नीमच। नरसिंह चतुर्दशी के मौके पर जावद नगर के अति प्राचीन नरसिंह मंदिर पर पुजारी राकेश पाराशर ने भगवान का आकर्षक श्रृंगार कर आरती की और राहगीरों को प्रसाद वितरित किया. ये प्राचीन मंदिर 1994 से 2018 तक लगभग 24 वर्षों से बंद पड़ा था, जिसे नगर के समाजसेवी दिलीप बांगड़ की पहल पर प्रशासन ने साल 2018 की नरसिंह चतुर्दशी पर खुलवाया था. इसके लिए बांगड ने तत्कालिन तहसीलदार और पटवारी को एक आवेदन दिया और साथ में मन्दिर के मूल पुजारी पी.डी.बैरागी की सहमति भी कराई थी. जिससे प्रशासनिक अधिकारियों को मंदिर खुलवाने में कोई परेशानी नहीं आई.
मंदिर खुलने के बाद बांगड और मंदिर के आसपास के रहवासियों ने पानी और गंगाजल से मंदिर को धोया. यह सब कुछ साल 2018 के नरसिंह चतुर्दशी को दोपहर में किया गया था. जिसके बाद मंदिर के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया और नगर के नागरिकों के सहयोग से मंदिर का जीर्णोद्धार कराया. वर्तमान में इस मंदिर पर प्रतिदिन सेवा पूजा का कार्य जारी है.
सालों तक मंदिर बंद होने के पीछे की कहानी :
इस मंदिर के मूल पुजारी और मालिक पी.डी.बैरागी हैं जो कि वर्तमान में नीमच में निवास करते हैं. वह शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं. वर्तमान में वो उज्जैन यूनिवर्सिटी से संबंधित छात्र/छात्राओं के लिए कार्य करते हैं. कालांतर में इनके पिताजी मंदिर के सेवक थे. उनके देवलोक होने के बाद इस मन्दिर की सेवा की जिम्मेदारी पी.डी.बैरागी पर आ गई थी. लेकिन बैरागी शासकीय सेवा में थे तो उन्होंने जावद निवासी अपने बहन के परिवार को इसकी सेवा की जिम्मेदारी सौंप दी. फिर कुछ असामाजिक तत्व यहां बैठते थे और मंदिर का रख-रखाव नहीं हो पा रहा था, इसलिए मंदिर को बंद करना पड़ा. जिसके बाद 2018 में मंदिर खुलने के बाद से मंदिर की निरंतर पूजा की जा रही है.