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मालवा में फीकी पड़ी 'चांदी' की चमक, लॉकडाउन में मंडी पर लगा लॉक बना परेशानी का सबब

मालवा के नीमच में चांदी के नाम से मशहूर लहसुन की फसल तैयार है, पर मंडी बंद होने की वजह से फसल रखे-रखे खराब हो रही है, चांदी की चमक फीकी पड़ने से किसान भी परेशान हैं क्योंकि मंडी खुलने पर चांदी का रेट सट्टा बाजार की तरह चढ़ता-गिरता रहता है.

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Published : Apr 21, 2020, 9:32 AM IST

News of silver crop is coming dry from Malwa
मालवा से चांदी की फसल सूखने की आ रही है खबर

नीमच। कोविड-19 जैसी महामारी के चलते दुनिया के ज्यादातर देश लॉकडाउन के दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे में शक्तिशाली और बड़ी से बड़ी अर्थव्यवस्था भी घुटनों पर आ गई है. लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था को काफी गहरा धक्का लगा है. इस समय फसल खेतों में पककर तैयार है, जबकि किसानों को मंडी खुलने का इंजतार भी बड़ी बेसब्री से है. मालवा के नीमच में चांदी के नाम से मशहूर लहसुन की फसल तैयार है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से किसान अपनी उपज मंडी तक नहीं ले जा पा रहे हैं, जिसके चलते चादी की चमक फीकी पड़ती जा रही है.

मालवा से चांदी की फसल सूखने की आ रही है खबर

किसान माधोलाल मेघवाल ने बताया कि मंडी चालू नहीं होने की वजह से लहसुन की सफल सूख रही है, ये वक्त किसानों के लिए ऐसा आ गया है कि फसल कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे और मिल रहे तो मजदूरी देने के लिए पैसा ही नहीं है. किसान ने सरकार से अपील की है कि सरकर जल्द मंडी शुरु कराए. ताकि किसान इस मुश्किल से बाहर निकल सकें.

किसान ने बताया कि इस बार पैदावर की कीमत वैसे भी कम ही मिलेगी क्योंकि फसल बेचने में देरी हो गई है. इस बार किसानों को हर तरफ से नुकसान हो रहा है. लहसुन की फसल नहीं बिकने के कारण किसानों को अब चिंता सताने लगी है कि वह अपना जीवन यापन कैसे करेगा. किसानों का मानना है कि जो फसल उन्होंने काट कर रखी है, वो लगातार सूख रही है और उससे फसल का वजन कम हो रहा है.

सरपंच श्याम जाटव ने बताया कि लॉकडाउन के कारण इसका भाव लगातार कम हो रहा है. किसान ये मानकर चल रहा है कि इस बार की चांदी की फसल औने पौने भाव में बेचनी पड़ेगी. वहीं किसान शासन से ये चाहता है कि वह फौरन मंडी खोल दे. लहसुन और प्याज एक तरह से सट्टा बाजार है, इनके दाम कभी भी गिर सकते हैं और कभी भी उछल सकते हैं.

अब देखना होगा कि 3 मई के बाद लॉकडाउन के बाद सरकार क्या निर्णय लेती है. इस बात का पता तो 3 मई के बाद ही चलेगा कि सरकार लॉकडाउन को खत्म करने के मूड में है या नहीं. लेकिन ये तो साफ है कि इस बार किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

नीमच। कोविड-19 जैसी महामारी के चलते दुनिया के ज्यादातर देश लॉकडाउन के दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे में शक्तिशाली और बड़ी से बड़ी अर्थव्यवस्था भी घुटनों पर आ गई है. लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था को काफी गहरा धक्का लगा है. इस समय फसल खेतों में पककर तैयार है, जबकि किसानों को मंडी खुलने का इंजतार भी बड़ी बेसब्री से है. मालवा के नीमच में चांदी के नाम से मशहूर लहसुन की फसल तैयार है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से किसान अपनी उपज मंडी तक नहीं ले जा पा रहे हैं, जिसके चलते चादी की चमक फीकी पड़ती जा रही है.

मालवा से चांदी की फसल सूखने की आ रही है खबर

किसान माधोलाल मेघवाल ने बताया कि मंडी चालू नहीं होने की वजह से लहसुन की सफल सूख रही है, ये वक्त किसानों के लिए ऐसा आ गया है कि फसल कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे और मिल रहे तो मजदूरी देने के लिए पैसा ही नहीं है. किसान ने सरकार से अपील की है कि सरकर जल्द मंडी शुरु कराए. ताकि किसान इस मुश्किल से बाहर निकल सकें.

किसान ने बताया कि इस बार पैदावर की कीमत वैसे भी कम ही मिलेगी क्योंकि फसल बेचने में देरी हो गई है. इस बार किसानों को हर तरफ से नुकसान हो रहा है. लहसुन की फसल नहीं बिकने के कारण किसानों को अब चिंता सताने लगी है कि वह अपना जीवन यापन कैसे करेगा. किसानों का मानना है कि जो फसल उन्होंने काट कर रखी है, वो लगातार सूख रही है और उससे फसल का वजन कम हो रहा है.

सरपंच श्याम जाटव ने बताया कि लॉकडाउन के कारण इसका भाव लगातार कम हो रहा है. किसान ये मानकर चल रहा है कि इस बार की चांदी की फसल औने पौने भाव में बेचनी पड़ेगी. वहीं किसान शासन से ये चाहता है कि वह फौरन मंडी खोल दे. लहसुन और प्याज एक तरह से सट्टा बाजार है, इनके दाम कभी भी गिर सकते हैं और कभी भी उछल सकते हैं.

अब देखना होगा कि 3 मई के बाद लॉकडाउन के बाद सरकार क्या निर्णय लेती है. इस बात का पता तो 3 मई के बाद ही चलेगा कि सरकार लॉकडाउन को खत्म करने के मूड में है या नहीं. लेकिन ये तो साफ है कि इस बार किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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