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बीजेपी ने दिया था 'जख्म', कमलनाथ सरकार उसमें छिड़क रही 'नमक', परेशान हैं अन्नदाता

जावद विधानसभा क्षेत्र में आने वाले अंबा गांव के करीब 11 किसान परिवार मुआवजे की मांग कर रहे हैं. शिवराज सरकार के दौरान अंबा माता तालाब के लिए उनकी जमीन डूब में आयी थी, जिसके बाद उन्हें आज तक मुआवजा नहीं दिया गया. पीड़ित परिवार पिछले 1 साल से सरकारी ऑफिसों के चक्कर काट रहे हैं, उन्हें सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल रहा.

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Published : Sep 24, 2019, 2:25 PM IST

Updated : Sep 24, 2019, 2:52 PM IST

किसानों को नहीं मिला मुआवजा

जुबां पर मुआवजे की मांग और चेहरे पर दिखता ये दर्द, उस अन्नदाता का है, जिसकी जमीन लेने के बाद उसको भुला दिया, ये किसान इसलिए ऐसा कदम उठाने की बात कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें जमीन के बदले न तो मुआवजा मिला और न ही दूसरी मदद, बस मिला है तो सिर्फ आश्वासन, पिछले 1 साल से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद किसान अब पूरी तरह परेशान हो चुके हैं.

किसानों ने बताई अपनी पीड़ा

घर में दो वक्त की रोटी का इंतजाम नहीं है, नौबत भूखे मरने की आ गई, पर सिस्टम है कि सुनता नहीं.

सरकार की उदासीनता से परेशान ये किसान नीमच जिले की जावद विधानसभा क्षेत्र में आने वाले अंबा गांव से आते हैं. गांव के 11 परिवार ऐसे हैं, जिन्होंने तत्कालीन शिवराज सरकार में बने अंबामाता तालाब के लिए जमीन ले ली और करीब 7 करोड़ की लागत से डैम बनकर तैयार भी हो गया. इसी बीच मध्यप्रदेश की सरकार भी बदल गई पर नहीं बदली तो इन किसानों की तस्वीर.


क्षेत्रीय बीजेपी विधायक द्वारा भी किसानों को आश्वासन दिया गया है कि जल्द ही उन्हें मुआवजा मिल जाएगा.

अब जरा क्षेत्रीय एसडीएम की सुनिए वे कह रहे हैं कि अब तक सरकार से फंड रिलीज ही नहीं हुआ, कार्रवाई चल रही है और जल्द ही किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.

जिस तरह का आश्वासन एसडीएम महोदय ने दिया है ऐसे ही आश्वासन पिछले 1 साल से किसानों को मिल रहे हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि शिवराज सरकार द्वारा दिया गया जख्म भरने की बजाय कमलनाथ सरकार उसे और गहरा कर रही है. प्रदेश सरकार को चाहिए की इन किसानों को जल्द ही मुआवजा दिया जाए.

जुबां पर मुआवजे की मांग और चेहरे पर दिखता ये दर्द, उस अन्नदाता का है, जिसकी जमीन लेने के बाद उसको भुला दिया, ये किसान इसलिए ऐसा कदम उठाने की बात कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें जमीन के बदले न तो मुआवजा मिला और न ही दूसरी मदद, बस मिला है तो सिर्फ आश्वासन, पिछले 1 साल से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद किसान अब पूरी तरह परेशान हो चुके हैं.

किसानों ने बताई अपनी पीड़ा

घर में दो वक्त की रोटी का इंतजाम नहीं है, नौबत भूखे मरने की आ गई, पर सिस्टम है कि सुनता नहीं.

सरकार की उदासीनता से परेशान ये किसान नीमच जिले की जावद विधानसभा क्षेत्र में आने वाले अंबा गांव से आते हैं. गांव के 11 परिवार ऐसे हैं, जिन्होंने तत्कालीन शिवराज सरकार में बने अंबामाता तालाब के लिए जमीन ले ली और करीब 7 करोड़ की लागत से डैम बनकर तैयार भी हो गया. इसी बीच मध्यप्रदेश की सरकार भी बदल गई पर नहीं बदली तो इन किसानों की तस्वीर.


क्षेत्रीय बीजेपी विधायक द्वारा भी किसानों को आश्वासन दिया गया है कि जल्द ही उन्हें मुआवजा मिल जाएगा.

अब जरा क्षेत्रीय एसडीएम की सुनिए वे कह रहे हैं कि अब तक सरकार से फंड रिलीज ही नहीं हुआ, कार्रवाई चल रही है और जल्द ही किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.

जिस तरह का आश्वासन एसडीएम महोदय ने दिया है ऐसे ही आश्वासन पिछले 1 साल से किसानों को मिल रहे हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि शिवराज सरकार द्वारा दिया गया जख्म भरने की बजाय कमलनाथ सरकार उसे और गहरा कर रही है. प्रदेश सरकार को चाहिए की इन किसानों को जल्द ही मुआवजा दिया जाए.

Intro:मप्र का परेशान किसान, भाजपा व कांग्रेस सरकार की वजह से 11 किसान परिवारों की भूखे मरने की नौबतBody:स्पेसल- स्टोरी

मप्र का परेशान किसान, भाजपा व कांग्रेस सरकार की वजह से 11 किसान परिवारों की भूखे मरने की नौबत



एंकर - गौर से सुनिये साहब की बात को , इनका कहना हैं अभी तक फंड रिलीज नही हुआ है .. कार्यवाही चल रही है । अब देखिए इन किसानों के चेहरे .. जिन्होंने लगभग डेढ़ साल पहले अपनी जमीन डेम बनाने के लिए सरकार को दे दी थी , अब तक इन्हें मुआवजा नही मिला है .. और नौबत भुखे मरने या आत्महत्या तक कि आ गई है ... ये मध्य प्रदेश के जावद विधानसभा के अंतर्गत आने वाले अंबा गांव के कारूलाल, अंबालाल कन्हैयालाल, कनीराम, भेरूलाल, पप्पूलाल, बगदीराम, मांगी बाई बैवा, प्रेमचंद्र सहित वो 11 किसान परिवार है जिन्होनै शिवराज सरकार में बन रहे अंबा माता तालाब के लिए अपनी जमीन सरकार को दी थी 7 करोड़ की लागत से डेम बनकर तैयार हो गया .. राज्य में कमलनाथ सरकार आ गई .. इनके मुआवजे की फ़ाइल भी अटक गई । लेकिन कमलनाथ सरकार को आए कोई बहुत ज्यादा वक्त तो नही हुआ.. मगर शिवराज सरकार में भी इन्हें समय पर मुआवजा नही दिया गया .. यानी दोनो सरकारों ने किसानों के नाम पर राजनीति तो कर ली लेकिन ,इन किसानों की सुध नही ली । किसान पिछले डेढ़ साल से मुआवजे की आस में जल संसाधन सहित दफ्तरों के चक्कर पर चक्कर लगा रहे लेकिन इन्हें डेढ़ साल बीतने के बाद भी मुआवजा राशि नहीं मिली। इसके चलते आज 11 किसानों के परिवार कि भूखे मरने की नौबत आ गई। डेढ़ साल से दफ्तरों के चक्कर लगा रहे किसानों का भाजपा व कांग्रेस दोनो से भरोसा उठने लगा है ।

1-विजुवल
बाईट -2 किसान ,ग्रामीण
बाईट - 3 दीपक चौहान एसडीएम जावद
बाइट -4 जावद विधायक -ओमप्रकाश सखलेचा

मप्र का परेशान किसान, यह क्या कर गए जाते जाते शिवराज मामा, सरकार की वजह से 11 किसान परिवारों के भूखे मरने की नौबत, भाजपा व कांग्रेस दोनों ने किया किसानों के साथ छलावा.......

भाजपा कांग्रेस के किसान हित के वादो की खुली पोल
किसान के 11 परिवारों की भूखे मरने की नौबत
डेढ़ साल पहले जमीन ली, आज तक नहीं मिला मुआवजा
जावद विधानसभा के अम्बा तालाब का मामलाConclusion:
Last Updated : Sep 24, 2019, 2:52 PM IST
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