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नीमच: पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं वार्ड नंबर- 13 के लोग,पार्षद ने झाड़ा पल्ला - पानी की किल्लत

अच्छे और साफ पानी के लिए तरस रहे जिले के रहवासी.

गंदे पानी और पानी की किल्लत से परेशान रहवासी
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Published : Sep 6, 2019, 11:57 PM IST

नीमच। प्रदेश भर में अच्छी बारिश होने के बाद जहां एक तरफ पानी की कोई किल्लत नहीं है, साथ ही पेयजल के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च भी कर रही है. लेकिन जिले के मनासा क्षेत्र के लोग स्वच्छ पेयजल के लिए तरस रहें हैं, 11 करोड़ की चंबलेश्वर पेयजल परीयोजना के बाद भी वार्ड- 13 के लोगों शुद्ध पानी के लिए तरस रहें हैं. जिसके चलते यहां आए दिन पार्षद और रहवासियों के बीच झगड़े जैसे हालात बन जाते हैं.

गंदे पानी और पानी की किल्लत से परेशान रहवासी

कमला नेहरू कॉलोनी में पिछले 20 से 25 दिनों से लगातार जो पानी दिया जा रहा है, वो गंदा, बदबूदार होता है, कभी- कभी पानी में कीड़े भी देखे गए हैं. यह समस्या पिछले 5 सालों से जस की तस बनी हुई है, वहीं इसकी शिकायत रहवासियों के द्वारा पिछले 5 साल से लगातार परिषद के जिम्मेदारों से की जा रही है, लेकिन जिम्मेदारों द्वारा न तो व्यवस्था ठीक की गई, न ही कोई विकल्प दिया गया है.

पार्षद को जब इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने ये कहकर पल्ला झाड़ लिया की रोड बनने के कारण पाइप टूट गई है, जिससे नाले का गंदा पानी पाइप में आ रहा है, वहीं नगर पालिकी कर्मचारी मोहनगास बैरागी कहते हैं, कि तालाब का पानी ओवरफ्लों होने की वजह से कूंए में गिर रहा है, जिससे गंदा पानी आ रहा है.

नीमच। प्रदेश भर में अच्छी बारिश होने के बाद जहां एक तरफ पानी की कोई किल्लत नहीं है, साथ ही पेयजल के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च भी कर रही है. लेकिन जिले के मनासा क्षेत्र के लोग स्वच्छ पेयजल के लिए तरस रहें हैं, 11 करोड़ की चंबलेश्वर पेयजल परीयोजना के बाद भी वार्ड- 13 के लोगों शुद्ध पानी के लिए तरस रहें हैं. जिसके चलते यहां आए दिन पार्षद और रहवासियों के बीच झगड़े जैसे हालात बन जाते हैं.

गंदे पानी और पानी की किल्लत से परेशान रहवासी

कमला नेहरू कॉलोनी में पिछले 20 से 25 दिनों से लगातार जो पानी दिया जा रहा है, वो गंदा, बदबूदार होता है, कभी- कभी पानी में कीड़े भी देखे गए हैं. यह समस्या पिछले 5 सालों से जस की तस बनी हुई है, वहीं इसकी शिकायत रहवासियों के द्वारा पिछले 5 साल से लगातार परिषद के जिम्मेदारों से की जा रही है, लेकिन जिम्मेदारों द्वारा न तो व्यवस्था ठीक की गई, न ही कोई विकल्प दिया गया है.

पार्षद को जब इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने ये कहकर पल्ला झाड़ लिया की रोड बनने के कारण पाइप टूट गई है, जिससे नाले का गंदा पानी पाइप में आ रहा है, वहीं नगर पालिकी कर्मचारी मोहनगास बैरागी कहते हैं, कि तालाब का पानी ओवरफ्लों होने की वजह से कूंए में गिर रहा है, जिससे गंदा पानी आ रहा है.

Intro:पेयजल के बिगड़े हालात, 1 माह से दूषित जल पीने को मजबूर रहवासीBody:पेयजल के बिगड़े हालात, 1 माह से दूषित जल पीने को मजबूर रहवासी

-परिषद जिम्मेदारों ने छुटपुट वैकल्पिक व्यवस्था कर झाड़ा पल्ला
-पार्षद प्रतिनिधि नही दे पाए संतुष्टि पूर्ण जवाब

मनासा। क्षेत्र में अच्छी बारिश होने के बाद जहाँ पानी की कोई किल्लत नही हैं वही पेयजल के लिए सरकार करोड़ो का खर्च कर रही हैं। परिषद के द्वारा 11 करोड़ की चंबलेश्वर पेयजल परीयोजना के बाद भी नगर के वार्ड क्रमांक 13 को शुद्ध व फिल्टर्ड पानी के लिए तरसना पड़ रहा है।
परिषद के वार्ड न. 13 के कमला नेहरू कालोनी में पिछले 20 से 25 दिन से लगातार जो नल जल प्रदाय किया जाता है उसमें दूषित व बदबूदार जल प्रदाय किया जा रहा हैं। यह समस्या विगत 5 वर्षों से जस की तस बनी हुई है । जिसकी शिकायत रहवासियों के द्वारा पिछले 5 साल से लगातार परिषद के जिम्मेदारों को की जा रही हैं।
लेकिन 5 सालो में न अभी तक पेयजल व्यवस्था सुधरी और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था की ।
आज जब फ्रीप्रेस प्रतिनिधि कमला नेहरू कॉलोनी पहुंचे तो उनके सामने नल से न सिर्फ दूषित व बदबूदार जल आया बल्कि उस जल में कीड़े तक निकले।
जब इस सम्बंध में वार्ड पार्षद से जानकारी ली तो उनके द्वारा पहले तो मामला एमपीआरडीसी के रोड बनने के कारण पाइप टूटना बताया। जब जलप्रदाय स्थल उस कुँए पर गए तो देखा वो कुआ तालाब में करीब 5 फ़ीट तक डूब क्षेत्र में है और उसके आस पास कॉलोनी से निकल सीवर लाइन का गंदा पानी तालाब में मिल रहा है। जिससे कुँए के पानी मे बदबू व गंदगी उत्पन्न हो रही हैं। यह बात जब पार्षद प्रतिनिधि को बताई तो उसने भी ये स्वयम कबूल किया कि 15 से ज्यादा दिन से ये समस्या जस की तस है और सीवर लाइन का पानी तालाब में ही मिलता हैं। लेकिन पार्षद प्रतिनिधि इसका निराकरण करने में असमर्थ नजर आए।
*पार्षद प्रतिनिधि और रहवासी हुए आमने सामने*
पार्षद प्रितिनिधि अपना आपा खोते हुए रहवासियों पर जुठ बोलने के आरोप तक लगाने लगे। कहने लगे अब तक 25 से ज्यादा टैंकर आ गए है जिससे रहवासी और ज्यादा आग बबूला हो गए और पार्षद प्रितिनिधि को खरी खरी सुनाई। प्रतिनिधि को बताया कि अब तक मात्र 2 से 4 टैंकर कुल आये हैं।

समस्या आज की नही हैं। पिछले 5 साल से ये ही समस्या हैं। जिम्मेदारों को अवगत करवा चुके हैं। कोई समस्या का निराकरण नही करवा पाया।
-जाहिद खान
रहवासी

समस्या विकराल रूप ले चुकी हैं। सभी रहवासियों के घरों में अभी बीमार मौजूद हैं। दूषित पानी से हाथ तक नही धो सकते पीना तो बहुत दूर की बात हैं।
-विनोद
रहवासी

न पार्षद सुनते हैं न जिम्मेदार। सब अपने कान में रुई डाल कर बैठे हैं। यदि ऐसा ही चलता रहा तो हम इसे एक चुनोती के रूप में लेकर आंदोलन तक करेंगे और इस समस्या का अब स्थाई हल लेकर रहेंगे।
-मनीष लक्षकार
रहवासी

समस्या का वैकल्पिक निराकरण किया है, जिसमे पानी के टैंकर बुलवा रहे हैं। पेयजल की आपूर्ति उसी से की जा रही हैं। बारिश के बाद चंबलेश्वर परियोजना से इस वार्ड को भी जोड़ दिया जाएगा।
बाइट -1 मनीष लक्षकार- कालोनी वासी
बाइट-2 पार्षद प्रतिनिधि -राजेश वर्मा
बाइट-कर्मचारी -मोहन लाल बैरागीConclusion:
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