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कलेक्टर के निर्देश पर किया गया टीमों का गठन, चना उपार्जन केंद्रों की होगी जांच - उपार्जन केंद्रों में भ्रष्टाचार

नरसिंपुर जिले के चना उपार्जन केंद्रों में भ्रष्टाचार की लगातार शिकायते आ रही हैं, जिसको लेकर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने एक जांच टीम गठित की है. जो उपार्जन केंद्रों में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच करेगी. अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि, उपार्जन केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण करें और गलती पाए जाने पर कार्रवाई करें.

Team formed to investigate gram procurement centers in Narsinghpur
चना उपार्जन केंद्रों की जांच के लिए टीम गठित
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Published : Jun 2, 2020, 9:03 PM IST

नरसिंपुर। जिले के चना उपार्जन केंद्रों में भ्रष्टाचार की लगातार शिकायतें आ रही हैं. किसानों से अनाज तौलने की एवज में समितियां और पल्लेदार वसूली कर रहे हैं. इसी को देखते हुए कलेक्टर दीपक सक्सेना ने एक जांच टीम गठित की है. जो उपार्जन केंद्रों में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच करेगी. अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि उपार्जन केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण करें और गलती पाए जाने पर कार्रवाई करें.

चना उपार्जन केंद्रों की जांच और निगरानी के लिए दो दलों का गठन किया गया है. जिसमें से पहले दल में ADM मनोज ठाकुर, GM, CCB आर पी पटले एवं DSO राजीव शर्मा को शामिल किया गया है. जबकि दूसरे दल में जिला पंचायत CEO कमलेश भार्गव, DDS राजेश त्रिपाठी और DRCS जेपी निगम शामिल हैं. दल उपार्जन केंद्रों पर जाकर निम्न बिंदुओं पर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं-

  • उपार्जित चना की गुणवत्ता, बोरियों की रेंडम आधार पर जांच की जाए. बोरियों पर यदि टैंगिग नहीं हो तो इसे गंभीर अनियमितताओं में शामिल किया जाए.
  • शिकमी काश्तकारों के पंजीयन दस्तावेज की वैधता की जांच की जाए. जिसमें मूल किसान से पुष्टि कराई जाए कि शिकमीनामा वैध है. संदेहास्पद होने पर स्टाम्प व नोटरी की भी जांच की जाए.
  • जांच किया जाए कि, उपार्जन केन्द्र का संचालन शासन निर्देशानुसार हो रहा है अथवा नहीं.
  • गोदाम संचालक द्वारा किसानों के लिये छाया-पानी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है अथवा नहीं.
  • अन्य कोई भी बिन्दु जो जांच समिति उपयुक्त समझे.
  • यदि किसी तरह की अनियमितता पाई जाती है, तो दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए और जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को प्रस्तुत किए जाएं.

नरसिंपुर। जिले के चना उपार्जन केंद्रों में भ्रष्टाचार की लगातार शिकायतें आ रही हैं. किसानों से अनाज तौलने की एवज में समितियां और पल्लेदार वसूली कर रहे हैं. इसी को देखते हुए कलेक्टर दीपक सक्सेना ने एक जांच टीम गठित की है. जो उपार्जन केंद्रों में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच करेगी. अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि उपार्जन केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण करें और गलती पाए जाने पर कार्रवाई करें.

चना उपार्जन केंद्रों की जांच और निगरानी के लिए दो दलों का गठन किया गया है. जिसमें से पहले दल में ADM मनोज ठाकुर, GM, CCB आर पी पटले एवं DSO राजीव शर्मा को शामिल किया गया है. जबकि दूसरे दल में जिला पंचायत CEO कमलेश भार्गव, DDS राजेश त्रिपाठी और DRCS जेपी निगम शामिल हैं. दल उपार्जन केंद्रों पर जाकर निम्न बिंदुओं पर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं-

  • उपार्जित चना की गुणवत्ता, बोरियों की रेंडम आधार पर जांच की जाए. बोरियों पर यदि टैंगिग नहीं हो तो इसे गंभीर अनियमितताओं में शामिल किया जाए.
  • शिकमी काश्तकारों के पंजीयन दस्तावेज की वैधता की जांच की जाए. जिसमें मूल किसान से पुष्टि कराई जाए कि शिकमीनामा वैध है. संदेहास्पद होने पर स्टाम्प व नोटरी की भी जांच की जाए.
  • जांच किया जाए कि, उपार्जन केन्द्र का संचालन शासन निर्देशानुसार हो रहा है अथवा नहीं.
  • गोदाम संचालक द्वारा किसानों के लिये छाया-पानी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है अथवा नहीं.
  • अन्य कोई भी बिन्दु जो जांच समिति उपयुक्त समझे.
  • यदि किसी तरह की अनियमितता पाई जाती है, तो दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए और जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को प्रस्तुत किए जाएं.
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