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निजी स्कूलों की मनमानी, ट्यूशन फीस के नाम पर मांग रहे पैसे

निजी विद्यालय ट्यूशन फीस के नाम पर अभिभावकों से मनमानी फीस वसूल कर रहे हैं. जिसके लिए मनासा अभिभावक जनजागरण मंच ने ' नो स्कूल नो फीस' के तहत मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और फीस ना वसूलने की मांग की.

Parents submit memorandum regarding collection of arbitrary fees from parents in the name of tuition fees
ट्यूशन फीस के नाम पर फीस वसूली करने वाले विद्यालय के नाम अभिभावकों ने सौंपा ज्ञापन
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Published : Aug 30, 2020, 3:04 PM IST

नीमच। तमाम निजी विद्यालय बच्चों के परिजनों से मनमानी फीस वसूल रहे हैं जिसके कारण आम जनता परेशान है. निजी विद्यालय ट्यूशन फीस के नाम पर अभिभावकों से अवैध रूप से राशि की वसूली कर रहे हैं, जिसके विरोध में अभिभावकों जनजागरण मंच मनासा ने ' नो स्कूल नो फीस' के तहत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन सौंपा.

वहीं ज्ञापन से पहले अभिभावक जनजागरण मंच के आह्वान पर नगर के सैकड़ों अभिभावक शहर के डाक बंगले पर एकत्रित हुए. जहां सभी ने मुंह पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए रैली निकाली और विधायक कार्यालय एवं एसडीएम कार्यालय पहुंचे. जहां अभिभावकों ने मुख्यमंत्री के नाम विधायक बगदीराम गुर्जर और एसडीएम मनीष कुमार जैंन को ज्ञापन सौंपा. इस दोरान सैकड़ों की संख्या में मनासा नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के अभिभावक मौजूद रहे. ज्ञापन का वाचन मनासा पेस क्लब अध्यक्ष संजय व्यास और एडवोकेट मंगल पाटीदार ने किया.

आम आदमी झेल रहा आर्थिक संकट

ज्ञापन के माध्यम से जनजागरण अभिभावक मंच ने बताया कि 21 मार्च 2020 से देश में लॉकडाउन घोषित किया गया था. लॉकडाउन के कारण देश-प्रदेश का हर व्यापार व्यवसाय, मजदूरी प्रभावित हुई है, जिसके चलते आम आदमी भारी आर्थिक संकट झेल रहा है. आम आदमी की आमदनी कम और खर्चे ज्यादा हो रहे हैं ऐसी स्थिति में आम आदमी को हर क्षेत्र में आर्थिक राहत दी जाना जरूरी है.

वहीं यह राहत भी है और एक तरह से आम आदमी का अधिकार भी है, 'नो स्कूल नो फीस' की मुहिम उन पालकों के लिए है जिनके बच्चे निजि विद्यालयों में पढ़ते हैं. अभिभावकों ने मांग की है कि जब निजी विद्यालय बंद हैं, बच्चों को विद्यालय में पढ़ाया नहीं जा रहा है तो ऐसे में विद्यालय पालकों से कोई शेक्षणिक फीस वसूल ना करें.

ट्यूशन फीस के नाम पर वसूले जा रहे पैसे

शासन ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए प्रदेश के समस्त शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों को बंद रखने के आदेश जारी किए थे. आदेश के बाद प्रदेश के सभी विद्यालय आगामी आदेश तक बंद हैं, किसी भी विद्यालय में नियमित पढ़ाई नहीं हो रही है ना ही कोई स्कूल संचालित हो रहा है. शासन ने लॉकडाउन के दोरान निर्णय लिया था कि कोई भी विद्यालय ट्यूशन फीस के अतिरिक्त किसी भी प्रकार की फीस बच्चों के अभिभावको से नहीं ले सकता, जबकि निजी विद्यालय शासन के इस निर्णय की आड़ में अभिभावको से लॉकडाउन की अवधि में भी मनमानी ट्यूशन फीस की मांग कर रहा है.

नीमच। तमाम निजी विद्यालय बच्चों के परिजनों से मनमानी फीस वसूल रहे हैं जिसके कारण आम जनता परेशान है. निजी विद्यालय ट्यूशन फीस के नाम पर अभिभावकों से अवैध रूप से राशि की वसूली कर रहे हैं, जिसके विरोध में अभिभावकों जनजागरण मंच मनासा ने ' नो स्कूल नो फीस' के तहत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन सौंपा.

वहीं ज्ञापन से पहले अभिभावक जनजागरण मंच के आह्वान पर नगर के सैकड़ों अभिभावक शहर के डाक बंगले पर एकत्रित हुए. जहां सभी ने मुंह पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए रैली निकाली और विधायक कार्यालय एवं एसडीएम कार्यालय पहुंचे. जहां अभिभावकों ने मुख्यमंत्री के नाम विधायक बगदीराम गुर्जर और एसडीएम मनीष कुमार जैंन को ज्ञापन सौंपा. इस दोरान सैकड़ों की संख्या में मनासा नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के अभिभावक मौजूद रहे. ज्ञापन का वाचन मनासा पेस क्लब अध्यक्ष संजय व्यास और एडवोकेट मंगल पाटीदार ने किया.

आम आदमी झेल रहा आर्थिक संकट

ज्ञापन के माध्यम से जनजागरण अभिभावक मंच ने बताया कि 21 मार्च 2020 से देश में लॉकडाउन घोषित किया गया था. लॉकडाउन के कारण देश-प्रदेश का हर व्यापार व्यवसाय, मजदूरी प्रभावित हुई है, जिसके चलते आम आदमी भारी आर्थिक संकट झेल रहा है. आम आदमी की आमदनी कम और खर्चे ज्यादा हो रहे हैं ऐसी स्थिति में आम आदमी को हर क्षेत्र में आर्थिक राहत दी जाना जरूरी है.

वहीं यह राहत भी है और एक तरह से आम आदमी का अधिकार भी है, 'नो स्कूल नो फीस' की मुहिम उन पालकों के लिए है जिनके बच्चे निजि विद्यालयों में पढ़ते हैं. अभिभावकों ने मांग की है कि जब निजी विद्यालय बंद हैं, बच्चों को विद्यालय में पढ़ाया नहीं जा रहा है तो ऐसे में विद्यालय पालकों से कोई शेक्षणिक फीस वसूल ना करें.

ट्यूशन फीस के नाम पर वसूले जा रहे पैसे

शासन ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए प्रदेश के समस्त शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों को बंद रखने के आदेश जारी किए थे. आदेश के बाद प्रदेश के सभी विद्यालय आगामी आदेश तक बंद हैं, किसी भी विद्यालय में नियमित पढ़ाई नहीं हो रही है ना ही कोई स्कूल संचालित हो रहा है. शासन ने लॉकडाउन के दोरान निर्णय लिया था कि कोई भी विद्यालय ट्यूशन फीस के अतिरिक्त किसी भी प्रकार की फीस बच्चों के अभिभावको से नहीं ले सकता, जबकि निजी विद्यालय शासन के इस निर्णय की आड़ में अभिभावको से लॉकडाउन की अवधि में भी मनमानी ट्यूशन फीस की मांग कर रहा है.

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