नरसिंहपुर: संस्कृति एवं पर्यटक केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल आज अपने गुरु श्री श्री बाबा श्री के जन्म उत्सव समारोह में नरसिंहपुर के गोटेगांव स्थित सत्य सरोवर धाम पहुंचे, जहां उन्होंने अपने गुरु के बताए हुए मार्ग निर्विकार पथ की विधियां, उन पर संकल्प के साथ कैसे चला जाए, इस पर ईटीवी से खास बातचीत करते हुए जीवन में गुरु के महत्व को साझा किया.
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा, गुरु परंपरा सनातन धर्म से चली आ रही है. जब भी समय काल परिस्थितियों के आधार पर कुछ आंशिक परिवर्तन लोकाचार व्यवहार में जरूरी होते हैं. उस आधार पर सनातन की परंपरा में घुड़ और गिलीत व्यवस्थाएं होती हैं. साधक जिसे देख पाता है और लोगों में बांट पाता है, उस परंपरा में यह निर्विकार पद की विधियां हैं. जो लोग समय पर इनको करते हैं और किसी को फैसला नहीं करना है, स्वयं को भी उनकी आत्मा, उनका अंतर मन ही फैसला करता है कि मार्ग ठीक है या नहीं जो लोग नहीं चल पाते हैं आहार के संयम के साथ वह भी कभी इसके बारे में नकारात्मक नहीं हो पाते हैं.
विधियां उसी को दी जाएं जो आहार का संयम रखे
आदमी को एहसास होता है कि मेरे संकल्प में विकल्प खोज लिया है. लेकिन विधियों पर उंगली उठा नहीं पाता है. श्री श्री परम बाबा श्री जी ने यह कहा है कि विधियां उसी को दी जाएं जो कम से कम आहार का संयम रखे. यह पहली प्राथमिकता है आहार का संयम निर्विकार पद नहीं है, यह उसकी पहली परंपरा है, पहला संकल्प है और इसके बाद वह समय पर विधियां करें तो अवश्य ही फलीभूत होती हैं. यह पथ अपना एक अनुभव है और एक अनुभूति है, इसलिए यहां पथिक आते हैं और गुरु चरणों में आभार व्यक्त करते हैं.
आहार का संयम
श्री श्री परम बाबा श्री जी ने यह कहा है कि विधियां उसी को दी जाएं, जो कम से कम आहार का संयम रखें यह पहली प्राथमिकता है. आहार का संयम निर्विकार पद नहीं है. यह उसकी पहली परंपरा, पहला संकल्प है और इसके बाद वह समय पर विधियां करे तो वे अवश्य ही फलीभूत होती हैं. यह पथ अपना एक अनुभव है और एक अनुभूति है, इसलिए यहां पथिक आते हैं और गुरु चरणों में आभार व्यक्त करते हैं.