नीमच: महिला बाल विकास विभाग द्वारा जावद ब्लाक की 436 आंगनबाड़ी में बच्चों के खिलौना खरीदने के लिए 56 लाख 68 हजार रूपये स्वेच्छा अनुदान दिया गया था. यह राशि 1 साल पहले मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने दी थी. सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के खाते में 13-13 हजार डाले गए, लेकिन 1 साल बाद परियोजना अधिकारी ने मंत्री का हवाला देकर 13-13 हजार की राशि एक निजी फर्म के खाते में डलवाने के लिए फरमान जारी कर दिया है.
खिलौना के नाम पर निकाली अनुदान राशि: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पोषित और शिक्षित भविष्य को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों के लिए कपड़े खिलौने जमा करने के लिए हाथ ठेला चलाकर जनसहयोग से खिलौने एकत्रित कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ जावद में खिलौने खरीदने के लिए स्वेच्छा अनुदान से राशि निकाल ली गई. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 13 हजार राशि कार्यकर्ताओं को बांट दी. इस राशि का आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं प्रयोग किया कि नहीं इसकी जांच नहीं हुई. जो राशि दी गई थी उसमें उल्लेख नहीं था कि यह कहां खर्च करना है. इस संबंध में परियोजना अधिकारी ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों ने राशि वापस लेने को कहा है. अधिकारी इस तरह के आदेश जारी करने की बात को नकार रहे हैं.
कलेक्टर ने कहा, जानकारी लेंगे: जिला कलेक्टर मयंक अग्रवाल का कहना कि मामला मेरी जानकारी में नहीं है. यदि ऐसा हुआ है तो गलत है जानकारी ली जाएगी. उधर परियोजना अधिकारी फखरुद्दीन बोहरा वाट्सएप के संदेश और कार्यकर्ताओं के फोन पर दबाव बनाने के बयानों पर सीधी प्रतिक्रिया से बच रहे हैं. उनका कहना है कि प्रशासन के अधिकारी इस पर जवाब देंगे. वे ऊपर से आए निर्देश पर संदेश कर रहे हैं.
जांच में भ्रष्टाचार आ सकता है सामने: जब कोरोनाकाल चल रहा था. ऐसे में आधे समय तक आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहे. इस दौरान खिलौने के लिए राशि जारी की गई. क्या उस इस राशि से खिलौने खरीदे गए या नही ये बड़ा सवाल है. अगर खिलौने खरीद लिए गए तो राशि क्यो मांगी जा रही. नहीं खरीदे तो क्या मामले की जांच की जाएगी. मामले को लेकर कांग्रेस जिला अध्यक्ष अजीत कांठेड़ ने कमीशन का खेल बताया है.