नीमच। खजूरी तहसील मनासा कुलदीप कच्छावा नाम के बच्चे की सांप के काटने की वजह से मौत हो गई थी. जिसे शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां एंटी वेनम वैक्सिंग के उपलब्ध होने के बाद भी समय से इलाज न मिलने के चलते उसकी मौत होने की बात कही गई. सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता महेश पाटीदार मामले में प्रशासन को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है. महेश पाटीदार का कहना है कि एंटी वेनम और एआरवी टीको को वातानुकूल व्यवस्था में रखने की जवाबदारी स्थानीय डॉक्टर, फार्मासिस्ट व अन्य कर्मचारियों की है. जिन्होंने अपने कर्तव्य का निर्वाह नहीं किया. इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
जिला चिकित्सालय में सूचना के अधिकार के तहत आवेदन पेश किया. जिसमें स्नेक एंटी वेनम के स्टॉक तथा मासूम का मनासा मे इलाज नहीं कर नीमच रेफर करने का कारण तथा फ्रिज के खराब होने पर टीको के लिए अन्य वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करने का कारण तथा दोषियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई की नकल की भी मांग की है. अधिवक्ता ने कहा कि नीमच, मनासा या जावद के क्षेत्रों में सांप से काटने की जो सूचना मिलती है. उसमें मौत होने के मामले में ज़्यादातर सिस्टम, डॉक्टर व कर्मचारी दोषी होते हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से लापरवाही बढ़ती जा रही है. इस कारण लापरवाही अधिकारियों को दंडित कराने के लिए ज्ञापन दिया गया है.
बता दे कि खजुरी निवासी कुलदीप पिता चंचल कच्छावा शनिवार को अपने परिवार के साथ सोया था. तभी सांप ने कुलदीप को काट लिया, परिजन देर रात कुलदीप को मनासा शासकीय चिकित्सालय लेकर आए, जहां जिम्मेदारों ने हाथ खड़े कर दिए और उसे नीमच रेफर कर दिया. परिजनों को बताया गया कि स्नेक एंटी वेनम उपलब्ध नहीं होने के कारण मासूम को नीमच रेफर किया है. जबकि अस्पताल में एंटी वेनम इंजेक्शन तो उपलब्ध है मगर फ्रिज खराब होने के कारण उसको फ्रीज में नहीं रखा जा सका. जिससे मासूम कुलदीप को समय पर इलाज नहीं मिल सका और उसकी मौत हो गई.