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कृषि उपज मंडी में भारी असुविधाएं, पानी में गीली हो रही किसानों की फसलें

मनासा की कृषि उपज मंडी में किसानों की फसल खुले में पड़ी है, मवेशी फसल को खा रहे हैं .

कृषि उपज मंडी में भारी असुविधाएं
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Published : Aug 30, 2019, 12:07 PM IST

नीमच। मनासा की कृषि उपज मंडी में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है, फसल बेचने के लिए मंडी में आने वाले किसान परेशान हैं, आवारा मवेशी फसल को खा रहे हैं वहीं खुले में रखी फसल गीली हो रही है.इन सब समस्याओं के बाद भी मंडी शासन-प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

कृषि उपज मंडी में किसानों की उपज खुले में पड़ी


मंडी में इतनी समस्याओं के कारण किसानों का आना धीरे-धीरे कम होने लगा है, किसानों की रूचि भी अब मनासा मंडी के प्रति कम रहती है. वह अब मन्दसौर और नीमच की मंडी में जाना बेहतर समझते हैं .


किसानों का कहना है कि मनासा मंडी में उपज का गीला होना तथा पशुओं का आना एक बड़ी समस्या है, अगर वह अपनी उपज के ढेर के पास से जरा सा भी इधर- उधर होते हैं तो आवारा गाये घुस जाती है, उनकी आंखों के सामने उनकी उपज बर्वाद हो रही है, मंडी कर्मचारी देखते रहते हैं लेकिन इस पर रोक लगाने की जहमत नहीं उठाते हैं .


चौकीदार तैनात होने के बाद भी आवारा पशु आ जाते हैं, और मंडी में घूमते रहते हैं, वही मंडी में टीन शेड में व्यापारियों का माल पड़ा होने के कारण किसानों को खुले में अपनी उपज को बिक्री हेतु रखना पड़ता है.
इस संदर्भ में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष ने मंडी प्रशासन को सूचना भी की थी, पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई जिसके चलते भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले 3 सितंबर को कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौपेंगे.

नीमच। मनासा की कृषि उपज मंडी में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है, फसल बेचने के लिए मंडी में आने वाले किसान परेशान हैं, आवारा मवेशी फसल को खा रहे हैं वहीं खुले में रखी फसल गीली हो रही है.इन सब समस्याओं के बाद भी मंडी शासन-प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

कृषि उपज मंडी में किसानों की उपज खुले में पड़ी


मंडी में इतनी समस्याओं के कारण किसानों का आना धीरे-धीरे कम होने लगा है, किसानों की रूचि भी अब मनासा मंडी के प्रति कम रहती है. वह अब मन्दसौर और नीमच की मंडी में जाना बेहतर समझते हैं .


किसानों का कहना है कि मनासा मंडी में उपज का गीला होना तथा पशुओं का आना एक बड़ी समस्या है, अगर वह अपनी उपज के ढेर के पास से जरा सा भी इधर- उधर होते हैं तो आवारा गाये घुस जाती है, उनकी आंखों के सामने उनकी उपज बर्वाद हो रही है, मंडी कर्मचारी देखते रहते हैं लेकिन इस पर रोक लगाने की जहमत नहीं उठाते हैं .


चौकीदार तैनात होने के बाद भी आवारा पशु आ जाते हैं, और मंडी में घूमते रहते हैं, वही मंडी में टीन शेड में व्यापारियों का माल पड़ा होने के कारण किसानों को खुले में अपनी उपज को बिक्री हेतु रखना पड़ता है.
इस संदर्भ में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष ने मंडी प्रशासन को सूचना भी की थी, पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई जिसके चलते भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले 3 सितंबर को कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौपेंगे.

Intro:मनासा अनाज मंडी में असुविधाओं की भरमार ,
किसान परेशानBody:मनासा की कृषि उपज मंडी में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। अपनी उपज बेचने के लिए मंडी में आने वाले किसान परेशान हैं। आवारा मवेशी फसल गीली होना जैसी आम बात है किसानो की समस्याओं की ओर मंडी प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है।लेकिन मंडी में व्याप्त समस्याओं के कारण अब धीरे-धीरे आवकें कम होने लगी है। किसानों की रूचि अब मनासा मंडी के प्रति कम ही रहती है। किसान अब मन्दसौर और नीमच मंडी में जाना बेहतर समझने लगे हैं। किसानों का कहना है कि मनासा मंडी में उपज का गीला होना तथा पशुओ की सबसे बड़ी समस्या है। किसान अपनी उपज के ढेर के पास से जरा सा भी इधर- उधर हुआ ढेर में आवारा गाये घुस जाती है । किसानों के सामने उनकी उपज बरबाद होती रहती है। मंडी कर्मचारी भी देखते रहते हैं लेकिन वे भी इस पर अंकुश लगाने की जहमत नहीं उठाते। दिन भर मंडी में आवारा मवेशी विचरण करते रहते हैं। जबकि मंडी प्रशासन द्वारा पशुओं को मंडी में प्रवेश रोकने के लिए चौकीदार तैनात कर रखे हैं। आवारा पशुओं से किसान दुखी हैं। कड़ी मेहनत कर किसान फसल को तैयार कर मंडी में धन कमाने की लालसा लिए आते हैं, लेकिन यहां पर पशु उनकी मेहनत पर पानी फेर देते हैं। चौकीदार सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात हैं। जब भी कोई शिकायत मिलती है तो कार्रवाई करते हैं। फिर भी खामियां तो रह जाती है।-वही मंडी में टीन शेड में व्यापारियों का माल पडा होने से किसानो को खुल्ले में अपनी उपज को बिक्री हेतु रखना पड़ती है जिस से बरसात में बहुत सी बार भीग जाती है तो कभी पानी के साथ बह जाती है जिस से किसानो में काफी नाराजगी है ,इस संदर्भ में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष ने मंडी प्रशासन को सूचना भी करी पर अभी तक कोई सुनवाई नही हुई जिसके चलते भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले 3 सितंबर को कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सोपेंगे

बाइट -अर्जुन सिंह बोराना
भारतीय किसान यूनियन नीमचConclusion:
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