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एक हजार शिवलिंग वाला सहस्त्रमुखेश्वर महादेव मंदिर, लोगों की है अगाध श्रद्धा

नीमच के कुकड़ेश्वर स्थित अति प्राचीन सहस्त्रमुखेश्वर महादेव मंदिर में सैकड़ों मुख वाले शिवलिंग विराजित हैं, जो भक्तों के लिए श्रद्धा और आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.

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Published : Nov 27, 2019, 12:56 PM IST

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एक ऐसा शिवलिंग जिसके है सैकड़ों मुख

नीमच। कुकड़ेश्वर स्थित अति प्राचीन महादेव मंदिर में सहस्त्रमुख शिवलिंग विराजित है. यहां स्थापित शिवलिंग में एक हजार शिवलिंग मुख उकेरे हुए हैं. ये मंदिर दूर-दूर तक प्रसिद्ध है. श्रद्धालुओं की इसमें अगाध आस्था है. इस मंदिर की देखरेख ग्वालियर स्टेट के ट्रस्ट के अंर्तगत होती है. सावन के अंतिम सोमवार को यहां भव्य शाही सवारी निकलती है.

यहां प्राचीन कुंड भी बना हुआ है. शिवलिंग के सहस्त्रमुख होने से सावन महीने में विशेष महत्व रहता है. भगवान सहस्त्रमुखेश्वर महादेव पर जल चढ़ाने और पूजा करने से सहस्त्र शिवलिंग की पूजन का पुण्य मिलता है. भक्तों का मानना है कि आज भी एक सर्प आकर भक्तों को दर्शन देता है.

नीमच। कुकड़ेश्वर स्थित अति प्राचीन महादेव मंदिर में सहस्त्रमुख शिवलिंग विराजित है. यहां स्थापित शिवलिंग में एक हजार शिवलिंग मुख उकेरे हुए हैं. ये मंदिर दूर-दूर तक प्रसिद्ध है. श्रद्धालुओं की इसमें अगाध आस्था है. इस मंदिर की देखरेख ग्वालियर स्टेट के ट्रस्ट के अंर्तगत होती है. सावन के अंतिम सोमवार को यहां भव्य शाही सवारी निकलती है.

यहां प्राचीन कुंड भी बना हुआ है. शिवलिंग के सहस्त्रमुख होने से सावन महीने में विशेष महत्व रहता है. भगवान सहस्त्रमुखेश्वर महादेव पर जल चढ़ाने और पूजा करने से सहस्त्र शिवलिंग की पूजन का पुण्य मिलता है. भक्तों का मानना है कि आज भी एक सर्प आकर भक्तों को दर्शन देता है.

Intro:ऐसा शिवलिंग जिसके हजारो मुख
पूरे उज्जैन सम्भाग में कहि नही ऐसा शिवलिंग Body:ऐसा शिवलिंग जिसके हजारो मुख
पूरे उज्जैन सम्भाग में कहि नही ऐसा शिवलिंग

नीमच जिले के कुकड़ेश्वर नगर के बार मुख्यमंत्री रह चुके सुंदरलाल पटवा के नगर में स्थित अतिप्राचीन सहस्त्रमुखेश्वर महादेव मंदिर सबसे अलग हैं। यहां विराजित शिवलिंग में ही एक हजार शिवलिंग मुख उकेर हुए हैं। यहां प्राचीन कुंड (तालाब) भी बना हुआ हैं। शिवलिंग के सहस्त्रमुख होने से सावन महीने में विशेष महत्व रहता है। भगवान सहस्त्रमुखेश्वर महादेव पर जल चढ़ाने और पूजा करने से सहस्त्र शिवलिंग की पूजन का पुण्य मिलता हैं।गर्मी के दिनों में मधुमखिया इस शिवलिंग में बैठती है वही भक्तो का मानना है के आज भी एक काल सर्प आकर भक्तो को दर्शन देता है ,वही इस मंदिर में विराजित शिवलिंग जैसा शिवलिंग पूरे उज्जैन सम्भाग में कही भी नही है मंदिर समिति द्वारा मंदिर की साज सज्जा के साथ विद्युत रोशनी व सुरक्षा के इंतजाम किए गए है !
हर सावन में यहां भव्य मेला भी लगता है जहां लाखो की संख्या में दर्शनार्थी आते है
कुकड़ेश्वर स्थित अतिप्राचीन सहस्त्रमुखेश्वर महादेव मंदिर में विराजित है शिवलिंग। इस मंदीर की देखरेख ग्वालियर स्टेट के ट्रस्ट के अंर्तगत होती है वही सावन के अंतिम सोमवार को भव्य शाही सवारी निकलती है जो पूरे जिले में सब से बड़ी शाही सवारी होती है

शिव भक्त
स्पेसल स्टोरीConclusion:
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