नीमच। देश भर में प्रख्यात मालवा की वैष्णो देवी के नाम से विख्यात मंदिर में इस वर्ष चैत्र नवरात्रि में भी भक्तों को मायूस होना पड़ेगा. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते मंदिर को भादवामाता, आवरीमाता, आंतरीमाता और मोडी भक्तों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया है. इसके साथ ही मेला भी निरस्त कर दिया गया है. अन्य धार्मिक मेलों को भी स्थगित कर दिया गया है.
चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 13 अप्रैल यानी आज से शुरू हो गई है. 21 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी. इस बार चैत्र नवरात्रि शुभ संयोग से युक्त होगा. नवरात्रि की शुरुआत स्वार्थ और अमृत सिद्धि के शुभ योग से होगी. साथ ही नौ दिनों तक और भी कई शुभ योग विद्यमान रहेंगे. इस बार भारतीय वर्ष स्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग में नवरात्र की शुरुआत हो रही है. इन शुभ योगों में शक्ति पर्व शुरू होने से देवी पूजा आराधना से मिलने वाला शुभ फल और बढ़ जाएगा.
अरोग्य देवी के दर्शन नहीं होने से लोगों में निराशा
लोगों को नवरात्री पर देवी के दर्शन नहीं हो पायेंगे. कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने कोरोना के प्रकोप को देखते हुए जिला स्तरीय संकट प्रबंधन समूह की बैठक में भादवामाता मंदिर (नीमच), मोडीभाता मंदिर (जावद), आवरीमाता मंदिर (जीरन) और आंतरीमाता मंदिर (मनासा) में नवरात्रि मेले को स्थगित किये जाने का निर्णय लिया है. 25 अप्रैल तक श्रद्धालुओं को दर्शन करने पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा. हालांकि मंदिरों में पुजारी पूजा-अर्चना करते रहेंगे. इस दौरान पुजारियों को समस्त कोविड-19 के नियमों का पालन करना होगा, जिसमें मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिग बनाए रखना, सैनिटाइजेशन करना अनिवार्य होगा. वहीं मंदिरों में जाने वाले मार्गों पर किसी भी प्रकार के लंगर/ भण्डारा या मार्ग में किसी भी प्रकार के स्टॉल लगाए जाने पर प्रतिबंध रहेगा. मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए स्नान गृह और अन्न क्षेत्र पूरी तरह से बंद रहेंगे.
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चार मंदिरों को बंद करने का लिया निर्णय
नवरात्रि पर मालवा की वैष्णो देवी के नाम से प्रसिद्ध भादवामाता सहित चार मंदिरों को भी लॉक करने का निर्णय ले लिया गया. इसके आदेश रविवार शाम 7 बजे जारी किए गए. मंदिरों में नवरात्रि के लिए तैयारियां लगभग पूरी हो गई थी. दुकानदारों को उम्मीद थी कि इस बार चैत्र नवरात्रि में मेला लगने से आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, लेकिन संकट प्रबंधन समूह की बैठक के बाद लिए निर्णय ने दुकानदारों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. वहीं दर्शन लाभ नहीं मिलने से श्रद्धालुओं में भी निराशा है.
पिछले वर्ष कोरोना के कारण चैत्र और शारदीय नवरात्रि में भादवामाता में मेले का आयोजन नहीं हुआ था. श्रद्धालु दर्शन लाभ भी नहीं ले पाए थे. इस वर्ष फिर से अप्रैल माह में कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज है. इसको देखते हुए प्रशासन ने आनन-फानन में समूह की बैठक कर मेला निरस्त करने का निर्णय लिया.
दुकानदारों पर फिर आर्थिक संकट गहराया
मां भादवामाता मंदिर परिसर में करीब 150 दुकानदार है, जो खिलौने सहित अन्य सामग्री का विक्रय करते हैं. इन्हें साल में दो नवरात्रि के 20 दिन ही अच्छी ग्राहकी का इंतजार रहता है. पिछले वर्ष कोरोना के कारण लॉकडाउन में चार महीने तक दुकानें बंद रहने से उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था. इस बार भी लगभग वहीं स्थिति बन रही है.