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नरसिंहपुर: बेमौसम बारिश की भेंट चढ़ा हजारों क्विंटल गेहूं, खरीदी केंद्र की बदइंतजामी बनी वजह

पिछले दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश गोटेगांव में बर्बादी का कारण बनती जा रही है.खरीदी केंद्रों में रखा हजारों क्विंटल गेंहू बारिश की भेंट चढ़ रहा है लेकिन प्रशासन तमाशबीन बना हुआ है.

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Published : Apr 17, 2019, 9:37 PM IST

बेमौसम बारिश की भेंट चढ़ा हजारों क्विंटल गेहूं

नरसिंहपुर। पिछले दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश गोटेगांव में बर्बादी का कारण बनती जा रही है और प्रशासनिक लापरवाही से खरीदी केंद्रों में रखा हजारों क्विंटल गेंहू बारिश की भेंट चढ़ रहा है लेकिन प्रशासन तमाशबीन बना हुआ है.

गोटेगांव तहसील के बगासपुर श्रीनगर में प्रशासन ने एमएसपी पर गेंहू खरीदी के लिए खरीदी केंद्र बनाए, लेकिन भंडारण के पर्याप्त इंतजाम न होने से किसानों से खरीदा हजारों क्विंटल गेंहू खुले में ही रखा हुआ है. वहीं सबसे ज्यादा परेशानी उन किसानों की है जो एक-एक सप्ताह से अपनी बारी आने का इंतज़ार कर रहे हैं पर न उनके पास अपने अनाज को बारिश से बचाने की जगह मिल रही है और न ही खरीदी केंद्रों में अनाज को बारिश के बानी से बचाने का कोई इंतजाम है.

बेमौसम बारिश की भेंट चढ़ा हजारों क्विंटल गेहूं

प्रशासन है जिम्मेदार
खरीदी केंद्रों में गेहूं लेकर आये किसान बदइंतजामी को लेकर सीधे-सीधे प्रशासन को सवालों के कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि पर्याप्त इंतजाम न होने से बर्बादी का खामियाजा प्रशासन के साथ-साथ किसानों को भी उठाना पड़ रहा है. जो गेहूं खरीदी केंद्र द्वारा खरीदा जा चुका है वह गीला होकर बर्बाद हो रहा है, साथ ही तीन-तीन दिन से खरीदी केंद्रों में पड़े किसानों का गेहूं भी बारिश की भेंट चढ़ने लगा है.

सरकार नहीं ले रही सबक
बीते साल भी इन्हीं खरीदी केंद्रों पर लाखों क्विंटल समर्थन मूल्य में खरीदा गया अनाज बारिश की भेंट चढ़ा था और उसके बाद अनाज वहीं पड़े-पड़े अंकुरित भी हो गया था. जिससे प्रदेश सरकार को करोड़ों का चूना लगा था. बावजूद इसके प्रशासन ने ना ही कोई सबक लिया और ना ही कोई इंतजामात किए. ऐसे हाल में एक बार फिर आसमानी आफत प्रशासन के साथ-साथ किसानों के लिए भी मुसीबत का सबब बनी हुई है.

वहीं एसडीएम जी. सी. डहेरिया ने कहा कि नुकसान के लिए खरीदी केंद्रों की प्रबंधन समितियां जिम्मेदार हैं. उन्होंने जांच टीम द्वारा नुकसान का आंकलन कर कार्रवाई करने की बात कही हैं.

नरसिंहपुर। पिछले दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश गोटेगांव में बर्बादी का कारण बनती जा रही है और प्रशासनिक लापरवाही से खरीदी केंद्रों में रखा हजारों क्विंटल गेंहू बारिश की भेंट चढ़ रहा है लेकिन प्रशासन तमाशबीन बना हुआ है.

गोटेगांव तहसील के बगासपुर श्रीनगर में प्रशासन ने एमएसपी पर गेंहू खरीदी के लिए खरीदी केंद्र बनाए, लेकिन भंडारण के पर्याप्त इंतजाम न होने से किसानों से खरीदा हजारों क्विंटल गेंहू खुले में ही रखा हुआ है. वहीं सबसे ज्यादा परेशानी उन किसानों की है जो एक-एक सप्ताह से अपनी बारी आने का इंतज़ार कर रहे हैं पर न उनके पास अपने अनाज को बारिश से बचाने की जगह मिल रही है और न ही खरीदी केंद्रों में अनाज को बारिश के बानी से बचाने का कोई इंतजाम है.

बेमौसम बारिश की भेंट चढ़ा हजारों क्विंटल गेहूं

प्रशासन है जिम्मेदार
खरीदी केंद्रों में गेहूं लेकर आये किसान बदइंतजामी को लेकर सीधे-सीधे प्रशासन को सवालों के कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि पर्याप्त इंतजाम न होने से बर्बादी का खामियाजा प्रशासन के साथ-साथ किसानों को भी उठाना पड़ रहा है. जो गेहूं खरीदी केंद्र द्वारा खरीदा जा चुका है वह गीला होकर बर्बाद हो रहा है, साथ ही तीन-तीन दिन से खरीदी केंद्रों में पड़े किसानों का गेहूं भी बारिश की भेंट चढ़ने लगा है.

सरकार नहीं ले रही सबक
बीते साल भी इन्हीं खरीदी केंद्रों पर लाखों क्विंटल समर्थन मूल्य में खरीदा गया अनाज बारिश की भेंट चढ़ा था और उसके बाद अनाज वहीं पड़े-पड़े अंकुरित भी हो गया था. जिससे प्रदेश सरकार को करोड़ों का चूना लगा था. बावजूद इसके प्रशासन ने ना ही कोई सबक लिया और ना ही कोई इंतजामात किए. ऐसे हाल में एक बार फिर आसमानी आफत प्रशासन के साथ-साथ किसानों के लिए भी मुसीबत का सबब बनी हुई है.

वहीं एसडीएम जी. सी. डहेरिया ने कहा कि नुकसान के लिए खरीदी केंद्रों की प्रबंधन समितियां जिम्मेदार हैं. उन्होंने जांच टीम द्वारा नुकसान का आंकलन कर कार्रवाई करने की बात कही हैं.

Intro:पिछले दो दिनों से रुक रुक कर जारी बारिश फिर गोटेगांव में बर्बादी का कारण बनती जा रही है और प्रशासनिक लापरवाही से ख़रीदी केंद्रों में रखा हजारो किविंटल गेंहू बारिश की भेंट चढ़ रहा है लेकिन प्रशासन तमाशबीन बना हुआ हैBody:एंकर - पिछले दो दिनों से रुक रुक कर जारी बारिश फिर गोटेगांव में बर्बादी का कारण बनती जा रही है और प्रशासनिक लापरवाही से ख़रीदी केंद्रों में रखा हजारो किविंटल गेंहू बारिश की भेंट चढ़ रहा है लेकिन प्रशासन तमाशबीन बना हुआ है

वीओ 01 - गोटेगांव तहसील के बगासपुर,श्रीनगर में प्रशासन द्वारा एमएसपी पर गेंहू खरीदी के लिए खरीदी केंद्र बनाए गए लेकिन भंडारण के पर्याप्त इंतजाम न होने से किसानों से खरीदा हजारो किविंटल गेंहू खुले में ही रख छोड़ा और जिले में दो दिन से हो रही बारिश की भेंट चढ़ता जा रहा है जिससे प्रदेश सरकार को करोड़ो का चूना लगता नजर आ रहा है वही सबसे ज्यादा परेशानी उन किसानों की है तो एक एक सप्ताह से अपनी बारी आने का इंतज़ार कर रहे है पर न उनके पास अपने अनाज को बारिश से बचाने जगह मिल रही है और न ही ख़रीदी केंद्रों में बचाव के कोई इंतजाम है ऐसे हाल में किसानों का गेंहू भी खुले में बारिश की भेंट चढ़ रहा है और गीला गेंहू न ही खरीदी केंद्र में लिया जाएगा वही व्यापारी भी ओने पौने दामो में किसानों का अनाज लेंगे जिससे किसानों को दोहरी मार झेलने पर मजबूर होना पड़ेगा

बाइट - खेमसिंग पटेल ,पीड़ित किसान

बाइट - महेश ,पीड़ित किसान

वीओ 02 - खरीदी केंद्रों में गेंहू लेकर आये किसान बदइंतजामी को लेकर सीधे सीधे प्रशासन को सवालों के कटघरे में खड़ा कर रहे है किसानों का आरोप है कि पर्याप्त इंतजाम न होने से बर्बादी का खामियाजा प्रशासन के साथ साथ किसानों को भी उठाना पड़ रहा है जो गेंहू खरीदी केंद्र द्वारा खरीदा जा चुका है वह तो गीला होकर बर्बाद हो ही रहा है वही खरीदी की कछुआ चाल से तीन तीन दिन से खरीदी केंद्रों में पड़े किसानों का गेंहू भी बारिश की भेंट चढ़ने लगा है

बाइट - विनीत पटेल ,किसान

वीओ 03 - इस आसमानी आफत ने फिर एक बार अन्नदाता के उपज पर बर्बादी की इबारत लिख दी है और अधिकारी तमाशबीन बने हुए है खरीदी केंद्रों की मॉनिटरिंग देखने वाले राजस्व अधिकारी को सब कुछ सामान्य ही नजर आ रहा है हालांकि नुकसान के लिए वह खरीदी केंद्रों की प्रबंधन समितियों को दोषी करार देते हुए जांच टीम द्वारा नुकसान का आंकलन कर जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही की बात कहते नजर आ रहे है

बाइट - जी सी डहेरिया ,एसडीएम गोटेगांव

साइन आउट - बीते साल भी इन्हीं खरीदी केंद्रों पर लाखों कुंटल समर्थन मूल्य में खरीदा गया अनाज बारिश की भेंट चढ़ा था और उसके बाद अनाज वहीं पड़े पड़े अंकुरित भी हो गया था जिससे प्रदेश सरकार को करोड़ों का चूना लगा था बावजूद इसके प्रशासन ने ना ही कोई सबक लिया और ना ही कोई इंतजाआत किए ऐसे हाल में एक बार फिर आसमानी आफत प्रशासन के साथ-साथ किसानों के लिए भी मुसीबत का सबब बनी हुई है और जिले में हावी अफसरशाही उनकी तकलीफों और बढ़ा रही है

जिला नरसिंहपुर विधानसभा गोटेगांव राहुल खेमरियाConclusion:बीते साल भी इन्हीं खरीदी केंद्रों पर लाखों कुंटल समर्थन मूल्य में खरीदा गया अनाज बारिश की भेंट चढ़ा था और उसके बाद अनाज वहीं पड़े पड़े अंकुरित भी हो गया था जिससे प्रदेश सरकार को करोड़ों का चूना लगा था बावजूद इसके प्रशासन ने ना ही कोई सबक लिया और ना ही कोई इंतजाआत किए ऐसे हाल में एक बार फिर आसमानी आफत प्रशासन के साथ-साथ किसानों के लिए भी मुसीबत का सबब बनी हुई है और जिले में हावी अफसरशाही उनकी तकलीफों और बढ़ा रही है
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