घर के आंगन में बने बोरवेल में गिर गई थी.

साल 2019 में पंजाब के संगरूर जिले में दो साल का बच्चा 150 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था. जिसे 109 घंटे बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया था.

वहीं साल 2019 में तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली स्थित नादुकट्टुपट्टी में 25 फुट गहरे बोरवेल में दो साल का बच्चा गिर गया था.

Last Updated : Nov 4, 2020, 4:39 PM IST
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