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कालका पूजन के साथ शुरू हुआ अफीम की चिराई का काम - अफीम की चिराई

जिले में कालका पूजन के साथ अफीम की चिराई का काम शुरू हो गया है. किसानों को अफीम की खेती करने में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है.

Poppy crop
अफीम की फसल
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Published : Feb 22, 2021, 6:53 PM IST

नीमच। जिले के मनासा क्षेत्र में इन दिनों अफीम की फसल पूरी तरह तैयार हो चुकी है. कुछ किसान पहले ही फसल बुआई कर चुके थे. जिससे डोडे पक भी गए हैं. अब चीरा लगाने की तैयारी चल रही है. जिन पट्टाधारी किसानों ने अक्टूबर और नवम्बर महीने में अफीम की बुआई की थी, उन खेतों में अफीम के पौधे पक गए हैं. और डोडों से खुशबू महकने लगी है.

अफीम की चिराई का कार्य शुरू
  • चीरा लगाने का काम जल्द होगा शुरू

ग्राम चुकनी के किसान गोपाल धनकर ने बताया है कि डोडा अब पकने लगा है. सोमवार को कालका पूजन कर डोडों पर चीरा लगाने की तैयारी कर ली गई है. इस सप्ताह से ही इसमें चीरा लगाने का काम शुरू हो जाएगा.

  • फसलों की करनी पड़ती है रखवाली

इस समय किसान रात भर खेत में जाग कर अफीम फसल की रखवाली कर रहे हैं. फरवरी के दूसरे सप्ताह से लेकर मार्च के पहले सप्ताह तक इसमें चीरा लगता है. डोडे में लगे चीरे से जो दूध निकलता है. वही अफीम कहलाता है. किसान गोपाल धनगर ने बताया के फसल सुरक्षा के लिए कई इंतजाम करने पड़ते हैं. वहीं चुकनी निवासी दीपक धनगर ने बताया कि अफीम का रखरखाव बड़े ही सावधानी से करना पड़ता है. हर छोटी बड़ी बीमारी होने पर दवाइयों का छिड़काव करना पड़ता है. साथ ही रात-दिन रखवाली करनी पड़ती है.

नीमच। जिले के मनासा क्षेत्र में इन दिनों अफीम की फसल पूरी तरह तैयार हो चुकी है. कुछ किसान पहले ही फसल बुआई कर चुके थे. जिससे डोडे पक भी गए हैं. अब चीरा लगाने की तैयारी चल रही है. जिन पट्टाधारी किसानों ने अक्टूबर और नवम्बर महीने में अफीम की बुआई की थी, उन खेतों में अफीम के पौधे पक गए हैं. और डोडों से खुशबू महकने लगी है.

अफीम की चिराई का कार्य शुरू
  • चीरा लगाने का काम जल्द होगा शुरू

ग्राम चुकनी के किसान गोपाल धनकर ने बताया है कि डोडा अब पकने लगा है. सोमवार को कालका पूजन कर डोडों पर चीरा लगाने की तैयारी कर ली गई है. इस सप्ताह से ही इसमें चीरा लगाने का काम शुरू हो जाएगा.

  • फसलों की करनी पड़ती है रखवाली

इस समय किसान रात भर खेत में जाग कर अफीम फसल की रखवाली कर रहे हैं. फरवरी के दूसरे सप्ताह से लेकर मार्च के पहले सप्ताह तक इसमें चीरा लगता है. डोडे में लगे चीरे से जो दूध निकलता है. वही अफीम कहलाता है. किसान गोपाल धनगर ने बताया के फसल सुरक्षा के लिए कई इंतजाम करने पड़ते हैं. वहीं चुकनी निवासी दीपक धनगर ने बताया कि अफीम का रखरखाव बड़े ही सावधानी से करना पड़ता है. हर छोटी बड़ी बीमारी होने पर दवाइयों का छिड़काव करना पड़ता है. साथ ही रात-दिन रखवाली करनी पड़ती है.

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