नीमच। मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में हर घर में जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नल जल योजना लॉन्च की है. मगर इन योजनाओं का लाभ ग्रामीण इलाकों नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीण 1-2 किलोमीटर दूर से पानी भरकर लाने के लिए मजबूर हैं. जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर ग्राम थडोद के गोविंदपुरा के ग्रामीणजन पिछले कई दिनों से पानी की समस्या के चलते परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सरकार के द्वारा गांव-गांव शुद्ध पेयजल पहुंचाने का दावा किया जा रहा है.
गांव में बेटियां नहीं ब्याहते लोग: 2019 से शुरू हुए इस मिशन को 2022-23 तक पूरा भी करना है, लेकिन धीमी रफ्तार की वजह से गांवों में अभी भी हालात खराब हैं. जहां पर सुबह से पानी के लिए संघर्ष शुरू हो जाता है. पानी से प्यास बुझाने के लिए महिलाओं की लंबी कतारें लगती हैं. इसमें कई गांव ऐसे भी हैं, जहां पानी न होने की वजह से पीएम आवास का भी सपना अधूरा है. कुछ गांव में तो लोग बेटियां भी नहीं ब्याहते.
अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान: ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में पिछले कई महीनों से पीने के पानी की समस्या चली आ रही है. जिसको लेकर वे अधिकारियों से लेकर नेताओं को ज्ञापन भी दे चुके हैं. आज तक उनकी समस्या का हल नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि अब गर्मी का दौर शुरू हो गया है. गांव की महिलाओं को घर का काम छोड़कर हैडपम्प से पानी लाना पड़ रहा है. हैडपम्प के खराब होने के बाद ग्रामिणों को खेत का रुख करना पड़ता है. गांव में मात्र एक हैडपम्प है. शिकायत के बावजूद भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
विरोध प्रदर्शन की चेतावनी: ग्रामीणों ने बताया कि गांव से वोट नहीं मिलने के कारण सरपंच गांव के साथ भेदभाव वाला रवैया अपना रहा है. इस वजह से यहां का विकास नहीं हो पाया है. गांव में पानी की टंकी भी है मगर उस से घर तक पानी नहीं पहुंचाया जाता, न ही अब तक कनेक्शन जोड़े गए. हमारी मांग है कि जल्द से जल्द गांव में पानी की व्यवस्था की जाए, वरना कड़ा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
(Water crisis in Neemuch rural area)