निवाड़ी। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे पर बयानबाजी की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुपकार गठबंधन के नेताओं के साथ हुई चर्चा पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह कदम पहले उठाते तो यह समस्या पैदा ही नहीं होती. दिग्विजय सिंह के आर्टिकल 370 पर दिए बयान का भाजपा ने काफी विरोध किया है.
कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह शुक्रवार को एक दिवसीय दौरे पर निवाड़ी पहुंचे थे. यहां पर मीडिया के सवालों को जवाब देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि जम्हूरियत, इंसानियत और कश्मीरियत को लेकर जो निर्णय पीएम मोदी ने कश्मीर के मामले में लिया है, उसमें किसी से नहीं पूछा. उन्होंने जो बैठक बुलाई थी, यही बैठक अगर कश्मीर में निर्णय लेने के पहले बुला लिये होते तो ये समस्या पैदा नहीं होती.
"मोदी निर्णय पहले लेते हैं और सोचते बाद में हैं"
दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते थे कि कश्मीर से आतंकवाद समाप्त हो जाएगा, लेकिन आतंकवाद समाप्त नहीं हुआ. कश्मीर में बाहर से इन्वेस्टमेंट आ जाएगा, जबकि ऐसा नहीं हुआ. कश्मीरी पंडितों की घर वापसी हो जाएगी, वो नहीं हुआ तो आखिर ये निर्णय आपने क्या सोच समझ कर लिया. उन्होंने कहा कि मोदी निर्णय पहले लेते हैं और सोचते बाद में हैं. उन्होंने नोटबंदी, जीएसटी और कोरोना की तैयारी में भी यही किया है.
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तालिबान से कर चुके हैं चर्चा
उन्होंने महबूबा मुफ्ती के पाकिस्तान से बातचीत के सवाल पर कहा कि तालिबान के साथ गुप्त चर्चा हुई है ये प्रमाणित है. केन्द्र की मोदी सरकार की तरफ से आज तक नहीं बताया कि तालिबान से दोहा में चर्चा हुई कि नहीं हुई, जबकि कतर के एम्बेसडर ने इस बात की पुष्टि की है.
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दिग्विजय सिंह ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान मुझे तालिबानी मानसिकता का व्यक्ति बताते हैं. अब बताइए कि दिग्विजय सिंह की मानसिकता तालिबानी है या मोदी जी की मानसिकता है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुम्बई हमले के आतंकवादियों को जब तक भारत को नही सौंपता तब तक पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं करना चाहिए।