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पाले से इस प्रकार किसान बचा सकते हैं फसल, करने होंगे ये उपाय

नरसिंहपुर में पाला पड़ने से अन्नदाता की मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है, जिले के कृषि विस्तार अधिकारी ने किसानों को कुछ सुझाव दिए हैं.

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सांकेतिक चित्र
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Published : Dec 21, 2020, 7:59 PM IST

Updated : Dec 21, 2020, 9:22 PM IST

नरसिंहपुर। किसानों पर अब संकट के बादल मंडराने लगे हैं. सितंबर में खराब हुई सोयाबीन की फसल के बाद अब अरहर की फसल खराब होते की दिखाई दे रहे हैं. फसलों पर पाला पड़ने से किसानों पर दोगुनी मार पड़ी है. उन किसानों को ज्यादा चिंता सता रही है जो दूसरे की खेती लेकर खेत पर फसल उगाते हैं. नरसिंहपुर के एक किसान ने फसल पर पाला लगने का वीडियो वायरल किया था. जिसमें उसने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी.

बारिश के बाद सर्दी का मौसम बड़ा खुशनुमा होता है लेकिन नरसिंहपुर के किसानों पर तो मौसम की मार लगातार पड़ रही है. खासकर अरहर फसल की बात करें तो उस पर पाला पड़ गई है. हालांकि कृषि विभाग किसानों को फसल की रखरखाव की समय-समय पर जानकारी देता है लेकिन अचानक बड़ी ठंड से फसलों पर नुकसान हुआ है.

नरसिंहपुर जिले के नर्मदा तटीय क्षेत्रों में और जंगल से लगे हुए खेतों में कई जगहों पर पाला पड़ने की जानकारी है. नरसिंहपुर के गोटेगांव ब्लॉक चिरचिटा में भी किसान के खेत में पाला पड़ गया है.

लागत निकलना मुश्किल

चिरचिटा गांव के किसान कृष्णपाल लोधी किसी और की जमीन पर खेती करते हैं. उन्हें फायदा का महज 30 फीसदी ही मिलता है. उन्होंन बताया कि हम पर दोहरी मार पड़ी है. हाल ही में सोयाबीन की फसल खत्म हो गई थी. हमें अरहर की फसल से उम्मीद थी, लेकिन अब उससे भी उम्मीद टूटती नजर आ रही है. क्योंकि, अब तो फसल की लागत निकलना भी मुश्किल है.

सितंबर में ही नष्ट हुई थी सोयाबीन की फसल

नरसिंहपुर जिले में सितंबर माह में हुई अधिक बारिश ने भारी नुकसान पहुंचाया था. नुकसान इतना ज्यादा था कि कई किसानों ने अपने खेतों में मवेशियों को छोड़ दिया था. भौंरझिर, सूरना, लिंगा, घघरौला, पटना, नयागांव नर्मदा पट्टी करहैया, सलैया, मुड़िया, तिगंवा आदि गांवों के किसानों ने सोयाबीन सहित अन्य फसलों में हुए नुकसान का मुआवजा देने मांग की. किसान अपने-अपने घरों से शंख, थाली लेकर पहुंचे और बजाते हुए सरकार से मांग दोहराई कि उनकी फसल का सर्वे कराकर मुआवजा दिया जाए. लेकिन प्रशासन ने कोई सहयोग नहीं किया था.

कृषि विस्तार अधिकारी ने बताया कि पाला से बचाने के लिए किसान भाई दो परसेंट सल्फर का स्प्रे करें. खासकर मसहूर और चना की फसल पर, जिससे फसल पर पाला से बचाव होगा. शाम का टाइम खेतों की मेड़ों पर धुंआ करने से की फसलों को बचाओं होगा.

नरसिंहपुर। किसानों पर अब संकट के बादल मंडराने लगे हैं. सितंबर में खराब हुई सोयाबीन की फसल के बाद अब अरहर की फसल खराब होते की दिखाई दे रहे हैं. फसलों पर पाला पड़ने से किसानों पर दोगुनी मार पड़ी है. उन किसानों को ज्यादा चिंता सता रही है जो दूसरे की खेती लेकर खेत पर फसल उगाते हैं. नरसिंहपुर के एक किसान ने फसल पर पाला लगने का वीडियो वायरल किया था. जिसमें उसने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी.

बारिश के बाद सर्दी का मौसम बड़ा खुशनुमा होता है लेकिन नरसिंहपुर के किसानों पर तो मौसम की मार लगातार पड़ रही है. खासकर अरहर फसल की बात करें तो उस पर पाला पड़ गई है. हालांकि कृषि विभाग किसानों को फसल की रखरखाव की समय-समय पर जानकारी देता है लेकिन अचानक बड़ी ठंड से फसलों पर नुकसान हुआ है.

नरसिंहपुर जिले के नर्मदा तटीय क्षेत्रों में और जंगल से लगे हुए खेतों में कई जगहों पर पाला पड़ने की जानकारी है. नरसिंहपुर के गोटेगांव ब्लॉक चिरचिटा में भी किसान के खेत में पाला पड़ गया है.

लागत निकलना मुश्किल

चिरचिटा गांव के किसान कृष्णपाल लोधी किसी और की जमीन पर खेती करते हैं. उन्हें फायदा का महज 30 फीसदी ही मिलता है. उन्होंन बताया कि हम पर दोहरी मार पड़ी है. हाल ही में सोयाबीन की फसल खत्म हो गई थी. हमें अरहर की फसल से उम्मीद थी, लेकिन अब उससे भी उम्मीद टूटती नजर आ रही है. क्योंकि, अब तो फसल की लागत निकलना भी मुश्किल है.

सितंबर में ही नष्ट हुई थी सोयाबीन की फसल

नरसिंहपुर जिले में सितंबर माह में हुई अधिक बारिश ने भारी नुकसान पहुंचाया था. नुकसान इतना ज्यादा था कि कई किसानों ने अपने खेतों में मवेशियों को छोड़ दिया था. भौंरझिर, सूरना, लिंगा, घघरौला, पटना, नयागांव नर्मदा पट्टी करहैया, सलैया, मुड़िया, तिगंवा आदि गांवों के किसानों ने सोयाबीन सहित अन्य फसलों में हुए नुकसान का मुआवजा देने मांग की. किसान अपने-अपने घरों से शंख, थाली लेकर पहुंचे और बजाते हुए सरकार से मांग दोहराई कि उनकी फसल का सर्वे कराकर मुआवजा दिया जाए. लेकिन प्रशासन ने कोई सहयोग नहीं किया था.

कृषि विस्तार अधिकारी ने बताया कि पाला से बचाने के लिए किसान भाई दो परसेंट सल्फर का स्प्रे करें. खासकर मसहूर और चना की फसल पर, जिससे फसल पर पाला से बचाव होगा. शाम का टाइम खेतों की मेड़ों पर धुंआ करने से की फसलों को बचाओं होगा.

Last Updated : Dec 21, 2020, 9:22 PM IST
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