नीमच। जिले की मनासा एसडीओपी यशस्वी शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि अभी इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है. बता दें कि एक दिन पहले मंगलवार को ही एसडीओपी शिंदे का ट्रांसफर किया गया. ट्रांसफर के बाद दिए इस्तीफे से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है. जिस प्रकार उन्होंने इस्तीफे में लिखा है, इससे कई प्रकार की चर्चाएं तेज हैं. क्या शिंदे ने पुलिस विभाग में चल रही राजनीति से परेशान व दुखी होकर ये कदम उठाया है, इस प्रश्न का जवाब कुछ ही दिन में मिल जाएगा.
शिंदे पहले फिजियोथैरेपिस्ट थीं : गौलतलब है कि एसडीओपी यशस्वी शिंदे पुलिस विभाग में आने से पहले ने फिजियोथैरेपिस्ट के पद पर कार्यरत थीं. वह खंडवा की रहने वाली हैं. एक बार की घटना को याद करते हुए यशस्वी बताती हैं कि ये बात साल 2013 की है. एक दिन मेरे पास एक ट्रेनी आईपीएस आए. उनके हाथ की उंगुली में प्रॉ़ब्लम थी. वह मेरे पास फिजियोथैरेपी के लिए आने लगे. उन्होंने अंगुली को कई जगह दिखाया लेकिन कहीं आराम नहीं लगा था. इसके बाद उनकी थेरेपी एक माह तक की गई और वह बिल्कुल ठीक हो गए.
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ऐसे बनी डीएसपी : अंगुली ठीक होने के बाद उस आईपीएस अधिकारी ने यशस्वी से कहा कि आपको पुलिस विभाग में अफसर होना चाहिए. आपकी मेहनत व लगन देखकर मैं कह सकता हूं कि आप एक काबिल व मेहनती पुलिस अफसर बन सकती हैं. इसके बाद यशस्वी ने लगातार 3 साल तक एमपीपीएससी की तैयारी की और फिर उनका चयन डीएसपी के पद हो गया. यशस्वी को गृह मंत्री ने ओवरआल प्रदर्शन पर सम्मानित किया था. पुलिस विभाग में उन्हें काबिल व ईमानदार अफसर माना जाता है.