नीमच। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बेकाबू होती जा रही है. इस पर नियंत्रण के लिए राजस्थान-मध्य प्रदेश की सीमाएं सील कर दी गई है. दो पहिया और चार पहिया वाहनों के आवागमन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है, जिसके चलते दूल्हे की बारात लेकर जा रहें रिश्तेदारों को राजस्थान में प्रवेश करने नहीं दिया गया. सिर्फ उसके माता-पिता को ही साथ जाने की अनुमति दी गई.
मेडिकल इमरजेंसी और गवर्मेन्ट की परमिशन लेने वालों को ही सीमावर्ती क्षेत्र में प्रवेश
मध्य प्रदेश-राजस्थान की सीमा पर प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी हैं. मेडिकल इमरजेंसी और गवर्मेन्ट की परमिशन लेने वालों को ही आवागमन की अनुमति दी गई है. वहीं बिना अनुमति वालों को निम्बाहेड़ा और चित्तौड़गढ में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा हैं. इसी प्रकार मध्य प्रदेश बॉर्डर के पास स्थित राजस्थान के जलिया चेक पोस्ट को सील कर दिया गया हैं. साथ ही आवागमन करने वालों से सख्ती से पूछताछ की जा रही हैं.
मध्य प्रदेश के करीब 200 वाहनों के साथ-साथ 500 लोगों को वापस लौटा दिया गया. राजस्थान बॉर्डर इंचार्ज बगीलाल रावत ने बताया कि प्रशासन से अनुमति नहीं लेने पर लोगों को राजस्थान में प्रवेश नहीं करने दिया गया.
31 मार्च तक लॉकडाउन रहेगा सिलवानी, शहर की सारी सीमाएं सील
मंगलवार को मनासा और रतलाम जिले से दो बारातें बसों से जलिया चेक पोस्ट पर पहुंची. चेक पोस्ट पर दोनों ही बारातों को रोक दिया गया. मनासा से गई बस में तकरीबन 40 से 50 बाराती थे, जिन्हें राजस्थान में प्रवेश करने से मना कर दिया गया. इसके बाद जहां बारात जाने वाली थी, वहां से दुल्हन ने एसडीएम की परमिशन और शादी का कार्ड दिखाया. तब जाकर चेक पोस्ट प्रभारी बद्रीलाल रावत और पुलिस टीम ने केवल दूल्हें को जाने की परमिशन दी. बारातियों से भरी बस को मनासा लौटा दिया गया.
इसी प्रकार रतलाम से गई बारात को भी चेक पोस्ट पर रोक दिया गया. बस में करीब 50 से 60 बाराती थे. इसमें भी दुल्हन द्वारा परमिशन दिखाने पर दूल्हे के साथ छह बारातियों को प्रवेश करने की अनुमति दी गई. रतलाम से पहुंचे कुछ बारातियों और दूल्हे ने मास्क नहीं लगाया था, जिस पर प्रभारी रावत ने दूल्हे को मास्क दिया.