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श्री राम जन्मभूमि मर्यादा रक्षा सम्मेलन का आयोजन, देशभर के साधु संत हुए शामिल

आज नरसिंहपुर के परमहंसी गंगा आश्रम में विशाल श्री राम जन्मभूमि मर्यादा रक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के साधु संतों का जमावड़ा लगा.

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श्री राम जन्मभूमि मर्यादा रक्षा सम्मेलन का हुआ आयोजन
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Published : Mar 15, 2020, 9:27 PM IST

Updated : Mar 15, 2020, 11:02 PM IST

नरसिंहपुर। परमहंसी गंगा आश्रम में आज विशाल श्री राम जन्मभूमि मर्यादा रक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के साधु संत शामिल हुए. जहां साधु-संतों ने राम जन्मभूमि को लेकर अपनी अपनी बात रखी. ये कार्यक्रम जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के सानिध्य में रखा गया. इसमें राम जन्म भूमि को लेकर विचार विमर्श किया गया. संत समागम में 15 प्रस्ताव रखे गए, जिसमें सरकार के बनाए गए ट्रस्ट को स्वीकार नहीं करने के प्रस्ताव सहित सरकारी पैसे से मंदिर निर्माण ना होने का भी प्रस्ताव रहा.

श्री राम जन्मभूमि मर्यादा रक्षा सम्मेलन का हुआ आयोजन

वही शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि श्री राम का जीवन धर्म पर चलने की प्रेरणा देता है. राम भगवान हैं. वहीं नकली शंकराचार्य के विवाद पर उन्होंने कहा कि हिंदुओं का इस तरह विरोध करेंगे तो आप दरकिनार हो जाएंगे. हिंदू रीति रिवाज से आज भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए लोग हमारे साथ हैं. जो शंकराचार्य पद पर प्रतिष्ठित हो गए हैं उसका कर्तव्य है कि वो धर्म की बात करें. अब हम धर्माचार्य हैं और हम पार्टी निरपेक्ष हैं. हम चाहते हैं कि मंदिर के गर्भ गृह में ब्राह्मण पूजा करें, बाकी सब बाहर से दर्शन करें.

नरसिंहपुर। परमहंसी गंगा आश्रम में आज विशाल श्री राम जन्मभूमि मर्यादा रक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के साधु संत शामिल हुए. जहां साधु-संतों ने राम जन्मभूमि को लेकर अपनी अपनी बात रखी. ये कार्यक्रम जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के सानिध्य में रखा गया. इसमें राम जन्म भूमि को लेकर विचार विमर्श किया गया. संत समागम में 15 प्रस्ताव रखे गए, जिसमें सरकार के बनाए गए ट्रस्ट को स्वीकार नहीं करने के प्रस्ताव सहित सरकारी पैसे से मंदिर निर्माण ना होने का भी प्रस्ताव रहा.

श्री राम जन्मभूमि मर्यादा रक्षा सम्मेलन का हुआ आयोजन

वही शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि श्री राम का जीवन धर्म पर चलने की प्रेरणा देता है. राम भगवान हैं. वहीं नकली शंकराचार्य के विवाद पर उन्होंने कहा कि हिंदुओं का इस तरह विरोध करेंगे तो आप दरकिनार हो जाएंगे. हिंदू रीति रिवाज से आज भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए लोग हमारे साथ हैं. जो शंकराचार्य पद पर प्रतिष्ठित हो गए हैं उसका कर्तव्य है कि वो धर्म की बात करें. अब हम धर्माचार्य हैं और हम पार्टी निरपेक्ष हैं. हम चाहते हैं कि मंदिर के गर्भ गृह में ब्राह्मण पूजा करें, बाकी सब बाहर से दर्शन करें.

Last Updated : Mar 15, 2020, 11:02 PM IST
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